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kajalupadhayay5595
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Kajal Upadhayay

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Kajal Upadhayay

गजाननं भूतगणादि सेवितं,                                                                         कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम ।,                                                                               उमासुतं शोक विनाशकारणं,                                                                                         नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम ।।

©Kajal Upadhayay
  #GaneshChaturthi
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Kajal Upadhayay

#Shajar
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Kajal Upadhayay

दूर रहकर करीब आना यही
नज़ाकत है हमारी.....

तेरी आंखों में न उलझना आदत  
है हमारी.....

करीब ना होते हुए भी हमे lअपने
करीब पाओगे...
क्यूँकि.....
शरीफ़ बनकर आपसे शरारत करना
आदत है हमारी.                                                                                                                                          कैसे छोड़ दूं मै आपको आप तो,.                                                                      खुदा से की गई इबादत हो हमारी......

©Kajal Upadhayay
  ###चाहत

##चाहत

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Kajal Upadhayay

मेरे चेहरे पर है जो निखार पिया,

 मुझको सजाता है तेरा प्यार पिया,

 तू राजा है और तेरी रानी हूं मैं, 

तू मेरा है सर मैं तेरी कहानी हूं , 
तितलियों सी जो बलखाती हूं मैं ,

 खुद को देखकर थोड़ा शर्मती भी हूं मैं, 
आंखे रखू मैं बंद या  खुली,

 हर वक्त तुझे अपनी स्मृति में पाती हूं मैं,
 तू है कहानी का किस्सा कोई,

 मैं तो हूं बस तेरी अल्फाज पिया,
 बस तेरी खुशियों की आगाज हूं,

 पर तू है मेरी खुशियां का परवाज पिया,
 मैं महज एक नगीना हूं तेरे अंगूठी की,

 पर तू है मेरे सिर का ताज पिया,
 लोग पूछते हैं इतना क्यों मुस्कुराती हूं, 

सबको बता दू क्या अपने प्रेम का राज पिया, 
आजकल थोड़ा बहुत इठलाती हूं , 

तुझको पाकर अपनी  जिंदगी पर है नाज पिया.........

©Kajal Upadhayay
  #TereHaathMein
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Kajal Upadhayay

हर इंसां ने ओढ़ रखे हैं 
हज़ारों रंग मुखेटे के और कहते हैं 
चेहरे पर सजावट कुछ नहीं है

झूठ का ज़हर दिया जा रहा है 
होले होले फिर कहते हैं 
रिश्तो में मिलावट कुछ नहीं है

किसी न किसी बात से परेशां है 
हर शख्स देखो सुकूँ के नाम पे 
राहत कुछ नहीं है

काटने तो तैयार है 
हर दूसरा इंसा पहले को

और कहते हैं इंसान में 
इंसानियत कुछ नहीं है

अब लगता है तलाशें हम 
अपने लिए एक नई दुनियां जैसे 
इस दुनियां में हमारे लायक कुछ नहीं है
इस दुनियां में हमारे लायक कुछ नहीं है...!!

©Kajal Upadhayay
  ##कलयुगी लोग #

#कलयुगी लोग #

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Kajal Upadhayay

कोरे कागज पर आज अपने सारे जज्बात लिख दू,

 हमारी ट्रेन में हुई पहली मुलाकात लिख दू,

 लिख दू मैं आज कलम से अपनी ही तकदीर, 

तुझको पूजती हु मै दिखता है तुझमें मेरा पीरा,

तुम्हारी याद में बहे है जो लिख दू वो नीर,

 तुम कोरा कागज हो मैं हु स्याही से भरी कलम रूपी शरीर, 

कागज भर कर लिख दू मैं अपना प्यार, 

कलम की स्याही से लिख दू किया जो मैने इंतजार,

 इन कागज कालमो से मै लिख दू दिल की सारी बाते, 

बीती है जो तेरी यादों मे खुली आंखों से लिख दू वो राते, 

लिखना चाहु बहुत कुछ लेकीन लिख कैसे पाऊंगी, 

बनकर दुल्हन एक दिन मैं घर तेरे आएंगे..............

©Kajal Upadhayay
  #ChaltiHawaa
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Kajal Upadhayay

सुनो तुम शेरनी हो,शेरनी ही रहना।
अन्याय डर जाए,ऐसी दहाड़ भरना।

तुम्हारी गर्जना से कांप उठे आकाश भी,
पापी तुम्हारे सामनें थरथराए इतनी योग्य बनना।

दुर्गा का अवतार हो तुम, हो काली की उपासक,
मार्ग में आए दुष्टों से क्या डरना।
पापियों की भुजा उखाड़, मुंडो की माला तुम धारण करना।

थर-थर कांपे राक्षस दल,
तुम वो आदिशक्ति बनना।
सौम्य रहना तुम सभ्य लोगों के लिए,
पर पापियों के लिए तुम चंडी रूप धारण करना।

साहस का प्रतीक हो तुम,
दुनिया की सहानुभूति का पात्र क्यूॅं बनना।
लोमड़ी सी चतुराई और चील सी आँखें तेज रखना।
साहस, स्वाभिमान और दृढनिश्चय से तुम अपना श्रृंगार करना।

©Kajal Upadhayay
  ##जिन्दगी की राह ##

#जिन्दगी की राह ##

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Kajal Upadhayay

कमाल-ए-ज़ब्त को_ ख़ुद भी तो आज़माऊँगी 
मैं अपने हाथ से__ उस की दुल्हन सजाऊँगी 

सुपुर्द कर के ___उसे चाँदनी के हाथों में 
मैं अपने घर के _अँधेरों को लौट आऊँगी 

बदन के कर्ब को __वो भी समझ न पाएगा 
मैं दिल में रोऊँगी __आँखों में मुस्कुराऊँगी 
 
वो क्या गया __कि रिफ़ाक़त के सारे लुत्फ़ गए 
मैं किस से रूठ सकूँगी ____किसे मनाऊँगी 

अब उस का फ़न तो किसी और से हुआ मंसूब 
मैं किस की नज़्म___ अकेले में गुनगुनाऊँगी 

वो एक रिश्ता-ए-बेनाम भी नहीं लेकिन 
मैं अब भी उस के इशारों पे सर झुकाऊँगी 
 
बिछा दिया था गुलाबों के साथ अपना वजूद 
वो सो के उट्ठे __तो ख़्वाबों की राख उठाऊँगी 
 
समाअ'तों में घने जंगलों की साँसें हैं 
मैं अब कभी तिरी आवाज़ सुन न पाऊँगी 
 
जवाज़ ढूँड रहा था____ नई मोहब्बत का 
वो कह रहा था कि मैं उस को भूल जाऊँगी......... *😔

©Kajal Upadhayay
  #ChaltiHawaa
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Kajal Upadhayay

लिख दिया है तक़दीर में तुम्हें      
किसी और की तरफ फिर क्यों देखें

तुम बस गए हो निगाहों में         
तस्वीर किसी की हम क्या देखें 

साँसों में नाम तुम्हारा है
धड़कन की तरफ़ हम क्या देखें 

बेचैन न कर इतना हमको       
बिन तेरे ज़िंदगी क्या देखें.

©Kajal Upadhayay
  #tereliye
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Kajal Upadhayay

कोई नही किसी का यहाँ सबको 
फायदे की लगी बीमारी है ,

स्वार्थ से चल रही है ये दुनिया सब
मतलब की रिश्तेदारी है !!

©Kajal Upadhayay
  #Wo Sadak
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