मुसाफिर जरा सम्भलना..काँटों का सफर है...
टूट जाते हैं लोग खजाना मिलने से पहले...
वैसे भी मैं कोई बदमाश तो नही हूँ मगर...
इससे भी शरीफ था जमाना मिलने से पहले...
कमाल के शातिर थे हम लोग उन दिनों लेकिन...
उतार लिया सर मौत ने बहाना मिलने से पहले... #शायरी