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avialfaaz3687
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_avialfaaz

तुम हमपे एहतियातन एतबार करलो कोई श़क नही,बेश़क हमसे प्यार करलो ।

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_avialfaaz

 सोच के ही मेरी रूह काँप जाती है
मौत आने से पहले ही दूर भाग जाती है

सोच के ही मेरी रूह काँप जाती है मौत आने से पहले ही दूर भाग जाती है #nojotophoto #विचार

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_avialfaaz

बेतहाशा मोहब्बत करता है
कहने से डरता है
ये दिल - ए - नादान है
जो तुझ पे ही मरता है

_अविनाश दुबे।

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_avialfaaz

क्यों दूसरो पर उंगलियाँ उठाया करते हो
खुद को दुसरो से बेहतर बताया करते हो


-अविनाश दुबे  ।

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_avialfaaz

इश्क़ के बीच ये मजहब कैसा
ये खेल अजीब ओ गरीब कैसा
किसी को इनतजार ही इनतजार मिले
तो किसी को नसीब कैसा


-अविनाश दुबे  ।
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_avialfaaz

तुझ पर आके अब मेरी तलाश खत्म हुई
न तुझ सा कोई मिला था पहले,  न मिलेगा कोई

_अविनाश दुबे  ।

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_avialfaaz

#OpenPoetry कलम मेरी शांत होने देती नहीं
मुझको वो एकांत होने देती नहीं

_अविनाश दुबे  ।
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_avialfaaz

#OpenPoetry मैं कितना परेशान हुआ हूँ
मैं हैरान हुआ हूँ
मेरा दर्द मुझसे है वाक़िफ़
इतना मुश्किल मै इन्सान हुआ हूँ


_अविनाश दुबे  ।
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_avialfaaz

#OpenPoetry बेटीयाँ*

बेटीयो से ही संसार है
बिन बेटीयाँ, ना कोई जीवन आकार है
उलझ पढ़ी है यहां सोच सबकी 
जो चाहती बस, बेटो की कीलकार है

कब जानोगे कब समझोगे
बेटीयों की एहमियत सब समझोगे
बेटीयो का होना ही ईश्वर का उपहार है
बेटीयाँ ही मां लक्षमी का अवतार है

_अविनाश दुबे  । #OpenPoetry  Satyaprem Internet Jockey Urvi Poonia Jyoti yadav Prabal Singh

#OpenPoetry Satyaprem Internet Jockey Urvi Poonia Jyoti yadav Prabal Singh #poem

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_avialfaaz

#OpenPoetry चाय और उनकी यादे।।। 

कितने दिन हो गए, तुम्हारे हाथो से बनी चाय नहीं पी
चाय का जायका आज भी याद आता है 
जो संग तुम्हारे बिते वक्त की याद दिलाता है

कैसे तुम नजरे झुकाए, हाथो मे चाय की प्याली        
लिए
मेरी नजरों के आगे, खुद को फरमाया करती थी
तारीफ सुन कैसे तुम सरमाया करती थी
मुझे चाय पीता देख, तुम न जाने कहाँ खो जाया करती थी

आज भी सोचता हूँ, कि उन दिनों तुम किन खयालों में खो जाया करती थी
जैसे तुम खुद में ही कैद हो जाया करती थी

मैं मुस्करा दिया करता था, तुम्हारी हर बात पर
जो तुम इशारों ही इशारों में किया करती थी

मालूम है मुझे, कि तुमहे मेरी मौजूदगी, मेरे संग जिंदगी पसंद हैं
और मुझे तुम्हारी सादगी पसंद हैं

अब एक-एक लम्हा उन दिनों की याद पे जिया करते है
हम आज भी चाय, उसी याद पे पिया करते है


_अविनाश दुबे  । #OpenPoetry  Mukesh Poonia Urvi Poonia Jyoti yadav Prabal Singh Anushka Verma

#OpenPoetry Mukesh Poonia Urvi Poonia Jyoti yadav Prabal Singh Anushka Verma #story

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_avialfaaz

बेटीयो से ही संसार है
बिन बेटीयाँ, ना कोई जीवन आकार है
उलझ पढ़ी है यहां सोच सबकी 
जो चाहती बस, बेटो की कीलकार है

कब जानोगे कब समझोगे
बेटीयों की एहमियत सब समझोगे
बेटीयो का होना ही ईश्वर का उपहार है
बेटीयाँ ही मां लक्षमी का अवतार है

_अविनाश दुबे । 
 Mukesh Poonia Internet Jockey Neha Mittal Prabal Singh Kalakaksh

Mukesh Poonia Internet Jockey Neha Mittal Prabal Singh Kalakaksh #poem

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