Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser5734548169
  • 7Stories
  • 71Followers
  • 45Love
    0Views

दिनेश पारीक

लेखक , स्टोरी राइटर ,पोएट

  • Popular
  • Latest
  • Video
a571b2955b6e9e3a9a562cf3713e86d7

दिनेश पारीक

प्रेम खोजने से पहले स्त्रियों को साहस खोजना चाहिए.. क्योंकि एक समय ऐसा भी आता है प्रेम संबंध में, जब प्रेम के लिए लड़ना पड़ता है, अपनों से, जातिवाद से, इस रूढ़िवाद वाले संसार से और ना लड़ सकने वाली स्त्रियां, पुरुष के जीवन को विकलांग कर देती हैं सदा के लिए...!!!

©दिनेश पारीक #dineshpareekwriter
#dinesh_author
a571b2955b6e9e3a9a562cf3713e86d7

दिनेश पारीक

तुम्हारी हर एक मुस्कुराती हुई तस्वीर, दुनिया की खूबसूरती में इजाफा कर रही है.

©दिनेश पारीक #dineshpareekwriter
#author_dinesh
#pareek
#evening
a571b2955b6e9e3a9a562cf3713e86d7

दिनेश पारीक

जैसे किसी ब्रीफकेस मे रखे हुए कागज धीरे धीरे एक एक दिन गुजरने पर पड़ने लगते है पीले मगर
 सब कुछ महफूज रखते है अपने ऊपर लिखा हुआ
वैसे ही
मैने तुमसे बिछडने के बाद
धीरे धीरे एक एक दिन गुजरने पर खुद के जर्द पडने का अफसोस नही किया
तुम्हे अभी भी कोई पढ सकता है
साफ साफ मेरे चेहरे पर...!

©दिनेश पारीक #dineshpareekwriter
#authordinesh
#Love 

#Roses
a571b2955b6e9e3a9a562cf3713e86d7

दिनेश पारीक

लाइसेंस बनवा लो अपनी नशीली अदाओ का....सुना है...अवैधकत्लखाने बन्द हो रहे है।।।
दिनेश पारीक

©दिनेश पारीक #dineshpareekwriter
#authordinesh
#Love 
#love❤ 
#romance 
#your 
#write
a571b2955b6e9e3a9a562cf3713e86d7

दिनेश पारीक

…. वो जब भी किसी नये इंसान से मिलती थीं उससे मेरा ज़िक्र ज़रूर करती थीं, पहले मेरा नाम पता चलता था “बाबू” फिर मेरी बातें, हरकतें, आदतें, मेरे सपने, मेरा गुस्सा, मेरी पसंद – ना’पसंद, सबकुछ वो सबकुछ उस नये इंसान को पता चलता था जो वो मेरे बारे में जानती थीं…. मै उनका सबसे प्रिय टॉपिक था गॉसिप के लिए, या यूँ भी कह लो कि मै समूचा उन्हें अति प्रिय था जैसे शिव को नंदी रहे होंगे, राम को हनुमान रहे होंगे …… मिलने वाला मेरे बारे इतना तो जान ही लेता था कि जब उससे मेरी मुलाक़ात होती थी तो मै ही पहली बार मिलता था वो कई बार मिल चुका होता था, सीरत से भी सूरत से भी।

मै उनका सबकुछ था , बेटा भी, दोस्त भी, चेला भी, गुरू भी और प्रतिबिंब भी वो मुझमें वो ज़िंदगी जीती थीं जो वो अपनी खाल – मांस में नहीं जी पाईं ….. और वो … वो मेरी दुनिया थीं जिसपे मुझे बेहद गुरूर था .. है, रहेगा

इतना प्यार कोई और नहीं कर सकता जितना वो मुझे दे गईं मेरी

©दिनेश पारीक #dinesh_author
#dineshpareekwriter

#blindtrust
a571b2955b6e9e3a9a562cf3713e86d7

दिनेश पारीक

#दुनिया_की_सबसे_खूबसूरत_लड़की_से_प्यार_करनाआसान_नही_होता 
जब हँसती है तो किनारे वाले कैनाइन दाँत बाहर निकल आते हैं और जब रोती है तो नाक थोड़ी छोटी हो जाती है। बड़ी बड़ी मोटी आँखे अब बोलती कम हैं और डाँटती ज़्यादा हैं। प्यार करने का पैमाना होता तो उसकी हरकतें सबसे टाप पे होतीं। गणित कम आती है उसको पर बातों और झगड़ों का हिसाब बख़ूब रखती है।

ख़ुश होती है तो दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत बला बन जाती है और जो दुखी हुई तो शान्त समंदर। रोती है तो बस “माँ के पास जाना है” बोलती है और जो हँसी तो मेरी माँ बन जाती है।

चाहे ग़ुस्सा हो या शरारत, तिरछि नज़र से उसका देखना हमेशा धड़कन बढ़ा देता है! बातें करते करते मुझे चिढ़ाना और किसी पुराने काण्ड को लेके झगड़ा कर लेना उसकी पुरानी आदत है। बोलती कम ही है, न फ़ोन पे और न ही सामने। हाँ पर सामने आँखो से गालियाँ और प्रेम बराबर निकलता रहता है। और काजल की परत उसकी गालियों और प्रेम को और भी शार्प बनाते रहते हैं।

एक बार जल्दी जल्दी में मेट्रो पे भूल गए थे उसको और आज तक ताना सुनने को मिलता है। भूलना तो बीमारी है मेरी और लाइलाज भी। वो याददाश्त हो मेरी।

मेरी छोटी छोटी गलतीयों की गिनाने के बाऊजूद मेरे सारे काण्ड माफ़ करके साथ रहती है मेरे साथ। फ़िज़ूल खर्ची ना करती है और ना करने देती है। पालिका बाज़ार में तीन सौ रुपए की सैंडिल ख़रीद के ठगा जाने का अफ़सोस आज तक है उसे। पकौड़ी लाजवाब बनाती है और खाती भी नहीं है।

जब पास होती है तो एकदम पास होती है और जो दूर होती है तो मुझमें ही होती है। तारीख़ें बख़ूब याद रहती है उसको। जैसे एकत्तीस मार्च! इस एक दिन की कहनी भी ख़ूब है। लिखूँगा नहीं कभी। कुछ कहानियाँ लिखी नहीं जाती पर उनके ना लिखने बाऊजूद सारी कहानियाँ वहीं से पैदा होती हैं। बस जहाँ एकत्तीस मार्च को सब अपना खाता बंद कर रहे होते हैं वहीं दूसरी तरफ़ एक ज्वाइन्ट खुला था!

हिरनी जैसी चाल वाल नही है उसकी और ना ही अधरंगे बाल। जामुन जैसी आँखे हैं और निम्बू की पत्ती जैसे होंठ! बहोत ही सिंपल सी है वो, एकदम सिंपल। जैसे वो घरेलू दाल चावल होता है न बिलकुल वैसा ही। कितना भी पार्टी कर लीजिए आप दो दिन बाद बिना दाल चावल के पेट नहीं भरेगा आपका। और जो पेट ख़राब हुआ सो अलग!

इश्क के अगर मुक़ाम होते तो मुझे पहले मुक़ाम में रहना है हमेशा! वो लाइन मारने वाला! जसमे कोई शिकायतें नही होती! बस मुस्कान होती है। कोई डर नही होता बस कल्पनाए होती हैं! जिसमें मोर्निंग वॉक नही ईव्निंग वॉक होती हैं अन्दाज़े होती हैं अपेक्षाएँ नही होती!

कभी कभी कहने को कितना कुछ रहता है न? पर साले को शब्द ही नही सूझते? सोचो क्या गुज़रती होगी मेरे ऊपर जब तुमसे कहने को अनगिनत जज़्बात हो और शब्द न हो? जब तुमको महसूस करना हो और छूना न हो! जब देना हो दिल वाला रीऐक्शन और मुस्कुराने वाली स्माइली से काम चलाना हो? जब नाम लेके तुम्हारा और कुछ भी न कह पाना हो!! जब ख़ामोशी शोर मचाती हो और शोर में भी सब सुन लो तुम!

कभी जो शब्द मिल गए तो सब कितना खोखला हो जाएगा न? जैसे दिल में हो पीड़ा में और कोई सीना दबाए! जैसे मन में हो खलबली और लफ़्ज़ तक न आए!

आसान नहीं होता दुनिया की सबसे हसीन लड़की से प्यार करना! बिलकुल भी नहीं! तुम रहने दो! नही समझोगी! बुद्धू नही हो तुम! नही समझोगी!

©दिनेश पारीक #dinesh_author

#dilemma
a571b2955b6e9e3a9a562cf3713e86d7

दिनेश पारीक

उसे हर महिने 
रक्तस्राव होता
है.,
वो  तब भी नहीं मरती है
मैं कैसे मान लूँ कि 
वो कोई जादूगरनी  नहीं ?
दिनेश पारीक

©दिनेश पारीक #authordinesh

#Roses


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile