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anjaansaraswat3550
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Anjaan Saraswat

The More you Know Life, The More Will you Know Me!

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Anjaan Saraswat

आदर्णीय व वंदनीय आत्मन, 

होली के पावन पर्व  की आप व परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ|

प्रेम के रंग संग राग, द्वेष, विरोधियों, बीमारियों, हीन आसुरि भावों, दुख तथा आतंक रूपी होलिका का दहन हो, यही सदिच्छा है!

याचक: डा० पंकज शर्मा व परिवार 
🙏🙏🙏

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#होली पर्व पर शुभेच्छा 

#Happy_holi

#अंजानसारस्वत#होली पर्व पर शुभेच्छा #Happy_holi

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Anjaan Saraswat

दोहा:
काया संग माया रहे, मोह क्रोध अरु काम|
ता के हिरदै मोक्ष है, जा के हिरदै राम||

©Anjaan Saraswat
  #अंजानसारस्वत#दोहा#मोक्ष
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Anjaan Saraswat

दोहा:
काया संग माया रहे, मोह क्रोध अरु काम|
ता के हिरदै मोक्ष है, जा के हिरदै राम||

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#दोहा#मोक्ष
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Anjaan Saraswat

एक दोहा देखिए-

जिस थाली तन लागता,
करता सब कुछ साफ|
चमचों की आदत भली, 
कीजै नाही माफ||

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#दोहा
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Anjaan Saraswat

पढ़ो-पढ़ाओ
स्कूल गी जाओ

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#स्यानीगल्ल
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Anjaan Saraswat

तुझ जैसा दानी और ज्ञानी, 
ना कोई दूजा हो पाएगा;

कौन जगत मे ऐसा सूरमा,
चिड़ियां, बाज़ बनाएगा!

गुरूपर्व की सभी को 
हार्दिक शुभकामनाएं

©Anjaan Saraswat
  #अंजानसारस्वत#गुरूगोविंदसिंहजयंती
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Anjaan Saraswat

तुझ जैसा दानी और ज्ञानी, 
ना कोई दूजा हो पाएगा;

कौन जगत मे ऐसा सूरमा,
चिड़ियां, बाज़ बनाएगा!

गुरूपर्व की सभी को 
हार्दिक शुभकामनाएं

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#गुरूगोविंदसिंहजयंती
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Anjaan Saraswat

दीपावली के मंगल पर्व, 
भगवान श्री राम जी के रावण वध 
के बाद अयोध्या पधारने पर कुछ पंक्तियां 

लौ (मुक्त छंद)
-------------------
मिटाना लाख चाहे लौ,
तिमिर मिलकर घटाओं संग,
लिए मेघों के पाशों में
किए गहरे भयानक रंग;
यह रश्मि सत्य की है 
जो बुझाने से नहीं बुझती;
ना रुकती है कभी रोके,
मिटाने से नहीं मिटती;
कहीं भी हो भभक कर
जल सदा आगे ही बढ़ती है:
यह सूरज,तेज की बंशज
है खलती हर अंधेरे को;
लिए पावक पताका हाथ
चढ़ती है, निखरती है;
रहा चिरकाल से संघर्ष है, 
आगे भी रहना है;
निशा, तमराज के संगी
किए बहुरूप आएंगेे;
है हो सकता क्षणिक आभास 
के अब कुछ नहीं बाकी;
मगर यह सत्य की लौ है, 
सदा से है, सदा ही है!
--------------------------
पंकज 'अंजान' सारस्वत

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#कविता #दीपावली2020#
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Anjaan Saraswat

मेरे हाफ़िज़ ने ही आखिर मुझको दगा दिया 
बुझती सांसों के पहले ही दामन जला दिया


 🖋अंजान की कलम से #अंजान की शायरी# दुख

#अंजान की शायरी# दुख

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Anjaan Saraswat

स्वामी विवेकानंद के चरणों में समर्पित कुछ पंक्तियां:
                 "है नमन धरा के पूत"
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भारत के गौरव की गाथा का परचम लहराया था,
यही दिवस था, देस शिकागो, दिव्य अमृत बरसाया था|
वही विवेकानंद थे सुनके सत्ब्द हुई दुनिया सारी,
ना ही खुद को दीन बताया और ना कोई लाचारी|
एक सदी का समय है बीता, अब भी गूंज है कानों में, 
वानी मे सामर्थ्य था इतना, ना तलवार ना वाणों में|
नमन है ऐसे दिव्य पुरुष को राह हमे बतलाई है, 
धन्य हुई है मात भारती, पुण्य धरा हर्षाई है||
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निवेदक: पंकज सारस्वत #पंकजसारस्वत#विवेकानंदजीकोश्रद्दांजलि#शिकागोभाषण
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