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rahulmeena5478
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Rahul Ashesh

The poet ✍️📓 ▪️Singer🎻🎤 Thinker

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Rahul Ashesh

Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. रंगों की बौछार अमर हो,
हम सबका ये प्यार अमर हो।
हंसना, मिलना, रंग लगाना,
होली का त्यौहार अमर हो।

गुंजिया, पापड़, लड्डू, पेड़ा,
मठरी का उपहार अमर हो।
सतरंगा हो जीवन सबका,
खुशियों का संसार अमर हो।

©Rahul Ashesh
  #holi2024

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Rahul Ashesh

Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. रंगों की बौछार अमर हो,
हम सबका ये प्यार अमर हो।
हंसना, मिलना, रंग लगाना,
होली का त्यौहार अमर हो।

गुंजिया, पापड़, लड्डू, पेड़ा,
मठरी का उपहार अमर हो।
सतरंगा हो जीवन सबका,
खुशियों का संसार अमर हो।

©Rahul Ashesh
  #holi2024

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Rahul Ashesh

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Rahul Ashesh

आशीष दो हे भारती
कर्तव्य पथ पर हम रहे। 
जो भी मिले हमको यहाँ, 
सब मुस्कुराकर हम सहे।

लाखों निराशाएँ यहाँ
आकर है हमको घेरती।
जितनी भी है खुशियाँ सभी, 
अब हमसे मुंह है फेरती, 
हे शारदे वरदान दो,
इन पर विजय हम पा सके।

हम ज्ञान से विज्ञान से, 
हम ध्यान से अनभिग्न है। 
हम धर्म से और कर्म से, 
तेरे मर्म से अनभिग्न हैं।
वागेश्वरी वरदान दो, 
तम से कभी न हम डरें।

©Rahul Ashesh आशीष दो हे भारती 
कर्तव्य पथ पर हम रहे। 
जो भी मिले हमको यहाँ, 
सब मुस्कुराकर हम सहे।

लाखों निराशाएँ यहाँ
आकर है हमको घेरती।
जितनी भी है खुशियाँ सभी, 

आशीष दो हे भारती  कर्तव्य पथ पर हम रहे।  जो भी मिले हमको यहाँ,  सब मुस्कुराकर हम सहे। लाखों निराशाएँ यहाँ आकर है हमको घेरती। जितनी भी है खुशियाँ सभी,  #Poetry

12 Love

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Rahul Ashesh

रंग दे मुझको केसरिया और मेरी एक पहचान भी लिख,
मेरे रक्त से माथे मेरे आज तू हिंदुस्तान भी लिख।
मान हिंद और आन हिंद हो मेरा यह अरमान भी लिख,
रग-रग में हो लहू हिन्द का मेरा ये ईमान भी लिख।

©Rahul Ashesh रंग दे मुझको केसरिया और मेरी एक पहचान भी लिख,
मेरे रक्त से माथे मेरे अब तू हिंदुस्तान भी लिख।
मान हिंद और आन हिंद हो मेरा यह अरमान भी लिख,
रग-रग में हो लहू हिन्द का मेरा ये ईमान भी लिख।

#IndianRepublic

रंग दे मुझको केसरिया और मेरी एक पहचान भी लिख, मेरे रक्त से माथे मेरे अब तू हिंदुस्तान भी लिख। मान हिंद और आन हिंद हो मेरा यह अरमान भी लिख, रग-रग में हो लहू हिन्द का मेरा ये ईमान भी लिख। #IndianRepublic

16 Love

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Rahul Ashesh

तुम वक़्त का इंतज़ार करो,
वक़्त तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है!
तुम्हें, आज से कुछ बेहतर देने के लिए।

©Rahul Ashesh तुम वक़्त का इंतज़ार करो,
वक़्त तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है!
तुम्हें, आज से कुछ बेहतर देने के लिए।

#WinterSunset

तुम वक़्त का इंतज़ार करो, वक़्त तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है! तुम्हें, आज से कुछ बेहतर देने के लिए। #WinterSunset

16 Love

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Rahul Ashesh

लिखा है मैंने हिंदी में,
तुम भी हिंदी में पढ़ लेना।
देखे हैं मैंने कुछ सपने,
तुम भी कुछ सपने गढ़ लेना।

©Rahul Ashesh लिखा है मैंने हिंदी में,
तुम भी हिंदी में पढ़ लेना।
देखे हैं मैंने कुछ सपने,
तुम भी कुछ सपने गढ़ लेना।

#Hindidiwas

लिखा है मैंने हिंदी में, तुम भी हिंदी में पढ़ लेना। देखे हैं मैंने कुछ सपने, तुम भी कुछ सपने गढ़ लेना। #Hindidiwas

16 Love

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Rahul Ashesh

अगर अपने मन को पवित्र करना है, 
तो अपने विचारों पर मंथन करना शुरू कर दो।

©Rahul Ashesh #God
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Rahul Ashesh

प्रेम और सम्मान 
ना तो छीनने से मिलते हैं 
ना ही माँगने से

©Rahul Ashesh

14 Love

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Rahul Ashesh

मुझे भी तो तुम्हारे लिए,
खुद को बदलना चाहिए न,
जितना तुम मेरे लिए बदलती हो।
क्योंकि जितनी तुम मेरी हो,
उतना ही मैं भी तो तुम्हारा हूं ना।

तुमने तो अपना सरनेम तक बदल लिया,
अपने नाम के आगे मेरा नाम जोड़ लिया,
तो क्या मैं अपनी इस पुरुष प्रधान सोच को नहीं बदल सकता हूँ?

तुम्हारी मांग में मेरे नाम का सिंदूर है,
तो मेरे दिमाग में भी तुम्हारी फिक्र तो होनी चाहिए ना।
तुम्हारे गले में मेरे नाम का मंगलसूत्र है,
तो मेरे कंठ से तुम्हारे लिए प्रेम के बोल तो निकलने चाहिए ना।

तुम्हारे हाथों में मेरे नाम की चूड़ियां हैं,
तो मेरे हाथ तुम्हें प्रेम करने के लिए तो उठने चाहिए ना।
तुम्हारे पैरों में मेरे नाम की पायल और बिछिया है, 
तो मेरे पैर भी तुम्हारी जरूरत पूरी करने के लिए उठने चाहिए ना।

तुम अपने पिता का घर छोड़ कर आई हो,
तो मुझे भी तुम्हें दिल में रखना चाहिए ना। 
तुमने अपनी सखी-सहेलियों को छोड़ दिया है,
तो मुझे भी रात को वक़्त से घर आ जाना चाहिए ना।
तुम मेरी लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हो,
तो कम से कम मुझे तुम्हारा ख्याल तो रखना चाहिए ना।

अगर मैं कहूं कि, 
मस्तिष्क तुम्हारा, सोच मेरी होगी,
जुबान तुम्हारी, शब्द मेरे होंगे।
खाना तुम्हारा, पसंद मेरी होगी।
कपड़े तुम्हारे, मर्जी मेरी होगी। 
तुम्हारा सारा बदन महज एक लिवास होगा, मशीन होगा।
जिसे मैं चलाऊँगा, जिसे मैं निर्धारित, निश्चित करूंगा। 
तो यह कैसा प्रेम हुआ ? 
इस लिहाज़ से तो तुम मेरी हुई,
पर मैं कहां तुम्हारा हुआ। 
पर सच तो यह है ना,
कि जितनी तुम मेरी हो उतना ही मैं भी तुम्हारा हूँ।

©Rahul Ashesh #hands
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