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saorabhsharma7071
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saurabh aniket sharma

हमने उसके लिए सारी दुनिया छोड़ दी थी और उसने सारी दुनिया के लिए हमें छोड़ दिया

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saurabh aniket sharma

कुछ माँ का दूध कुछ  बाप  का   पसीना   है 
दिल  है  मेरा फूल सा ,फौलाद  का  सीना है 

आ दो  दो  हाथ आज, हो   ही   लें   समंदर 
तू  है बहाव में मेरा, पुरशिग़ाफ* सफ़ीना* है 

दिखी जहाँ  इबादतगाह*  कर देतें हैं सजदा 
न  किया  गौर कभी है काशी   कि मदीना है 

एक सा एहतराम* है दोनों  का  इस  दिल में 
दीवाली के दिन हैं  या रमज़ान का महीना है  

कहाँ  आएंगे शंकर अब कलयुग के   दौर  में 
अपने  हिस्से का ज़हर हमें   ख़ुद ही पीना है 

भूखे  पेट न सोने  देगा विधाता कभी तुझको
बेफिक्र रह जो तेरा,निवाला किसी ने छीना है

उसके रईस होने  का क्या फायदा  किसी को 
जो शख़्स     परले    दर्जे    का   कमीना   है 

सता ले कितना भी तू , 'सौरभ' को  ए ज़िन्दगी 
तुझे  तो   हमने   छाती   ठोक    के जीना  है 
✍सौरभ अनिकेत शर्मा #depression
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saurabh aniket sharma

सोच रहा हूँ तुम्हें ख़त लिखूं खत में इश्क़ लिखूं
सुकूँ लिखूं हर लफ़्ज़ में तुज़े हीँ लिखूं

इत्फ़ाक से मुलाक़ात हुई थीं हमारी वो लिखूं
या मुलाकातों में चाय क़ी आदते हों गई लिखूं

वो हमदोनों क़ी तेज़ धड़कने लिखूं 
या तुम्हारी आँखों क़े खाँमोश इशारे लिखूं

घर जात जाते तुम्हारे पलट कर हँसने वाले नख़रे लिखूं
या तुम्हें थोड़ी देर औऱ रोक लू वो लिखू

में इतना मजबूर होंगया हूँ अब क्या लिखूं
सारी नज्में ग़ज़ल तुम्हारे नाम हैं अब औऱ क्या लिखूं

रातों कों नींद नहीं आतीं क्या लिखूं
बार बार करवतें बदलना लिखूं

या आँख बंद कर क़े तुम्हारा ख़्वाब लिखूं
बतातो अब ओर क्या लिखूं 

जाते जाते तुम्हें आखिर तक हँसते लिखूं
हमें पलट क़े दिखने क़ि वो अदा लिखूं
✍सौरभ अनिकेत शर्मा #Barrier

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saurabh aniket sharma

ऑसू वो नही जो
अश्क बनकर बह जाते है
ऑसू तो वो है जो दर्द बनकर
ऑखो में बस जाते है
ऑसू वो नहीं जो खुद बहकर
दूसरों को भी रूला दे
ऑसू तो वो है जो दूसरो की ऑखों को
खुशियों का मोती बनकर सजा दे
ऑसू वो नहीं जो किसी के
जाने के बाद बहते ही रहे
ऑसू तो वो है जो किसी के 
जाने के बाद भी उसकी 
यादों के सहारे जीना सिखा दे।
✍सौरभ अनिकेत शर्मा #Barrier

8 Love

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saurabh aniket sharma

Zindgi per kitab likhunga...
Us mai sarey hisab likhunga....

Pyar ko waqt guzari lik kar.....
Chahton ko azaab likhunga..,

Hui barbad m0habbat kaisey....
Kaisey bikhry hain khuwab likhunga.....

Apni khwahish ka tazkra kar k....
Naam tera jawab likhunga....

Teri ankhain sharab ki manind.....
Tera chehra gulaab likhunga....

Mai tuj se judai ka sabab....
Apni kismat kharab likhunga...
✍saurabh aniket sharma #antichildlabourday
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saurabh aniket sharma

पयाम आए हैं उस यार-ए-बेवफ़ा के मुझे 
जिसे क़रार न आया कहीं भुला के मुझे 

जुदाइयाँ हों तो ऐसी कि उम्र भर न मिलें 
फ़रेब दो तो ज़रा सिलसिले बढ़ा के मुझे 

नशे से कम तो नहीं याद-ए-यार का आलम 
कि ले उड़ा है कोई दोश पर हवा के मुझे

मैं ख़ुद को भूल चुका था मगर जहाँ वाले 
उदास छोड़ गए आईना दिखा के मुझे 

तुम्हारे बाम से अब कम नहीं है रिफ़अत-ए-दार 
जो देखना हो तो देखो नज़र उठा के मुझे 

खिंची हुई है मिरे आँसुओं में इक तस्वीर 
'सौरभ ' देख  रहा है वो मुस्कुरा के मुझे 
 ✍सौरभ अनिकेत शर्मा #antichildlabourday
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saurabh aniket sharma

फूल महके यूं फ़िज़ा में रुत सुहानी मिल गई 
दिल में ठहरे एक दरिया को रवानी मिल गई 

घर से निकला है पहनकर जिस्म ख़ुशबू का लिबास
लग रहा है गोया इसको रातरानी मिल गई 

कुछ परिंदों ने बनाए आशियाने शाख़ पर
गाँव के बूढ़े शजर को फिर जवानी मिल गई
 
आ गए बादल ज़मीं पर सुनके मिट्टी की सदा
सूखती फ़सलों को पल में ज़िंदगानी मिल गई 

माँ की इक उँगली पकड़कर हँस रहा बचपन मेरा
एक अलबम में वही फोटो पुरानी मिल गई 

जी ये चाहे उम्र भर मैं उसको ही पढ़ता रहूँ
याद की खिड़की पे बैठी इक कहानी मिल गई 
✍सौरभ अनिकेत शर्मा #antichildlabourday
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saurabh aniket sharma

किस रास्ते जायें हम तु ही बता
जिसमें तेरी यादों का चेहरा नजर न आयें
मुझको कभी

किस हद तक दिल को ये समझायें
अब इस जहां में तेरे सिवा अब मेरा कोई 
रहबर है नहीं

तेरी लवों को तबस्सुम गुल बन मिले
मेरे दामन में काँटों के अलावा और
 कुछ भी है नहीं

मेरी जिक्र मेरी फ़िक्र न करना तु अब कभी
मैं काबूस हूँ खामख्वाह अपना दिल तु
जलाना नहीं

गायबाना ये अमीक कर मैं सहम जाता हूँ "सौरभ "
वो रहनुमा है मेरी गली आने की गुस्ताखी
कर न जाये कभी..!!
   ✍सौरभ अनिकेत शर्मा #weather

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saurabh aniket sharma

नए नए करतब दिखलाए जादूगर
दुनिया का मतलब समझाए जादूगर

तुम कहते हो हरदम हस्ता रहता है
आँसू पर पेबंद लगाए जादूगर

देख के उसको यूँ सारे ताली पीटे
ऊँचाई से जब गिरजाए जादूगर

बाकी तो पानी से आग बुझाते है
और पानी में आग लगाए जादूगर

सारे दर्ज़ी कपड़े काटा करते है
इंसा के टुकड़े कर जाए जादूगर

लोग यहाँ चिंगारी से डर जाते है
अपने मुहँ से आग उड़ाए जादूगर

लिखना तो अलफ़ाज़ की हेरा फेरी है
खुद को अब सौरभ  बताए जादूगर
✍सौरभ अनिकेत शर्मा #newday

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saurabh aniket sharma

महके हैं दिलों में फूल सनम बारिश के सुहाने मौसम में।
हम भी तो करें कुछ भूल सनम बारिश के सुहाने मौसम में।

बादल की सुनी जब सरगोशी बहके हैं क़दम पुरवाई के
बूंदों ने छुआ जब शाख़ों को झोंके महके अमराई के

टूटे हैं सभी के उसूल सनम बारिश के सुहाने मौसम में।
महके हैं दिलों में फूल सनम बारिश के सुहाने मौसम में।

यादों का मिला जब सिरहाना बोझिल पलकों के साए हैं
हलकी सी हवा ने दस्तक दी सजनी कॊ लगा वॊ आए हैं

चुभते हैं जिया में शूल सनम बारिश के सुहाने मौसम में।
महके हैं दिलों में फूल सनम बारिश के सुहाने मौसम में।

ये चांद पुराना आशिक़ है दिखता है कभी छिप जाता है
छेड़े है कभी ये बिजुरी को बदरी से कभी बतियाता है

ये इश्क़ नहीं है फ़िज़ूल सनम बारिश के सुहाने मौसम में।
महके हैं दिलों में फूल सनम बारिश के सुहाने मौसम में.
✍सौरभ अनिकेत शर्मा #newday

9 Love

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saurabh aniket sharma

नग़मा-ओ-शेर की सौगात किसे पेश करूँ
ये छलकते हुए जज़बात किसे पेश करूँ

शोख़ आँखों के उजालों को लुटाऊं किस पर
मस्त ज़ुल्फ़ों की सियह रात किसे पेश करूँ

गर्म सांसों में छिपे राज़ बताऊँ किसको
नर्म होठों में दबी बात किसे पेश करूँ

कोइ हमराज़ तो पाऊँ कोई हमदम तो मिले
दिल की धड़कन के इशारत किसे पेश करूँ
नग़मा-ओ-शेर की सौगात किसे पेश करूँ
ये छलकते हुए जज़बात किसे पेश करूँ

शोख़ आँखों के उजालों को लुटाऊं किस पर
मस्त ज़ुल्फ़ों की सियह रात किसे पेश करूँ

गर्म सांसों में छिपे राज़ बताऊँ किसको
नर्म होठों में दबी बात किसे पेश करूँ

कोइ हमराज़ तो पाऊँ कोई हमदम तो मिले
दिल की धड़कन के इशारत किसे पेश करूँ
✍सौरभ अनिकेत शर्मा #RaysOfHope
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