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shaileshmishra6051
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Shailesh Mishra

graduated from BHU WORKS at Indian Navy

bhatkarahishailu.blogspot.com

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Shailesh Mishra

जमाने भर की फिक्र नहीं है मुझे,

बस एक तू समझ ले मुझे तो दिल को तसल्ली हो जाये। #जमाने_भर
 Madhu Kaur Priyanka Ritu Anita vidushi MISHRA

#जमाने_भर Madhu Kaur Priyanka Ritu Anita vidushi MISHRA #शायरी

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Shailesh Mishra

#OpenPoetry जीवन के इस नये सफर में,पुरा क्षणों को भुला दिया,

पथिक नया हूँ,साथ नया है,साथी उसको बना लिया।

नया है सपना,नया है अपना,और नया उल्लास है,

आनंदित हो अब यह जीवन,इस पिपासु की प्यास है।

हामी भर ईश्वर निर्णय पर,नव पथ को अपना लिया,

जीवन के इस नये सफर में ,पुरा क्षणों कों भुला दिया।


अस्सी के घाटों को छोड़ा,छोड़ा वीरानेपन को,

है सुकून अब इस जीवन में,स्थिर किया है इस मन को।

हुआ शरीर आत्मा का संगम,मिला हृदय को अब विश्राम,

बेकरार इस चित्त को मेरे,मिले नये उद्देश्य तमाम।

चंचल मानस के फेरे में,श्रेष्ठ समय को गवाँ दिया,

जीवन के इस नये सफर में,पुरा क्षणों को भुला दिया।


खुश्क नहीं हूँ,ना उदास मैं,ना ही मैं बेताब हूँ,

नहीं ख्वाब तुम,नहीं ख्वाब मैं,मैं पंछी आजाद हूँ।

खुशियाँ हैं जीवन में अब तो,किया न कोई पाप है,

नहीं वेदना,रही चेतना,रहा शेष उल्लास है।

अप्रियता थी मेरे प्रति जो,सबकुछ मुझको सुना दिया,

जीवन के इस नये सफर में,पुरा क्षणों को भुला दिया।


श्वास नयी है,आस नयी है और नया विश्वास है,

आना जाना लगा रहेगा,सृष्टि नियम विख्यात है।

मन स्थिर है,तन स्थिर है,धड़कन भी अब स्थिर है,

खेल हुआ था,प्रेम नहीं था,अब हम इसमें माहिर हैं।

जाता लम्हा चला गया और साख भी उस पर लुटा दिया,

जीवन के इस नये सफर में,पुरा क्षणों को भुला दिया।

जीवन के इस नये सफर में,पुरासंगिनी भुला दिया। #सिर्फ_तुमसे_प्यार_करता_हूँ_भाग_द्वितीय
 Sachika Gupta Shalu Kumari Madhu Kaur Parmjit Kaur Pragati Maurya
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Shailesh Mishra

न आज लिखता हूँ,न कल लिखता हूँ,
हर अल्फाल में संग गुजरे वो पल लिखता हूँ,
न चाँद लिखता हूँ,न किताब लिखता हूँ,,
तेरी सूरत को कमलों का कमल लिखता हूँ।

न प्रीत लिखता हूँ,ना मीत लिखता हूँ,
मैं तुझे गुनगुनाया हुआ इक गीत लिखता हूँ,
न हार लिखता हूँ,न जीत लिखता हूँ,
मेै तुझको जो निभाऊ वो रीत लिखता हूँ।

न जख्म लिखता हूँ न दर्द लिखता हूँ,
तुझसे किये हर वादे का कर्ज लिखता हूँ,
न कष्ट लिखता हूँ,न बोझ लिखता हूँ,
तुझे याद करना मैं अपना फर्ज लिखता हूँ।

न श्वेत लिखता हूँ,न श्याम लिखता हूँ,
तेरे हुस्न को ईश्वर का तराशा हुआ काम लिखता हूँ,
न ईमान लिखता हूँ,न अरमान लिखता हूँ,
मुझे लिखने का हुनर देने वाले ऐ रब - 
मैं तुझे दिल से सलाम लिखता हूँ। #लिखता_हूँ Sachika Gupta Parmjit Kaur Pragati Maurya  Arya Kumari Palvi Chalana

#लिखता_हूँ Sachika Gupta Parmjit Kaur Pragati Maurya Arya Kumari Palvi Chalana #कविता

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Shailesh Mishra

#OpenPoetry साँस मेरी थम सी गयी है,

बस इक तेरे जाने के बाद,

मन में इक बेचैनी सी है,

धड़कनें भी साथ छोड़ना चाहती हैं,

पर ना जानें क्यों इन्हें तेरे लौट आने का इन्तजार है,

मैं सच कहता हूँ अनु,मुझे तुमसे बेहद प्यार है।

चला जाता हूँ अस्सी के घाटों पर,

एक निश्छल सुकून की तलाश में,

पर मेरा तो शरीर ही होता है वहाँ,

मन और आत्मा से तो मैं तुम्हारे पास होता हूँ,

ना जाने कैसी बेकरारी,ना जाने कैसा खुमार है,

मैं सच कहता हूँ अनु,मुझे सिर्फ तुमसे प्यार है।

जिंदगी भी तरस खाती है मुझपर अब तो,

कहती है,इतने कष्ट है तो जीना छोड़ दे

याद है तुमने भी एक दिन कहा था,

मुझे मर जाना चाहिए,

तुम्हारे क्रोध पर भी मुझे ऐतबार है,

मैं सच कहता हूँ अनु,मुझे सिर्फ और सिर्फ तुमसे प्यार है।



 #OpenPoetry  Sachika Gupta Shalu Kumari Pragati Maurya  Parmjit Kaur

#OpenPoetry Sachika Gupta Shalu Kumari Pragati Maurya Parmjit Kaur #कविता

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Shailesh Mishra

गैरों ने हमें लूटा,अपनों का क्या कुसूर?

ताउम्र गम सहेंगे,की खता जो हुज़ूर।


-"भटका राही" Parmjit Kaur Sona Sachika Gupta Pragati Maurya  Sourish Acharjya  Sachika Gupta

Parmjit Kaur Sona Sachika Gupta Pragati Maurya Sourish Acharjya Sachika Gupta #शायरी

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Shailesh Mishra

खबर होगी तुझे जब भी ,पसीजेगा तेरा भी दिल,
मगर पंछी हूं पुष्कर का, बिछड़कर ना मिलूंगा मैं।

- शैलेष मिश्र 'भटका राही' #खबर_होगी
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Shailesh Mishra

लेखनी बोलेगी,
आह हृदय का,
क्षोभ नयन के,
दंभ मनों के,
द्वेष मनुज के खोलेगी,
लेखनी बोलेगी।

मानव निष्ठा,
पर परतिष्ठा,
वाणी मिष्ठा,
झूठी शिष्टा,
राज सभी के खोलेगी,
लेखनी बोलेगी।

        -शैलेष मिश्र 'भटका राही' #लेखनी_बोलेगी


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