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रानी सोनी 'परी'

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रानी सोनी 'परी'

#Dosti
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रानी सोनी 'परी'

@कलम

@कलम #शायरी

97 Views

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रानी सोनी 'परी'

खुद को गूंगा बहरा कर लो,
फिर आँखों पर पट्टी धर लो,
जेब हमेशा खाली रखना,
बोतल के ढंग होवें चखना,
🤭🤭🤭

©रानी सोनी 'परी' @फनी tipes

@फनी tipes #कॉमेडी

8 Love

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रानी सोनी 'परी'

मगर तुम समझते कहां थे
मेरे ज़्ज़बात को।
इंतजार में तेरे गुजारी है कई रातें
पी कर मय भूल बैठे हो
हमारी हर मुलाक़ात को

रानी

©रानी सोनी 'परी'
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रानी सोनी 'परी'

घर  घर  तिरंगा  हो, हाँ  हाँ  हर  घर  तिरंगा हो।
भारत माँ के जयकारे सँग, मन मस्त मलंगा हो।

भाईचारे की भूमि पर,  खोदे सभी बुराई 
जिससे उपजे प्रेम उन,बिजों से करें बुआई।
खून पसीने के पानी से, करनी पड़े सिंचाई।
लोगों की बातों में आकर, लड़े न भाई-भाई।
प्रेम की खेती लहराये, तो कभी ना दंगा हो।
घर घर तिरंगा हो, हाँ हाँ हर घर तिरंगा हो।

भारत की भूमि से दूर, हो आतंक का साया।
कितनी माँ का लाल, यहाँ ओढ़ तिरंगा आया।
बहनों का भाई  छूटा, ब्याहता ने सिंदूर उतारा।
उनके हाथों रहा सुरक्षित, ये हिंदुस्तान हमारा।
इनपर जो सवाल उठाये, वो दुनियां में नंगा हो।
घर  घर  तिरंगा  हो, हाँ  हाँ  हर  घर  तिरंगा हो।

अमन शांति का पैगाम, हो भारत के हर हिस्से में।
इन वीरों की जयगाथा, हो हर बच्चे के किस्से में।
किसने लहूँ बहाया यहाँ, किसने इसे बर्बाद किया।
नमन उन्हें भी करना , जिसने इनको याद किया।
अपनी जां कुर्बान करी,जला जो बनकर पतंगा हो।
घर  घर  तिरंगा  हो, हाँ  हाँ  हर  घर  तिरंगा हो।

©रानी सोनी 'परी'
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रानी सोनी 'परी'

तुम अगर दोस्त हो तो समझ जाओगे।
मैं रूठ भी गई तो तुम ही मनाओगे।।
नहीं टूटेगा कभी मेरे हाथों दिल तुम्हारा,
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।

नहीं आता मुझे भावनाओं का व्यापार।
छोटे से दिल में रखती सच्चा सा प्यार।।
प्यार की कीमत भी तुम क्या लगाओगे,
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।

दूर हूँ मैं पर कभी दूर तुम्हे माना ही नहीं।
मैं क्या हूँ तूने बताया मैंने जाना ही नहीं।
मेरी आत्मा हो तुम सच्चाई ही दिखाओगे।
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।

मैं दिखावा नही करती प्यार जानती हूँ।
हर दिन को दोस्त एक समान मानती हूँ।
एक ही दिन में ये प्रेम नही समझ पाओगे।
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।।

घूमते है यहां लोग कटार लिए हाथ में।
नमक की थैली नज़र धार लिए साथ में।
बातों में आये तो घाव दे नमक भी लगाओगे।
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।।

Rani

©रानी सोनी 'परी' #FriendshipDay
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रानी सोनी 'परी'

तुम अगर दोस्त हो तो समझ जाओगे।
मैं रूठ भी गई तो तुम ही मनाओगे।।
नहीं टूटेगा कभी मेरे हाथों दिल तुम्हारा,
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।

नहीं आता मुझे भावनाओं का व्यापार।
छोटे से दिल में रखती सच्चा सा प्यार।।
प्यार की कीमत भी तुम क्या लगाओगे,
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।

दूर हूँ मैं पर कभी दूर तुम्हे माना ही नहीं।
मैं क्या हूँ तूने बताया मैंने जाना ही नहीं।
मेरी आत्मा हो तुम सच्चाई ही दिखाओगे।
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।

मैं दिखावा नही करती प्यार जानती हूँ।
हर दिन को दोस्त एक समान मानती हूँ।
एक ही दिन में ये प्रेम नही समझ पाओगे।
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।।

घूमते है यहां लोग कटार लिए हाथ में।
नमक की थैली नज़र धार लिए साथ में।
बातों में आये तो घाव दे नमक भी लगाओगे।
तुम कृष्ण ही रहोगे मुझे सुदामा पाओगे।।

Rani

©रानी सोनी 'परी' #FriendshipDay
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रानी सोनी 'परी'

H----हरदम पास मंडराने वाले।
A---अपना हक़ जताने वाले।
P---प्यार पर जां लुटाने वाले।
P---परफ्यूम सा  महकाने वाले।
Y---यारों के यार कहलाने वाले।
F ---फंटे  में टांग अड़ाने  वाले।
R ---रोज रोज हमें सताने वाले।
I --इज्जत की वाट लगाने वाले।
E----इमोशनल कर जाने वाले।
N---नखरे बहुत दिखाने वाले।
D---दोस्ती का दौर चलाने वाले।
S---साथ ही सदा निभाने वाले।
H ---हर दर्द की मरहम बनने वाले।
I ----इन सभी उपमा को छूने वाले।
P ---पॉकेट खाली करने वाले।
D----दरिया सा दिल रखने वाले।
A----आंधी मे पर्वत बनने वाले।
Y----ये सभी खूबियां रखने वाले।
Doston ko rani ki taraf से happy friendship day

©रानी सोनी 'परी' #bestfrnds
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रानी सोनी 'परी'

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रानी सोनी 'परी'

द दरवाज़े के पीछे,तड़पती है 
माँ की सिसकियां बहन की हिचकियाँ।

बड़े बड़े पँखो पर लटके है
मर्यादाओं का ताले,
ओर हर रोज़ मिल रहें हैं
उधार के निवाले।
अश्क़ छुपाती है दीवारों की खिड़कियां।
बंद दरवाज़े के पीछे,तड़पती है 
माँ की सिसकियां बहन की हिचकियाँ।

पतीले के उफनते दूध जैसे
पल भर में फैल जाते हैं।
तुम्हारे दिए ज़ख्म छुपाने को,
मरहम से मुस्कुराते है।
ग़ुलाब की उपमा लिए
सिली हुई है अधरों की पंखुड़ियां।
बंद दरवाज़े के पीछे,तड़पती है 
माँ की सिसकियां बहन की हिचकियाँ।

मैं लक्ष्मी हूँ, सरस्वती हूँ,
फिर ये घबराहट कैसी।
जरा झांक उम्मीद के झरोखे से
देख ये आहट कैसी।
देने को आई प्यार तुझे
कुछ इठलाती थपकियाँ।
बंद दरवाज़े के पीछे,तड़पती है 
माँ की सिसकियां बहन की हिचकियाँ।

नदियां सूख गई तो
सब प्यास से मर जायेंगे।
नारी जो रूठ गई तो
गीत,ग़ज़ल,शायरी कैसे गुनगुनायेंगे।
कौन गोद में सुलाकर
देगा प्यार की झपकियां।
बंद दरवाज़े के पीछे,तड़पती है 
माँ की सिसकियां बहन की हिचकियाँ।

रानी

©रानी सोनी 'परी' #Journey
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