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abdulrahman5650
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Abdul Rahman

हमेशा एक बहतर इंसान बनने की कोशिश करें बहतर इंसान मरने का बाद भी जिंदा रहता है ..

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Abdul Rahman

गौर से देखते रहने की सजा पायी है 
तेरी तस्वीर इन आंखो मै उतर आयी है

©Abdul Rahman गौर से देखते ...

#OneSeason

गौर से देखते ... #OneSeason

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Abdul Rahman

वो जो सूरत पे सब की हसते है .
उन को तोहफ़े मै आईना दूंगा . wo
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Abdul Rahman

सच कहूँ मुझ को ये ......

सच कहूँ मुझ को ये ......

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Abdul Rahman

मै तुम्हे दूर से देखूंगा मुलाकात नहीं करूंगा 
लोग तुम्हे गलत समझे ऐसे हालात नहीं करूंगा 

तुम डरना मत भरोसा रखना मुझपे 
मै तेरे बारे मै किसी से बात नहीं करूंगा
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Abdul Rahman

 उसका हक है ....

उसका हक है .... #nojotophoto

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Abdul Rahman

हकीकत रूबरू होतो ......

हकीकत रूबरू होतो ......

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Abdul Rahman

#OpenPoetry ये बदन किस लिये सूखा है तुम्हें क्या मालूम
ख़ून" हालात "ने "चूसा" है तुम्हें क्या मालूम

                लड़खड़ाते हुए "क़दमों" की तरफ़ मत देखो
                ये " शराबी " नहीं "भूखा" है तुम्हें क्या मालूम

जिसको लाये हो अदालत में गवाही के लिये
वह तो " पैदाईशी " "झूठा" है तुम्हें क्या मालूम ये बदन किस लिये सूखा है तुम्हें क्या मालूम
ख़ून" हालात "ने "चूसा" है तुम्हें क्या मालूम
                लड़खड़ाते हुए "क़दमों" की तरफ़ मत देखो
                ये " शराबी " नहीं "भूखा" है तुम्हें क्या मालूम
जिसको लाये हो अदालत में गवाही के लिये
वह तो " पैदाईशी " "झूठा" है तुम्हें क्या मालूम

ये बदन किस लिये सूखा है तुम्हें क्या मालूम ख़ून" हालात "ने "चूसा" है तुम्हें क्या मालूम लड़खड़ाते हुए "क़दमों" की तरफ़ मत देखो ये " शराबी " नहीं "भूखा" है तुम्हें क्या मालूम जिसको लाये हो अदालत में गवाही के लिये वह तो " पैदाईशी " "झूठा" है तुम्हें क्या मालूम #OpenPoetry

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Abdul Rahman

mai charag....

mai charag....

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Abdul Rahman

बिताना उम्र था मुश्किल तो बस इक शाम दे देतीं
मेरे   बेचैन  दिल  को  भी  ज़रा  आराम  दे  देतीं

हराया  है  ज़माने ने  मुझे  हर  बार ही लेकिन
मुझे दिल जीतने का तुम ही कुछ इनआम दे देतीं

भला क्यूँ हो  रहे  तुम अब  ख़फ़ा  पैमाने से मेरे
बहकता मैं  नहीं जो तुम नज़र का जाम दे देतीं

बड़ी   उम्मीद  बांधी   थी  तेरे  दीदार की  मैंने
भले ही तुम  नहीं  आतीं  फ़क़त पैगाम दे देतीं

सज़ा मुझको मुहब्बत में सभी  मंज़ूर थी 'तन्हा'
मुझे दिल को चुराने का जो तुम इल्ज़ाम दे देतीं


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