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ryanvidrohi5217
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Ryan Vidrohi

I am writer and learner boy ...

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Ryan Vidrohi

बहुत अच्छे होकर भी आप हर किसी के लिये अच्छे नहीं हो सकते, कहीं बुरे बना दिए जाते हो तो कहीं बुरे साबित कर दिए जाते हो ..!

©Ryan Vidrohi
  #duniya
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Ryan Vidrohi

earn money

©Ryan Vidrohi
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https://g.navi.com/1Zow18 #समाज

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Ryan Vidrohi

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Ryan Vidrohi

namaste india

©Ryan Vidrohi
  #chandrayaan3
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Ryan Vidrohi

koi hai for love

©Ryan Vidrohi
  #Shajar
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Ryan Vidrohi

राधे राधे,

आदमी चाहे तो औरत के प्रेम के सहारे परम् को उपलब्ध हो सकता है, परंतु वो औरत के शरीर पर ही अटक के रह गया है,,,

वासना पर ही रुक गया है, उसने शरीर के पार जो दिल है उस तक पहुँचने की कभी कोशिश ही नहीं की, लेकिन एक बार आदमी,,

औरत के दिल तक पहुँच गया तो फिर शरीर गौण हो जाता है, फिर वासना से मुक्ति मिल जाता है और आदमी परम् को उपलब्ध हो जाता है...

©Ryan Vidrohi
  #akela
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Ryan Vidrohi

इश्क़ में कैसी सरहदें

इश्क में कैसी सरहदें, इश्क तो है आज़ाद पंछी की तरह, सुनता कहाँ है ये किसी की, अपनी ही सुनता है मनमर्जीयों की तरह,

कब कहाँ और किससे हो जाए, क्या पता, ये इश्क फैल जाता है फिज़ा में, फूलों की खुशबू की तरह,

दिखाता है सपने दिन रैन ये, ले जाता है अलग ही दुनिया में, दो दीवाने खोऐ रहते हैं एक दूजे में, मंज़िल से भटके राही की तरह,

परवाह नहीं ज़माने की, ना डर किसी भी बात का, दिल ऊतर आता है बगावत पर, सरहद पर तैनात सैनिक की तरह ।

©Ryan Vidrohi
  #WoRaat
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Ryan Vidrohi

मुझे जब-जब मुकद्दर याद आता है. मुझे तब-तब सिकंदर याद आता है

मैं चला, दौड़ा, गिरा, टूटा, बिखरा अब संभलने को घर याद आता है

रिश्ते मनाया किया हूँ त्योहारों-सा मगर हिस्से में खंजर याद आता है

क्या था, क्या हूँ, क्या होना मुझे? जवाब में बीता दहर याद आता है।

आखिरी लम्हों की आरजू में मुझे इक अंधेर-सा भंवर याद आता है.

जफ़ा जब भी याद करता 'बवाल' आदतों का कहर याद आता है

©Ryan Vidrohi
  #Gulaab
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Ryan Vidrohi

अँधेरा था घना छाया तुम्हारी याद आयी बिसर गई थी जो कल की कहानी याद आयी

हसीन रुख़ से तुम्हारे कली की याद आयी सवेरा देखा तो लाली लबों की याद आयी

बदन तेरा खिला जैसे गुलाब हो कोई लचक कमर की जो देखी तो डाली याद आयी

नहीं मिलेगी कहीं छाँह तेरी ज़ुल्फ़ों की जो देखा ज़ुल्फ ये बिखरी घटा की याद आयी

गुलों की लाली चुराई है गालों ने तेरे नज़र पड़ी तो कली इक गुलाबी याद आयी

किया है क़त्ल मुझे आँखों को झुका अपनी चली थी दिल पे जो मीठी कटारी याद आयी

असीर ज़िन्दगी मेरी नहीं ख़ुशी कोई महल ये काटता मुझको गली की याद आयी

हवा चली तो कलेजा हुआ मेरा ठंडा तुम्हारी ज़ुल्फ से बादे बहारी याद आयी

©Ryan Vidrohi
  #DiyaSalaai
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Ryan Vidrohi

दरख़्तों को क्या ख़बर कि फूल किसी पर मरने लगें फिर किसी के आ जाने से गली के लड़के सारे सवरने लगे

यही सुना था हमने कि समन्दर है चश्म-ए-नाज़ उनकी जब से दीदार हुआ है हम कि पानी पर चलने लगें

तुम्हें देख कर ही दिल आहे भरने लगा वरना हम जो हर बला से बचा करते थे वो इश्क़ कैसे करने लगें

कुछ ज़्यादा ही देर न कर अब लौट भी आ मरियम कहीं ऐसा न हो कि तेरी वापसी पर लोग हाथ मलने लगें

अंधेरे को मुंह लगाना और रौशनी से कतराना आशिक़ी का यही रंग है या कुछ और हम बनने लगें

ज़्यादा वक़्त नहीं हुआ हैं अभी कुछ दिन ही गुज़रे है मुहब्बत में देव' तुमसे ये उम्मीद नहीं थी यार तुम भी लड़कियों का बिल भरने लगें

©Ryan Vidrohi
  #Parchhai
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