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krishnaregar1861
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MR

Sometime it's all about presentation. The sun does all the work, the moon only Presents it in a better way.

https://youtu.be/glrKVL17whc

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MR

फोटो पर उसके होठों का सपना देखना 
  गलत है क्या 
बीच रात उसके छुअन की वाहिमा 
करना सही क्यों नहीं
अगर किसी एक इंसान से तमाम उम्र प्यार 
करना सही है 
तो अमृता का प्यार साहिर के लिए
 गलत था 
और अगर किसी एक इंसान के आरजू में 
तड़पना गलत है 
तो इमरोज का प्यार अमृता के लिए 
गलत था क्या 
अगर खुदगर्जी प्यार को ख़त्म करती है तो 
उसे पैदा क्या करता है

©MR फोटो पर उसके होठों का सपना देखना गलत है क्या 
बीच रात उसके छुअन की वाहिमा करना सही क्यों नहीं
अगर किसी एक इंसान से तमाम उम्र प्यार करना सही है 
तो अमृता का प्यार साहिर के लिए गलत था 
और अगर किसी एक इंसान के आरजू में तड़पना गलत है 
तो इमरोज का प्यार अमृता के लिए गलत था क्या 
अगर खुदगर्जी प्यार को ख़त्म करती है तो उसे पैदा क्या करता है

फोटो पर उसके होठों का सपना देखना गलत है क्या बीच रात उसके छुअन की वाहिमा करना सही क्यों नहीं अगर किसी एक इंसान से तमाम उम्र प्यार करना सही है तो अमृता का प्यार साहिर के लिए गलत था और अगर किसी एक इंसान के आरजू में तड़पना गलत है तो इमरोज का प्यार अमृता के लिए गलत था क्या अगर खुदगर्जी प्यार को ख़त्म करती है तो उसे पैदा क्या करता है #poem #walkingalone

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MR

बेशक तू अपने चेहरे बदल ले ,
 मुझसे  ना  कहे  की  नजरे  बदल  ले ,

अपनी अदाओं  मे  नया  पन  ला तू , 
यार  बदल लिया तरीके  बदल ले,

उसके गले  लगकर  उसकी  खुशबू   ले आये ,
अब कोई कैसे यहां  पर कपडे  बदले ,

©MR बेशक तू अपने चेहरे बदल ले ,
 मुझसे  ना  कहे  की  नजरे  बदल  ले ,

अपनी अदाओं  मे  नया  पन  ला तू , 
यार  बदल लिया तरीके  बदल ले,

उसके गले  लगकर  उसकी  खुशबू   ले आये ,
अब कोई कैसे यहां  पर कपडे  बदले ,

बेशक तू अपने चेहरे बदल ले , मुझसे ना कहे की नजरे बदल ले , अपनी अदाओं मे नया पन ला तू , यार बदल लिया तरीके बदल ले, उसके गले लगकर उसकी खुशबू ले आये , अब कोई कैसे यहां पर कपडे बदले , #SAD #Shayari

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MR

"पुरुषार्थ"
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.
 तस्वीर भारत विभाजन के समय की है। इतिहास के किसी दस्तावेज में यह दर्ज नहीं कि पुरुष के कंधे पर बैठी यह स्त्री उसकी पत्नी है, बहन है, बेटी है, या कौन है। बस इतना स्पष्ट है कि एक पुरुष और एक स्त्री मृत्यु के भय से भाग रहे हैं। भाग रहे हैं अपना घर छोड़ कर, अपनी मातृभूमि छोड़ कर, अपनी संस्कृति अपनी जड़ों को छोड़ कर...
      तस्वीर यह भी नहीं बता पा रही कि दोनों भारत से पाकिस्तान की ओर भाग रहे हैं या पाकिस्तान से भारत की ओर भाग रहे हैं। मैं कपड़ो और दाढ़ी से अंदाजा लगाता हूँ तो लगता है कि सिक्ख हैं, और यदि सिक्ख हैं तो पाकिस्तान से भारत की ओर ही भाग रहे हैं। तस्वीर बस इतना बता रही है कि दोनों भाग रहे हैं, मृत्यु से जीवन की ओर... अंधकार से प्रकाश की ओर... "तमसो माँ ज्योतिर्गमय" का साक्षात रूप...
 
      अद्भुत है यह तस्वीर। जब देखता हूँ तब रौंगटे खड़े हो जाते हैं। क्या नहीं है इस तस्वीर में? दुख, भय, करुणा, त्याग, मोह, और शौर्य भी... मनुष्य के हृदय में उपजने वाले सारे भाव हैं इस अकेली तस्वीर में।
   
    पर मैं कहूँ कि यह तस्वीर पुरुषार्थ की सबसे सुंदर तस्वीर है तो तनिक भी अतिश्योक्ति नहीं होगी। एक पुरुष के कंधे का इससे बड़ा सम्मान और कुछ नहीं हो सकता, कि विपत्ति के क्षणों में वह एक स्त्री का अवलम्ब बने।
    
  आप कह नहीं सकते कि अपना घर छोड़ कर भागता यह बुजुर्ग कितने दिनों का भूखा होगा। सम्भव है भूखा न भी हो, और सम्भव है कि दो दिन से कुछ न खा पाया हो। पर यह आत्मविश्वास कि "मैं इस स्त्री को अपने कंधे पर बिठा कर इस नर्क से स्वर्ग तक कि यात्रा कर सकता हूँ" ही पुरुषार्थ कहलाता है शायद। पुरुष का घमंड यदि इस रूप में उभरे कि "मैं एक स्त्री से अधिक कष्ट सह सकता हूँ, या मेरे होते हुए एक स्त्री को कष्ट नहीं होना चाहिए" तो वह घमंड सृष्टि का सबसे सुंदर घमंड है। हाँ जी! घमंड सदैव नकारात्मक ही नहीं होता।
    
  मुझे लगता है कि स्त्री जब अपने सबसे सुंदर रूप में होती है तो 'माँ' होती है, और पुरुष जब अपनी पूरी गरिमा के साथ खड़ा होता है तो 'पिता' होता है। 

अपने कंधे पर एक स्त्री को बैठा कर चलते इस पुरुष का उस स्त्री के साथ चाहे जो सम्बन्ध हो, पर उस समय उस स्त्री को इसमें अपना पिता ही दिखा होगा। नहीं तो वह उसके कंधे पर चढ़ नहीं पाती।   

कंधे पर तो पिता ही बैठाता है, और बदले में एक बार पुत्र के कंधे पर चढ़ना चाहता है। और वह भी मात्र इसलिए, कि पुत्र असंख्य बार कंधे पर चढ़ने के ऋण से मुक्त हो सके।   
  
    ऋणी को स्वयं बहाना ढूंढ कर मुक्त करने वाले का नाम पिता है, और मुक्त होने का भाव पुत्र... यह शायद मानवीय सम्बन्धो का सबसे सुन्दर सत्य है।
   
  इतिहास को यह भी स्मरण नहीं कि मृत्यु के भय से भागता यह जोड़ा जीवन के द्वार तक पहुँच सका या राह में ही कुछ नरभक्षी इन्हें लील गए, पर वर्तमान को यह ज्ञात है कि सवा अरब की जनसँख्या वाले इस देश मे यदि ऐसे हजार कंधे भी हों तो वे देश को मृत्यु से जीवन की ओर ढो ले जाएंगे।
      
ईश्वर! मेरे देश को वैसी परिस्थिति मत देना, पर वैसे कंधे अवश्य देना ताकि देश जी सके, और जी सके पुरुषों की प्रतिष्ठा। 

ताकि नारीवाद के समक्ष जब मेरा पुरुषवाद खड़ा हो तो पूरे गर्व के साथ मुस्कुराए और कहे 'अहम ब्रह्मास्मि....'

©MR "पुरुषार्थ"
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 तस्वीर भारत विभाजन के समय की है। इतिहास के किसी दस्तावेज में यह दर्ज नहीं कि पुरुष के कंधे पर बैठी यह स्त्री उसकी पत्नी है, बहन है, बेटी है, या कौन है। बस इतना स्पष्ट है कि एक पुरुष और एक स्त्री मृत्यु के भय से भाग रहे हैं। भाग रहे हैं अपना घर छोड़ कर, अपनी मातृभूमि छोड़ कर, अपनी संस्कृति अपनी जड़ों को छोड़ कर...
      तस्वीर यह भी नहीं बता पा रही कि दोनों भारत से पाकिस्तान की ओर भाग रहे हैं या पाकिस्तान से भारत की ओर भाग रहे हैं। मैं कपड़ो और दाढ़ी से अंदाजा लगाता हूँ तो लगता है कि स

"पुरुषार्थ" . . तस्वीर भारत विभाजन के समय की है। इतिहास के किसी दस्तावेज में यह दर्ज नहीं कि पुरुष के कंधे पर बैठी यह स्त्री उसकी पत्नी है, बहन है, बेटी है, या कौन है। बस इतना स्पष्ट है कि एक पुरुष और एक स्त्री मृत्यु के भय से भाग रहे हैं। भाग रहे हैं अपना घर छोड़ कर, अपनी मातृभूमि छोड़ कर, अपनी संस्कृति अपनी जड़ों को छोड़ कर... तस्वीर यह भी नहीं बता पा रही कि दोनों भारत से पाकिस्तान की ओर भाग रहे हैं या पाकिस्तान से भारत की ओर भाग रहे हैं। मैं कपड़ो और दाढ़ी से अंदाजा लगाता हूँ तो लगता है कि स #Thoughts

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MR

जिनके लिए हम लिखते है ,
अक्सर , उनको ही हम कुछ लिख नहीं पाते !!

©MR जिनके लिए हम लिखते है ,
अक्सर , उनको ही हम कुछ लिख नहीं पाते !!


#stay_home_stay_safe

जिनके लिए हम लिखते है , अक्सर , उनको ही हम कुछ लिख नहीं पाते !! #stay_home_stay_safe

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MR

किसी पर मर जाने से शुरु होती है मोहब्बत,

  इश्क जिन्दा लोगों का काम नही...!

©MR “किसी पर मर जाने से शुरु होती है मोहब्बत,

  इश्क जिन्दा लोगों का काम नही...!”

#throwback2020  #Shayari #lockdown3 

#Love

“किसी पर मर जाने से शुरु होती है मोहब्बत, इश्क जिन्दा लोगों का काम नही...!” throwback2020 Shayari lockdown3 Love

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MR

शत्रु बन के अमृत पिलाना 
 होता है,
परन्तु मित्र बनकर विष पिलाना बहुत सरल

©MR शत्रु बन के अमृत पिलाना 
 होता है,
परन्तु मित्र बनकर विष पिलाना बहुत सरल

#AfraidOfDeath

शत्रु बन के अमृत पिलाना होता है, परन्तु मित्र बनकर विष पिलाना बहुत सरल #AfraidOfDeath

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MR

कैद में है जिंदगी आजाद हो जा, मोहब्ब्त में चल बर्बाद हो जा! तेरी शहद सी आवाज को कानो से चख लू , तू मेरे इश्क का मीठा स्वाद हो जा!!;

©MR कैद में है जिंदगी आजाद हो जा, मोहब्ब्त में चल बर्बाद हो जा! तेरी शहद सी आवाज को कानो से चख लू , तू मेरे इश्क का मीठा स्वाद हो जा!!


#lost

कैद में है जिंदगी आजाद हो जा, मोहब्ब्त में चल बर्बाद हो जा! तेरी शहद सी आवाज को कानो से चख लू , तू मेरे इश्क का मीठा स्वाद हो जा!! #lost

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MR

वो जो मरने पे तुला है,
उसने जी कर भी तो देखा होगा ।

©MR वो जो मरने पे तुला है,
उसने जी कर भी तो देखा होगा ।
#Hopeless

वो जो मरने पे तुला है, उसने जी कर भी तो देखा होगा । #Hopeless

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MR

संघर्ष की परिभाषा 
यहीं से शुरू होती है
“हो कही भी आग, 
लेकिन आग जलनी चाहिए.”

ज़िंदगी कठिन तब हो जाती है... जब
                हम खुद में
बदलाव लाने की बजाय परिस्थितियों को

संघर्ष की परिभाषा यहीं से शुरू होती है “हो कही भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए.” ज़िंदगी कठिन तब हो जाती है... जब हम खुद में बदलाव लाने की बजाय परिस्थितियों को #Music

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MR

अगर चोरी करने की सजा मिलती है 
तो दिल दुखाने की सजा भी तो मिलनी चाहिए
अगर अदालतों में घर तोड़ने की सुनवाई की जाती है 
तो घर तबाह करने की सजा भी तो मिलनी चाहिए 
अगर अपने जेबों को पैसों से भरना गलत है 
तो किसी एक इंसान को देवता जैसे पूजना सही है क्या?
अगर सियासत के नाम पर जंग करवाना सही है
तो देश बेचने वालों को गलत कहना ग़लत क्यों?
और अगर धर्म के नाम पर बंटवारा करवाना सही है 
तो आजादी के नाम पर नारे लगाना गलत क्यों?
किसी एक इंसान से दिल खोलकर प्यार करना सही है 
तो जब वो किसी और से करता है तो मुझे सही क्यों नहीं लगता 
और वो सही है तो मैं गलत क्यों?
ये सही और गलत के बीच में कुछ होता भी है क्या??

©MR अगर चोरी करने की सजा मिलती है 
तो दिल दुखाने की सजा भी तो मिलनी चाहिए
अगर अदालतों में घर तोड़ने की सुनवाई की जाती है 
तो घर तबाह करने की सजा भी तो मिलनी चाहिए 
अगर अपने जेबों को पैसों से भरना गलत है 
तो किसी एक इंसान को देवता जैसे पूजना सही है क्या?
अगर सियासत के नाम पर जंग करवाना सही है
तो देश बेचने वालों को गलत कहना ग़लत क्यों?

अगर चोरी करने की सजा मिलती है तो दिल दुखाने की सजा भी तो मिलनी चाहिए अगर अदालतों में घर तोड़ने की सुनवाई की जाती है तो घर तबाह करने की सजा भी तो मिलनी चाहिए अगर अपने जेबों को पैसों से भरना गलत है तो किसी एक इंसान को देवता जैसे पूजना सही है क्या? अगर सियासत के नाम पर जंग करवाना सही है तो देश बेचने वालों को गलत कहना ग़लत क्यों? #Shayari #lovebirds

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