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Aurv Vishal
मैं यहाँ अकेला फ़क़ीर हूँ ,अपनी तरह का साहेब
मत इतराओ कि, तुमसे यहाँ बादशाह और भी हैं
बड़े बेदिल इन महलों की दीवारों में जो दम घुटने लगे
आना मेरी झोंपड़ी में दिल है और दिल में जगह और भी है .
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