एक ख्वाब था जो जल गया
एक शाम थी जो ढल गई
एक इश्क़ था जो बेजुबां
वो इश्क़ ही बिखर गया
जो कटी थी रातें साथ में
वो रात ही गुजर गई
जो करी थी बातें साथ में
107 Views
Manak Suthar
I want to say thank you to all the rare individual of my life who came as a stranger 4 month before and now are part of my life. thanks to all those basturds who listened me without judgement , spoken without prejudice , helps me without entitlement , understood without pretension and loved me without condition . thank you guys and one more thing take care .....bye bye ❤️
#friendsforever
12 Love
Manak Suthar
एक रोज हम दोनों ... मतलब मै और वो बैठे थे सामने बिलकुल चमकती शांत रात और मंद हवा में डाली पर बैठे कुछ प्रेम पंछियों की चहक ... उसका सर मेरे कन्धे पे और मेरा हाथ उसकी जुल्फों में मग्न था कि उसी पल उसने मुझसे एक सवाल किया की मैं तुम्हारे लिए और तुम मेरे लिए क्या हो और हम कौन है ...
तो उसके इस सवाल को मैंने कुछ चार पंक्तियों में ख़ामोशी से उत्तर देना लाजमी समझा और उन पंक्तियों को शीर्षक दिया .... उसकी बालकनी से जो की कुछ इस प्रकार से है कि .....