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हरिकेश यादव

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हरिकेश यादव

गजल
जिन्दगी जी रहे है कीसी के लिए।
 हम जीन्दा है, अब तक उसी के लिए 
उसका मीलना बिछडना,बहुत सारे गम।
उसने ढाये सितम,बेबसी के लिए।
 हम.. .
जीन्दगी जी……..
मौत मार दे मुझको आ के यहा, है इतने फंदे हम लटके कहा।
कर रखा था सारे जतन ख़ुदकुशी के लिए। 
हम…
जिन्दगी जी…….
कम नही है सितमगर ऐ तेरे सितम, टपके लहु दे सारे जखम।
गाव छोडा था हमने खुसी के लिए। 
हम…….
जीन्दगी जी…….
लघु काव्य-संग्रह-कांटे पिरोते ऐ फूल से आंसू
                        हरिकेश यादव

©हरिकेश यादव जिन्दगी जी रहे है किसी के लिए 

#dusk

जिन्दगी जी रहे है किसी के लिए #dusk #शायरी

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हरिकेश यादव

एक फुल का पौधा था, कल्लियो को संजोया हुआ।
बिते जमाने मे,कभी हालात पर रोया हुआ।
उसने कहा ,ऐ मेरे अपने सुनो, कुछ इस कदर बनो।जिन्दगी मे हर हालात से, लडने का हौसला रखा करो।
ऐ कोई जरूरी नही कि ,तुम्हारा खुसी लेने कोई पतझड आयेगा ।
वक्त बदला तो ऐ गुलशन ही तुम्हे खा जायेगा।
                            हरिकेश यादव (लघु काव्य-संग्रह कांटे पिरोते ऐ फूल से ऑसु)

©हरिकेश यादव हालात 

#together

हालात #together #शायरी

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हरिकेश यादव

व
वह चाहता है हर सर, झुके उसके कदमो मे। (तानाशाह जो है)
मेरा जमीर, मुझे झुकने नही देता।
मुझे,मेरे लोगो को, बेजूबा समझता है।
ना जाने वो खुद को, क्यो खुदा समझता है।
वह फिरौन है,फिरदौस है, उसके सर पर आशबाब है।
मेरे सर पर खुला आसमान, दरख्तो का वोट है।
जमाना सहलाता रहा बदन,और मेरे सीने पे चोट है।
अब वह मेरे सम्मान का गुरूर, मेरे सर से उतारेगा।
सुना हू हंसती हुई, हमारी बस्ती ऊजाडेगा।
तेरे मक्कारी को, सरेआम कोई कह ना जाये।
ऊजाड सकता है तो जल्दी कर,कही ऐ मल्लाल सीने मे रह ना जाऐ।
क़िस्मत कहा बदली है, कभी रो कर ।
वक्त रहता नही, कीसी एक पर मेहरबा हो कर।
लघु काव्य संग्रह -कांटे पिरोते- ऐ -फूल से ऑसू

©हरिकेश यादव मक्कार तानाशाह 

#Hope

मक्कार तानाशाह #Hope

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हरिकेश यादव

मुसलसल  जिंदगी  ये  चलती  रही , 
कभी  धुप, कभी  बारिश, कभी  आंधी, कभी  बंजर  रेगिस्तान। 
समय  ही नहीं  मिला  पलट  कर पूछ  लू, 
तुम  थकी  तो नहीं। 
                                                                                 कांटे  पिरोते  ये फूल  से  आँशु हमसफ़र

हमसफ़र

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हरिकेश यादव

ज़मीर

ज़मीर

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हरिकेश यादव

सरहदों  की  बंदिशे

सरहदों की बंदिशे

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हरिकेश यादव

आग

आग

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हरिकेश यादव

आग

आग

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हरिकेश यादव

बच्चों से जिंदगी जीना सीखो

बच्चों से जिंदगी जीना सीखो

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हरिकेश यादव

तेरे साये भी जहर है

तेरे साये भी जहर है

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