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nankipatre1753
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Nanki Patre

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Nanki Patre

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Nanki Patre

हमें पता नहीं , इस जहां में हम कहां रहते है,
तुम्हें मगर  अपने दिल में बसा कर रखते है।

©Nanki Patre
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Nanki Patre

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Nanki Patre

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Nanki Patre

मेरी मेहंदी का रंग
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ख्वाब देखा था एक दिन वो घड़ी आया आज ,
मेरा हाथ हुआ पीला चढ़ा मेरी मेंहदी का रंग ।
जिनके गोद में खेली कूदी हुए आज वो पराए ,
अनजान  जान बनेंगे जाना होगा उनके संग । 

अब वो हक न रहा जिस  पर हक से हक था ,
स्वच्छंद हो कर घूमती न कभी कोई शक था ।
उस घर की मैं पराई हो गई न रहा मेरा धाक ,
जब भी आऊंगी दुवारी बैठूंगी अब न है हक ।

माता - पिता झिझक रहे कहने मुझसे कोई बात,
बेटी उनकी पराई हो गई  कैसे कहे उससे बात ।
उनके आंचल से बेटी चिड़िया बनकर उड़  गई ,
ससुराल में  कैसी चहकती  होगी  बेटी  आज।

©Nanki Patre
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Nanki Patre

लोग मुझे पर तुले हैं
मगर मेरा आत्मविश्वास मुझे हारने नहीं देता।

©Nanki Patre
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Nanki Patre

जब मैं बोला था तारीखों में मिलूंगा तो तुमने अदालत में अपील क्यों किया।
मैं नहीं  आऊंगा क्योंकि आज मेहमान आए हैं और मैं करेले की सब्जी बना रहा हूं।

©Nanki Patre
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Nanki Patre

मैं बेजुबान हूँ
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कभी एकांत में बैठकर सुनो मेरी  पुकार,
मैं भी तुम्हारे जैसा जीव हूं सुनो एक बार।
मैं भूखे प्यासे आस लेकर आता हुं 
मुझे मार कर लौटा दिया जाता है ,
मृगारि हूं मारक नहीं, वफादारी जनता हूं,
बेजुबान हूं जो नमक खाया वो मानता हूं 

मैं उन्मुक्त गगन में विचरण करती हूं ,
शिकारियों  का शिकार बन जाती हूं । 
मेरे बदन दर्द से छत विछत हो जाते है,
सुनो गुहार मुझे मत मारो ,मेरी कसूर क्या है, 
देखो मेरीआंखों के नमी को देखो, मैं बेजुबान हूं।
 
गर्मियों के चिलकती धूप में शीतल छाया देता हुं ।
बरसात में बारिश और ठंडी ठंडी हवा देता हुं,
मुझे दया करो मुझे कुल्हाड़ी से मत काटो,
मेरी शाखाएं मदद के लिए आवाज़ दे रही है,
 मैं  भरी दुपहर में किस कदर रोता हूं,मैं बेजुबान हूं।

जब कारखानों से जहर उगलते हुए धूएँ प्रदूषित करती है
वनों को काटने पर पशु - पक्षी बेघर हो जाते है, 
तब मैं रात के अंधेरे में  रक्षा का गुहार लगाती हूं ।मैं प्रकृति हूं। बेजुबान हूं 
तुम तो बुद्धि जीवी हो मेरी खामोशी को  महसूस करो।
यदि महसूस नहीं कर सकते  मेरी खामोशी ,
तो  मुझे तुम्हारी बुद्धि जीवी  होने  पर अफसोस है

ननकी पात्रे  ' मिश्री '

©Nanki Patre
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Nanki Patre

good noon friends

©Nanki Patre
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Nanki Patre

good noon

©Nanki Patre
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