Nojoto: Largest Storytelling Platform
devkumar7423
  • 15Stories
  • 236Followers
  • 214Love
    3.7KViews

DEV KUMAR

ये दिल नहीं है मेरा, उसका मकान है ख्वाबो के कारवाँ में, ये दिल का बयान है

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

#p हम शिरफ़िरे बिगाड़े हुवे नवाब नहीं है

#p हम शिरफ़िरे बिगाड़े हुवे नवाब नहीं है #कविता

110 Views

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

ज़िन्दगी है मेरी तू

ज़िन्दगी है मेरी तू #कविता

97 Views

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

#PoetryOnline ऐ हवा

1,848 Views

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

#MainAgarKahu बहुत खूबसूरत

#MainAgarKahu बहुत खूबसूरत #कविता

178 Views

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

#LOVEGUITAR सावन

166 Views

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

#LOVEGUITAR  nigahe MONIKA SINGH vidhi arora Hamirsha Juneja Kunj Tiwari khan perfect💞

#LOVEGUITAR nigahe MONIKA SINGH vidhi arora Hamirsha Juneja Kunj Tiwari khan perfect💞 #कविता

188 Views

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

आ जा मेरी जाँ पनाहों में

आ जा मेरी जाँ पनाहों में

303 Views

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

Alone  जस्न मेरे मरने का कुछ यूँ मनाया जायेगा 
पहले अंशू फिर जाम छलकाया जायेगा जस्न मेरे मरने का

जस्न मेरे मरने का #शायरी

11 Love

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

ऐ सखी मत हो उदास

ऐ सखी मत हो उदास #कविता

619 Views

c822eeee957ea9d2022d50a60dadbe27

DEV KUMAR

उठ रही है मन मे मेरे पीर परायी ना जाने क्यू 
मन है कुंठित आँख मे आस्क ना जाने क्यू 
मैं अकेला बेचैन हु बैठा ना जाने क्यू 
सोच रहा हूँ रो रहा हूं ना जाने क्यू 
उठ रही है मन मे मेरे पीर परायी ना जाने क्यू

लूटी आज एक अस्मत फिर है 
बिखर गयी बाहर चमन की 
मानवता से फिर उठा भरोसा 
इंसानियत ने फिर दम तोड़ा 
उठ रही है मन मे मेरे पीर परायी ना जाने क्यू

पलते थे सपने जिन पलकों पर 
उनमे अँधियारा झाँक रहा 
लबो पे चुप्पी बदन कपड़ो से झाँक रहा 
लूटी है अस्मत फिर किसी की सारा जग ये जान रहा 
उठ रही है मन मे मेरे पीर परायी ना जाने क्यू

पहुंची आंगन घर बाबुल के 
सारा घर उसे ताक रहा 
माँ बाप की ऑंखें शर्म से झुकी 
दरसक बने लोगो सारा मज़ारा जाँच रहे, 
उठ रही है मन मे मेरे पीर परायी ना जाने क्यू

कपडे छोटे जिस्म खुला ये तने भी सुनते है 
8 के बाद घर से निकले तो परिणाम यही बताते है 
संस्कारो मे कमी ये लड़की के जताते है 
एक बार की लूटी अस्मत ये रोज़ बज़ारो मे लुटाते है 
उठ रही है मन मे मेरे पीर परायी ना जाने क्यू
मन है कुंठित आँख मैं आस्क ना जाने क्यू पीर prayi

पीर prayi

12 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile