ज्यदा खुशनसीब मानती हूं खुद को क्युकी मुझे मेरे नाम की विरासत में मुझे प्यार मिला है अगर मै नेह हूं तो मेरे आस पास रहने वाले मेरे स्नेह है सुकर गुज़ार हूं उन मां बाप का जिहोन मुझे इस संसार की सबसे महंगी चीज में संस्कार दिए है कि लोग मुझे मेरे संस्कारो से पहचानते है ..... ज़िन्दगी में हर शक्स से सीखती हूं और अपनों से छोटो को सिखाती हूं या अल्लाह तुझसे यही दुआ मांगती हूं की तेरी रहमत सब पर रखना जिसका इंतजार ज़िन्दगी में है बस उसे मेरी ज़िन्दगी में लिख देना ... बाकी मुझे अपनी ज़िन्दगी में कुछ नहीं चाहिए...... एक कवित्री हूं बस इतना लिखती लिखती हूं अपने भावों को जितना मै खुद को समझा सकु दूसरो के सामने .. मैने अपनी पहली बुक लिखी हैं - स्नेह के पन्ने by Neha Singh मै फुरसत मिले तो कभी तों बुक के पन्नों को पलट कर देखना..... @vibe Neha singh.....
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