Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser2325394471
  • 80Stories
  • 54Followers
  • 1.1KLove
    8.8KViews

ऊषा 'रिमझिम'

writer, social worker, blogger, motivational speaker, music lover & love to travel.

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

दिल की बेचैनी बढ़ जाये..
यादों की बरखा घिर आये..

तन्हाई मुझे जब तड़पाये..
हर आहट पे दिल घबराए..

करवट करवट गुज़रे रातें..
सूरत कोई मन को न बहलाये..

तब चाँद मेरे तुम आ जाना..
हम साया मेरा बन जाना..

©ऊषा 'रिमझिम'
c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

जो तुम आओ तो ये श्रृंगार भी पूरे सोलह हो जाएं
कि अब हम तेरे हो जाएं और तुम मेरे हो जाओ

©ऊषा 'रिमझिम'
c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

यारों बड़ा ही दिलकश होता, इस उम्र का एहसास है
जब भी किसी को हो जाता, पहला पहला प्यार है

दिल करता है धक धक और नवयौवन लेता अंगड़ाई है
महके है जैसे वन उपवन में कलियों ने ली अंगड़ाई है

चिड़ियाँ चहके आसमान में, रंगत भी है निखरी निखरी
लगता जैसे हो गुलाब की, हर सूं खुशबू बिखरी बिखरी

हर पल प्रियतम से मिलने को, मन है तरसता रहता
एक दूजे से मिलते ही, तन मन रहता बहका बहका

दिल कहीं लगता नहीं, जब होता पहला पहला प्यार
कैसे कैसे  ख़्वाब दिखाता, है ये पहला पहला प्यार

©ऊषा 'रिमझिम'
c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

कुछ ना कहो बस यूं ही तुम ख़ामोश रहो आज
बरसों से तरसती आँखों की बुझाने दो मुझे प्यास

©ऊषा 'रिमझिम'
c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

गिर गिरकर उठने की कोशिश ने उसके
हौसलों को मजबूत बना दिया
ऊँची उड़ानें भरने के उसके इरादों को
और भी मजबूत बना दिया

©ऊषा 'रिमझिम'
c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

कर लेना इंतज़ार ज़रा सा
सही वक़्त आने का तुम
चाहे कुछ भी हो जाये
हमसे जुदा मत होना तुम

©ऊषा 'रिमझिम'
c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

वो दिन याद करो जब अक्सर छुप छुप के हम मिलते थे
देख न ले कहीं कोई हमें ये सोच - सोच के हम डरते थे

कभी बाग़ में पेड़ के नीचे कभी कॉलेज में सबसे पीछे
किसी न किसी बहाने से हम तुमसे रोज़ मिला करते थे

मेरी ख़ातिर नज़र बचाकर रोज़ ही तुम लाते थे गुलाब  
डर डर के चोटी में मेरी प्यार से लगाते थे वो गुलाब

याद करो वो सबसे ख़ास दिन जब था मेरा जन्मदिन
बैठ के घुटनों पर वो तुम्हारा करना प्यार का इज़हार

पंख लगाकर समय उड़ चला जाने आज कहाँ हो तुम
क्या तुमको भी याद आते हैं प्यार भरे वो सुहाने दिन

©ऊषा 'रिमझिम'
c596405892e41ab64d5c2411af47eb78

ऊषा 'रिमझिम'

उसके चेहरे पर खुशी थी
आँखों में मगर उदासी थी
कहना तो बहुत कुछ चाहती थी
पर जाने क्यों ख़ामोश थी

©ऊषा 'रिमझिम'
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile