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shilpivikram5544
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Shilpi Vikram

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Shilpi Vikram

क्यों निश्चिंत हो जाते हैं हम सब जब बेटा जन्म लेता है
चिंता दुगनी हो जानी चाहिए जब बेटा जन्म लेता है,
बेटी के जन्म के साथ ही चिंता उसकी शादी की,उसकी इज्जत की होने लगती है लेकिन वक्त की जरूरत है कि बेटी हो या बेटा, हमें दोनों की ही परवरिश में कुछ जरूरी बातों को शामिल करना चाहिए,महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को रोकने में कानून से ज्यादा भूमिका माता पिता की अपने बच्चों से बातचीत और संस्कार निभा सकते हैं।इस कविता में ऐसे ही कुछ विचार लिखे हैं मैंने जो मैं अपने बेटे से उम्मीद करती हूं,अभी वो बहुत छोटा है इन बातों को समझने के लिए लेकिन जब वो बड़ा होगा तो मेरी इस कविता को समझ पाएगा।


आज तुम्हारी मां लिखती ये पाती तुमको
स्नेह और प्यार से देती दुआएं तुमको
अभी बहुत हो छोटे तुम नहीं समझ पाओगे
लेकिन जब तुम बड़े होकर दुनियादारी में जाओगे
डर है मुझको ना बहकें कभी कदम तुम्हारे 
कभी अपमान ना करना किसी नारी का 
यही हैं सदा से दिए गए संस्कार हमारे 
ना कहना अपशब्द अपने मुख से किसी नारी को
देना नज़रों से भी सम्मान सदा हर नारी को
कहते हैं सब कि लड़के कभी रोया नहीं करते
मैं कहती हूं तुमसे कि लड़के कभी रुलाया नहीं करते
डॉक्टर,इंजीनियर,जो चाहे वो बनना
लेकिन कभी किसी औरत के आंसुओं की वजह मत बनना
यूं तो अपनी परवरिश पर यकीन है मुझको
लेकिन डर लगता है बदलते दौर की हवाओं से
डर लगता है बुरी संगत के काले सायों से
डर लगता है ये दौरे हवाएं तुमको ना बदल दें
बुरी संगत के काले साए तुमको ना बदल दें
कुछ भी हो अपनी मासूमियत को ना खोने देना
परवरिश मां की कभी कलंकित ना होने देना
गुरुर हो तुम हमारा,इस गुरुर को ना मिटने देना
एक अच्छे इंसान बन राष्ट्र की सेवा करना।।
       ।          ।।।। यशस्वी भव ।।।।

©Shilpi Vikram #चिट्ठी
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Shilpi Vikram

जब जुबां पे बात सुकून की आ जाती है
करूं पलकें बंद तेरी छवि दिख जाती है

©Shilpi Vikram #सुकून
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Shilpi Vikram

#MorningGossip  Kiran Verma V.k.Viraz suresh anjaan Deepak Gupta

#MorningGossip Kiran Verma V.k.Viraz suresh anjaan Deepak Gupta #कविता

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Shilpi Vikram

मां की चिट्ठी

आज तुम्हारी मां लिखती ये पाती तुमको
स्नेह और प्यार से देती दुआएं तुमको
अभी बहुत हो छोटे तुम नहीं समझ पाओगे
लेकिन जब तुम बड़े होकर दुनियादारी में जाओगे
डर है मुझको ना बहकें कभी कदम तुम्हारे 
कभी अपमान ना करना किसी नारी का 
यही हैं सदा से दिए गए संस्कार हमारे 
ना कहना अपशब्द अपने मुख से किसी नारी को
देना नज़रों से भी सम्मान सदा हर नारी को
कहते हैं सब कि लड़के कभी रोया नहीं करते
मैं कहती हूं तुमसे कि लड़के कभी रुलाया नहीं करते
डॉक्टर,इंजीनियर,जो चाहे वो बनना
लेकिन कभी किसी औरत के आंसुओं की वजह मत बनना
यूं तो अपनी परवरिश पर यकीन है मुझको
लेकिन डर लगता है बदलते दौर की हवाओं से
डर लगता है बुरी संगत के काले सायों से
डर लगता है ये दौरे हवाएं तुमको ना बदल दें
बुरी संगत के काले साए तुमको ना बदल दें
कुछ भी हो अपनी मासूमियत को ना खोने देना
परवरिश मां की कभी कलंकित ना होने देना
गुरुर हो तुम हमारा,इस गुरुर को ना मिटने देना
एक अच्छे इंसान बन राष्ट्र की सेवा करना।।
         ।।।। यशस्वी भव ।।।।

©Shilpi Vikram मां की चिट्ठी

#writing  Kiran Verma

मां की चिट्ठी #writing Kiran Verma #कविता

13 Love

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Shilpi Vikram

#admiration  Kiran Verma

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Shilpi Vikram

वोटिंग  आज चलो थोड़ा स्वार्थी ही बन जाएं
एक वोट ओपीएस को दे आएं
जाति,धर्म से ऊपर उठ कर 
आज हम सब एक कर्मचारी बन जाएं
चलो एक वोट ओ पी एस को दे आएं
जूं न रेंगी हमारी आवाज़ों से जिनके कानों में
चलो आज उनको अपना शंखनाद सुनाए
एक वोट ओ पी एस को दे आएं
आने वाली पीढ़ियां हम पर प्रश्नचिन्ह ना लगाएं
चलो उस प्रश्न को ही खत्म कर आएं
एक वोट ओ पी एस को दे आएं
जोश और जवानी के साथ
अपने बुढ़ापे को सुरक्षित कर आएं
चलो एक वोट ओ पी एस को दे आएं
                 !!!!!!!!!!!!!
                                   मेरी कलम से
                                   शिल्पी विक्रम

©Shilpi Vikram #WeAreVoters  Kiran Verma

11 Love

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Shilpi Vikram

l love my mom

©Shilpi Vikram

14 Love

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Shilpi Vikram

bhagwan hai Kahan re tu

bhagwan hai Kahan re tu

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Shilpi Vikram

HOPE
Whenever I think of my life
I try to take it with more delight
I know it's not a bed of roses
Yet the hope I never losses
The hope for the betterment of my career
I try to vanish its all barrier
Though it has many ups and downs
Yet I try to wear it like a crown
I know it is the wonderful mixture
 both the laughs and tears
So enjoy it fully without any fear.

©Shilpi Vikram Hope

#Woman

Hope #Woman

17 Love

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Shilpi Vikram

घाव जो दिए है उस साल ने 
उनपर मरहम बनकर आना तुम
थक चुकी हैं आंखें जिनका इंतजार करके
बिछड़े उन अपनों की,खैर खबर ले आना तुम
हे! नववर्ष पतझड़ के उन पत्तों को 
फिर से हरा भरा कर जाना तुम

©Shilpi Vikram #2021Wishes
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