सलामती लिखी उसने सब लफ्ज खुशियों के थे फिर कुछ अधूरा था कुछ तो वो छुपा रही थी,....
कह रही थी तुम जल्दी लौट आओ शादी के दिन करीब थे शायद उसके खत पर पड़ी हल्दी की छाप बता रही थी....
कैसे जाता वो मोहब्बत के पास अधूरी राह से,बात देश के स्वभिमान की थी,...
एक तरफ थी उसकी मोहब्बत, दूसरी तरफ वतन की मिट्टी थी,
धड़कता था दिल उसका उसके ही नाम से,लेकिन हिन्द देश मे उसकी जान बसती थी.....
सोचा उसने जान तो जानी ही है इश्क में,वतन की मोहब्बत के लिए जान जाय उसमे बात कुछ और थी....थाम तिरंगा बड़ चला वो हिन्द का बेटा #nojotophoto