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dushyantkumaar3994
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Dushyant Kumaar

शायर,गीतकार,कवि........ जीवन की यात्रा में शब्दों की राह पर हूँ माँ शब्द मात्रा में चन्द्र बिन्दु की चाह पर हूँ.....!

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Dushyant Kumaar

हमने ये उम्र तमाम कर दी 
सुन मेरे इश्क तेरे नाम कर दी...!

#कुमार_दुष्यंत

©Dushyant Kumaar
  हमने ये उम्र तमाम कर दी 
सुन मेरे इश्क तेरे नाम कर दी...!

#कुमार_दुष्यंत
#Kundan&Zoya #कुमार_दुष्यंत

हमने ये उम्र तमाम कर दी सुन मेरे इश्क तेरे नाम कर दी...! #कुमार_दुष्यंत #Kundan&Zoya #कुमार_दुष्यंत #शायरी

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Dushyant Kumaar

हमें आकाश देने में,जिन्होनें धरती भी हारी है
सारी नदियां बसी माँ में, पिता सागर पर भारी है....!

#HappyFathersDay 
#happyfathersday2023

#कुमार_दुष्यन्त

©Dushyant Kumaar
  हमें आकाश देने में,जिन्होनें धरती भी हारी है
सारी नदियां बसी माँ में, पिता सागर पर भारी है....!

#HappyFathersDay 
#happyfathersday2023

#कुमार_दुष्यन्त
#FathersDay #HappyFathersDay

हमें आकाश देने में,जिन्होनें धरती भी हारी है सारी नदियां बसी माँ में, पिता सागर पर भारी है....! #HappyFathersDay #happyfathersday2023 #कुमार_दुष्यन्त #FathersDay #HappyFathersDay #शायरी

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Dushyant Kumaar

तुमने पत्थर को घिसकर नगीना बनाया 
फिर शोहरत में, नाम-ए-अंगूठी भी दी 

तुम आका थे उसके वो चेला तुम्हारा 
तुम झूठे थे, वसीयत भी झूठी ही दी

वो चला देखने तेरे इल्म पर दुनिया
तुम अंधे थे , ऐनक भी टूटी ही दी....!

@कुमार_दुष्यंत

इल्म:- विद्या, ज्ञान,जानकारी

©Dushyant Kumaar
  #Trending #love #poem # Ankit verma 'utkarsh' Parvaiz Ahmed Raj  Purohit ji Bateshwar Dham Bah (Agra) Ruchika Yogendra Nath Yogi

#Trending love #poem # Ankit verma 'utkarsh' Parvaiz Ahmed Raj Purohit ji Bateshwar Dham Bah (Agra) Ruchika Yogendra Nath Yogi #शायरी

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Dushyant Kumaar

तेरी आँखों को चूमकर के 
सारे दर्द पी लूं मैं
लबों की तिश्नगी केवल 
लबों तक ही नहीं रहती.....!

#कुमार_दुष्यन्त

©Dushyant Kumaar  #love #poetry #nojoto तेरी आँखों को चूमकर के सारे दर्द पी लूं मैं
लबों की तिश्नगी केवल लबों तक ही नहीं रहती.....!

@दुष्यंत कुमार
उदयपुर

love poetry nojoto तेरी आँखों को चूमकर के सारे दर्द पी लूं मैं लबों की तिश्नगी केवल लबों तक ही नहीं रहती.....! @दुष्यंत कुमार उदयपुर #शायरी #कुमार_दुष्यन्त

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Dushyant Kumaar

मैनें पहाड़ को पत्थरों के लिए 
लड़ते हुए देखा है
मैनें नदियों को कीचड़ माथे पर 
मढ़ते हुए देखा है
बहुत मुश्किल होता है ज्ञान को 
मुक्कमल मुकाम दे पाना
मैनें शान्त चित्त ह्रदय को भीतर ही भीतर 
लड़ते हुए देखा है....!

#कुमार_दुष्यन्त

©Dushyant Kumaar #Likho
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Dushyant Kumaar

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Dushyant Kumaar

vo takaja kar raha he #sayri #gajal #Love #viral 
एक गजल.....

वो तकाजा कर रहा है उम्रदराज शब्दों का 
और मेरी ज़ीस्त ऐसी बचपना जाता नहीं है.....!

माना मुक्कमल आसमां मिल गया तो भी क्या
रूह से मिट्टी का यारो महकना जाता नहीं है....!

vo takaja kar raha he #sayri #gajal Love #viral एक गजल..... वो तकाजा कर रहा है उम्रदराज शब्दों का और मेरी ज़ीस्त ऐसी बचपना जाता नहीं है.....! माना मुक्कमल आसमां मिल गया तो भी क्या रूह से मिट्टी का यारो महकना जाता नहीं है....! #शायरी #dushyaant_ojhaa

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Dushyant Kumaar

मुक्कमल हुवे है हम,जब से मिले है तुमसे
उससे के पहले दम में वीराने चल रहे थे..!

#दुष्यन्तओझा
#love #sayri #nojohindi #viral

मुक्कमल हुवे है हम,जब से मिले है तुमसे उससे के पहले दम में वीराने चल रहे थे..! #दुष्यन्तओझा love #sayri #nojohindi #viral #शायरी

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Dushyant Kumaar

वो तकाजा कर रहा है उम्रदराज शब्दों का 
और मेरी ज़ीस्त ऐसी बचपना जाता नहीं है.....!

ज़ीस्त:- ज़िन्दगी,  जीवन, आयु 

#dushyaant_ojhaa

©Dushyant Kumaar
  #love #sayri
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Dushyant Kumaar

2022 की सारी खट्टी मीठ्ठी यादों के साथ चलो करते है नव कैलेंडर वर्ष 2023 का स्वागत..

कुछ बातें करना बाकी था
हाल-ए-दिल पल-पल रीत गया..
मैं कुछ समझा समझा सा था 
और साल सुहाना बीत गया... 
कुछ यादे प्यारी से देकर
कुछ वादे प्यारे से लेकर
जो लगे दांव चौसर पर थें
वो बाजी सारी जीत गया....
मैं कुछ समझा समझा सा था
और साल सुहाना बीत गया......

इस वर्ष मिलन के आंखों में
कई स्वप्न नवीन संजोए थे
दिल की इस उसर धरती पर
नव बीज प्रेम के बोए थें
न खाद मिलीं न पानी था
संग लेकर के अतीत गया
मैं कुछ समझा समझा सा था 
और साल सुहाना बीत गया.......

मन की अंदरूनी दीवारों पर
कुछ नव क्रान्ति के नारे थें
जिन शब्दों को चुनकर लाया
सब लोकतंत्र के मारे थें
बस बहलाने फुसलाने में
जनार्दन का जनहित गया
मैं कुछ समझा समझा सा था 
और साल सुहाना बीत गया............

लो पार खड़ी एक नयी सुबह
कर में लेकर गलमाल नयें
कुछ लोग लगे धोने कर्मों को
हम तो जेसे थे उस हाल गयें
इस नये साल की नयी सुबह
फिर से मानों मन जीत गया
मैं कुछ समझा समझा सा था 
और साल सुहाना बीत गया............

©Dushyant Kumaar #newyear2023 #2023 #Light #resolution2023
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