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sabiyarubbani5295
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Sabiya Rubbani

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Sabiya Rubbani

रुक्ना मना है 

ऐ मुसाफ़िर तुझे वक़्त के साथ चलना है 
पैर भलै थक जाए पर कदमो को चलाए रखना है
मन्ज़िल को पाना है तो ,
मन्ज़िल को .....
तुझै अभी अंनत चलना है 
क्यु की  बहते वक्त के साथ चलना हैं। 
तो रुकना मना है।

©Sabiya Rubbani #LostInNature
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Sabiya Rubbani


मैं औरत हुँ

हाँ मैं  औरत हुँ।
दिल कि बड़ी साफ हुँ
प्यार कि बहती धारा हुँ। 
रिस्तो में दिमाग का,
 इस्तेमाल कहाँ करती हुँ
मैं तो खुद बद्दिमाग हुँ। 
क्यूँ कि मैं एक औरत जो हुँ।
सूर्य निकलते रात ढलते 
अपनो के ही बारे मे सोचती 
और 
अपने कुछ अरमानो को डस्ती जो हुँ। 
इसलिए मैं औरत हुँ। 
औरो के तरह इलजाम ना देकर 
खुद बेगुनाह होकर भी रोती  हुँ ।
समाज का सच जानते 
हुए भी ,
खुद    के    हिफाजत 
किसी और से लगा लेती हुँ ।
जिसका परीनाम भी भुकती हुँ ।
इसलिए मैं औरत हुँ। 
एक नए सृष्टि का जन्म कर 
आपने ही गम को बड़ावा देती हुँ। 
हर राह पर देव, सैतान का समना भी करती हुँ ।
इसलिए भी एक औरत हुँ। 
 हाँ मैं औरत हुँ ।।
              सबी

©Sabiya Rubbani
  हाँ मैं औरत हुँ

हाँ मैं औरत हुँ #कविता

8 Love

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Sabiya Rubbani


मैं औरत हुँ

हाँ मैं  औरत हुँ।
दिल कि बड़ी साफ हुँ
प्यार कि बहती धारा हुँ। 
रिस्तो में दिमाग का,
 इस्तेमाल कहाँ करती हुँ
मैं तो खुद बद्दिमाग हुँ। 
क्यूँ कि मैं एक औरत जो हुँ।
सूर्य निकलते रात ढलते 
अपनो के ही बारे मे सोचती 
और 
अपने कुछ अरमानो को डस्ती जो हुँ। 
इसलिए मैं औरत हुँ। 
औरो के तरह इलजाम ना देकर 
खुद बेगुनाह होकर भी रोती  हुँ ।
समाज का सच जानते 
हुए भी ,
खुद    के    हिफाजत 
किसी और से लगा लेती हुँ ।
जिसका परीनाम भी भुकती हुँ ।
इसलिए मैं औरत हुँ। 
एक नए सृष्टि का जन्म कर 
आपने ही गम को बड़ावा देती हुँ। 
हर राह पर देव, सैतान का समना भी करती हुँ ।
इसलिए भी एक औरत हुँ। 
 हाँ मैं औरत हुँ ।।
              सबी

©Sabiya Rubbani
  हाँ मैं औरत हुँ

हाँ मैं औरत हुँ #कविता

10 Love

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Sabiya Rubbani


मैं औरत हुँ

हाँ मैं  औरत हुँ।
दिल कि बड़ी साफ हुँ
प्यार कि बहती धारा हुँ। 
रिस्तो में दिमाग का,
 इस्तेमाल कहाँ करती हुँ
मैं तो खुद बद्दिमाग हुँ। 
क्यूँ कि मैं एक औरत जो हुँ।
सूर्य निकलते रात ढलते 
अपनो के ही बारे मे सोचती 
और 
अपने कुछ अरमानो को डस्ती जो हुँ। 
इसलिए मैं औरत हुँ। 
औरो के तरह इलजाम ना देकर 
खुद बेगुनाह होकर भी रोती  हुँ ।
समाज का सच जानते 
हुए भी ,
खुद    के    हिफाजत 
किसी और से लगा लेती हुँ ।
जिसका परीनाम भी भुकती हुँ ।
इसलिए मैं औरत हुँ। 
एक नए सृष्टि का जन्म कर 
आपने ही गम को बड़ावा देती हुँ। 
हर राह पर देव, सैतान का समना भी करती हुँ ।
इसलिए भी एक औरत हुँ। 
 हाँ मैं औरत हुँ ।।
              सबी

©Sabiya Rubbani
  हाँ मैं औरत हुँ

हाँ मैं औरत हुँ #कविता

8 Love

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Sabiya Rubbani

मैं औरत हुँ

हाँ मैं  औरत हुँ।
दिल कि बड़ी साफ हुँ
प्यार कि बहती धारा हुँ। 
रिस्तो में दिमाग का,
 इस्तेमाल कहाँ करती हुँ
मैं तो खुद बद्दिमाग हुँ। 
क्यूँ कि मैं एक औरत जो हुँ।
सूर्य निकलते रात ढलते 
अपनो के ही बारे मे सोचती 
और 
अपने कुछ अरमानो को डस्ती जो हुँ। 
इसलिए मैं औरत हुँ। 
औरो के तरह इलजाम ना देकर 
खुद बेगुनाह होकर भी रोती  हुँ ।
समाज का सच जानते 
हुए भी ,
खुद    के    हिफाजत 
किसी और से लगा लेती हुँ ।
जिसका परीनाम भी भुकती हुँ ।
इसलिए मैं औरत हुँ। 
एक नए सृष्टि का जन्म कर 
आपने ही गम को बड़ावा देती हुँ। 
हर राह पर देव, सैतान का समना भी करती हुँ ।
इसलिए भी एक औरत हुँ। 
 हाँ मैं औरत हुँ ।।
              सबी

©Sabiya Rubbani हाँ मैं औरत हुँ

हाँ मैं औरत हुँ #कविता

6 Love

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Sabiya Rubbani

कर दे नाश इन पापीयो का 
है नारी तु ब्रब्ल बन 
तु अप्नि शक्ति को दिखा 
उठा शस्त्र तु 
कर दे नाश 
इन पापीयो का आज तु 
अपने अंदर कि सोई 
हुई काली को अब जगा तु 
दिखा दे अब इन समाज को 
अपने झटे रुप को तु
अबला नारी नहीं है तु 
बता इन समाज को तु 
उठा शस्त्र तु
 कर दे नाश 
इन पापीयो का आज तु।।
                     सबि

©Sabiya Rubbani कर दे नाश इन पापीयो का 

#Stoprape

कर दे नाश इन पापीयो का #Stoprape #कविता

8 Love

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Sabiya Rubbani

दिल 
इस दिल का भी ख्याल रखो 
अपनो सा इसको भी प्यार दो ।
बिना थके जो काम करे 
उसका भी कुछ ख्याल करो ।
बहुत नाजुक सा होता हे ये 
पर सहन शक्ति बहुत है इस में ।
हर छोटी सी बात पर ये 
तुरंत बहल, फिसल जाए ये ।
हड्डी ना होते हुए भी तुरंत टूट सा जाऐ ये।
इस दिल का भी ख्याल रखो 
अपनो सा इसको भी प्यार दो ।
बिना थके जो काम करे 
उसका भी कुछ ख्याल करो ।
रुठ आगर जाएगा ये 
आपनो से तुम छुट जाओगे ।
सास तुम्हारी थम जाएगी 
फिर तुम मिट्टी मे भी मिल जाओगे ।
इसलिए कहती हुँ तुमसे 
इस दिल का भी ख्याल रखो। 
                     सबि #WorldHeartDay
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Sabiya Rubbani

बेटी

अंधेरे घर कि रौनक बन 
बेटी घर में आई जो 
किलकारी से अपने 
सन्नाटे को भगाई जो 
हर घर में जो ना पलती 
वो है रब की रहमत बेटी। 
लक्ष्मी बन कर आती जो ।
वह है किस्मत वाले
जिसके घर पलती हैं बेटी। 
अंधेरे घर कि रौनक बन 
बेटी घर में आई जो। ।
                                
                            सबि बेटी 

#lightindark

6 Love

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Sabiya Rubbani

मानव का लापरवाही 

घिर गया है मानव चारो और बिमारी से 
हो रहे है आऐ दिन भर्ती मानव की धरती पे 
बड़ रही हैं ऊर्जा भी कहीं हमारे  वायुमण्डल में 
घुल रही हे 'सिएफसि 'की जहर हमारी पवनो मे
दम घुट रहा है पर 
बाज ना आ रहे हैं हम सब 
गाड़ी -मोटर आए दिन उतर रहे हैं सड़को पे 
जिस के कारण भूमि की सुरक्षा कवच हो गई हलकी 
और बड़ रही बिमारी फिर भी सुधर नही रहे है  मानव
पराबैंगनी किरणो की अब वह भी आने लगी 
जिस के कारण कैन्सर, चरम रोग आदि जैसे भी बिमारी 
हम मानव को होने लगी। 
तो फिर क्यो ना आओ हम सब मिल कर इसके प्रति 
कुछ कदम उठाए 
अब ना काटेंगे जंगल हम, 
ना ही बड़ाएगे गाड़ी -मोटर 
कुछ दिन मिल कर चालाएगे साईकिल हम सब। 
तो फिर से हो जाएगा शुद्ध अपना वातावरण ।
विश्व ओजोन परत की हार्दिक शुभकामनाएँ 
                                                   सबी 


 ओजोन परत 

#alonesoul

ओजोन परत #alonesoul #विचार

6 Love

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Sabiya Rubbani

मानव का लापरवाही 

घिर गया है मानव चारो और बिमारी से 
हो रहे है आऐ दिन भर्ती मानव की धरती पे 
बड़ रही हैं ऊर्जा भी कहीं हमारे  वायुमण्डल में 
घुल रही हे 'सिएफसि 'की जहर हमारी पवनो मे
दम घुट रहा है पर 
बाज ना आ रहे हैं हम सब 
गाड़ी -मोटर आए दिन उतर रहे हैं सड़को पे 
जिस के कारण भूमि की सुरक्षा कवच हो गई हलकी 
और बड़ रही बिमारी फिर भी सुधर नही रहे है  मानव
पराबैंगनी किरणो की अब वह भी आने लगी 
जिस के कारण कैन्सर, चरम रोग आदि जैसे भी बिमारी 
हम मानव को होने लगी। 
तो फिर क्यो ना आओ हम सब मिल कर इसके प्रति 
कुछ कदम उठाए 
अब ना काटेंगे जंगल हम, 
ना ही बड़ाएगे गाड़ी -मोटर 
कुछ दिन मिल कर चालाएगे साईकिल हम सब। 
तो फिर से हो जाएगा शुद्ध अपना वातावरण ।
विश्व ओजोन परत की हार्दिक शुभकामनाएँ 
                                                   सबी 


 ओजोन परत 

#alonesoul

ओजोन परत #alonesoul #विचार

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