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anuragsingh8443
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Anurag kumar singh

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Anurag kumar singh

White  कई अपनों को लगता है मैं उनका हो नहीं पाया
भरा है दर्द अंदर तक तनिक भी रो नहीं पाया

©Anurag kumar singh #Emotional
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Anurag kumar singh

Jai shree ram  मैं राम पर लिखूं अभी इतना ना बड़ा हूं 
अब तक किसी सहारे के पैरों पे खड़ा हूं 
इंसान को पढ़ने में ही लगेगा अभी वक्त 
मैं भगवान पर लिखूं अभी इतना ना बड़ा हूं 

उम्र की ब्यार के शीतल पवन में हूं
चरणों में पड़ा हूं और प्रभु के नयन में हूं 
दुनियादारी के इस दौड़ में अब तक न पड़ा हूं 
मैं राम पर लिखूं अभी इतना ना बड़ा हूं 

आदमी से मैं इंसान हां बनने को चला हूं 
अंदर भी मैं यूं मानव भरने को चला हूं
इंसान हूं इंसानियत को सीख रहा हूं 
मैं राम पर लिखूं अभी इतना ना बड़ा हूं 

जिस नाम ने इस जग को हां सुंदर बना दिया
वह राम जिसे दुनिया को जीना सिखा दिया 
अपने राम के संघर्षों से मैं बहुत दूर खड़ा हूं
मैं राम पर लिखूं अभी इतना ना बड़ा हूं

मैं राम के संघर्षों की गाथा सुना रहा 
मैं राम भक्त हां हूं अपने राम गा रहा 
गुण के समंदरो के हां कुछ बूंद पढ़ा हूं 
मैं राम पर लिखूं अभी इतना ना बड़ा हूं

वो नाम हां जो खुद में ही जादू से बड़ा है
हर रिश्ते में हां जिसने अनुराग भरा है
जिसकी दया से मैं हां इस धरा पे खड़ा हूं 
उन राम पर लिखूं अभी इतना ना बड़ा हूं

©Anurag kumar singh #JaiShreeRam
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Anurag kumar singh

जिस हस्ती के आगे
 तेरी सारी बस्ती झुक जाती है |
उसकी सांसे भी 
सिंह साहब के दर पर थम जाती हैं ||

©Anurag kumar singh
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Anurag kumar singh

मुझे अब वो मिटाने की हां कोशिश कर रहे हैं
यूं जिनको मैं बचाता फिर रहा था आज तक

©Anurag kumar singh #Path
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Anurag kumar singh

वक्त के साथ मैं सारे आंसुओं को खो रहा हूं ।
अब धीरे धीरे पत्थर से ज्यादा पत्थर हो रहा हूं ।।

©Anurag kumar singh #life
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Anurag kumar singh

आंख भरे होंगे आशु से , फिर से बेटियां रोई होंगी 
 फिर सहमी होंगी वो ,फिर डर की दुनिया में खोई होगी
पहले दूजो से खतरा था , शायद अब खुद से डरती होंगी 
खुद का सम्मान बचाने को शायद वो खुद से लड़ती होंगी

मन दुविधा से संचित होगा किसको सम्मान का ढाल कहे वो
 जब साथी ही उसके खिलाफ हो गैरो को क्या काल कहे वो
क्रूर हां कलयुग में किस पर ज़रा सा भी विश्वास करें वो
जब हर तरफ अपने साथियों से ही धोखे का आभास करें वो

हम तुम सोच नही सकते उनके मन में क्या भाव होंगे 
पिछले कल और अगले कल में हां कितने बदलाव होंगे 
किस डर भय और किस पीड़ा में वो हर पल मरती होंगी
पर इतना तय है अब बाहर आने से भी डरती होंगी 

भले वक्त के साथ उनके मन भाव में बदलाव होगा 
पर इतना तय है जीवनभर उनके दिल में ये घाव होगा

©Anurag kumar singh #Betiyan #Life #Poetry
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Anurag kumar singh

जरा मेरी इन नजरो से खुद को देखो




.

©Anurag kumar singh #Exploration
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Anurag kumar singh

आपके नाम को बहुत दिनों के बाद आपका साथ मिला है
चांद हटाकर ,आज फलग में चांद से सुंदर चांद खिला है

©Anurag kumar singh
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Anurag kumar singh

यूं इस कदर हमे क्यों सताया जा रहा है
क्या गुनाह है हमारा ना बताया जा रहा है

©Anurag kumar singh #ignore
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Anurag kumar singh

मैं जग को भूल जाऊंगा बहुत आसान सौदा है 
मगर तुम आत्मा हो मेरी ये कैसे भुल पाऊंगा

©Anurag kumar singh
  #delicate
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