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Tribhuwan parihar

त्रिभुवन परिहार नैनीताल।।

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Tribhuwan parihar

जितनी खुबसूरत होती है,
प्रेम की उत्पत्ति,
उससे भी भयावह होता है,
उसका अंत।।

©tribhu1 #Rose
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Tribhuwan parihar

जब तलक जीवन है,
गतिमान रहो,
बाधाएं आयेंगी,
तुम्हारी राह में,
उनसे टकराओ,
उसका मुकाबला करो,
नदी भी तो टकराती है,
किसी पहाड़ से,
और हो जाती है,
झील, तालाब या फिर समंदर।
तुम भी टकराओ, 
इतना टकराओ कि,
अगर नहीं रह सको,
नदी तो,
हो जाओ,
कोई झील, तालाब या फिर समंदर........।।

©tribhu1 #samandar
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Tribhuwan parihar

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Tribhuwan parihar

सब कुछ,
बिखरने पर भी,
अगर,
मुझे बचाना पड़े कुछ शेष,
तो मैं,
तुम्हारे,
लौट आने की उम्मीद बचाना चाहूंगा............।।

©tribhu1 #apart
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Tribhuwan parihar

khamoshi
kavita

©tribhu1
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Tribhuwan parihar

जो कोई भी,
आता है पास तुम्हारे,
देकर,
जाता है,
कुछ ना कुछ तुम्हें,
अनुभव,
अनुभव होता है,
अच्छा या बुरा नहीं होता.....।।

©tribhu1 #findsomeone
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Tribhuwan parihar

जब कोई,
तुम्हारे पास आता है,
तो तुम्हें,
कुछ ना कुछ,
देकर ही जाता है,
अनुभव,
केवल,
अनुभव होता है,
अच्छा या बुरा नहीं होता......।

©tribhu1 #zindagikerang
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Tribhuwan parihar

दिल में हजार,  बसबसे लिए फिरते हो।
तुम मोहब्बत को,  आम क्यूं नहीं करते।
ये जो हर रोज,  तेरा मेरा करते रहते हो।
आखिर तुम कोई काम क्यूं नहीं करते।।

©tribhu1 #dadication
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Tribhuwan parihar

आहिस्ता आहिस्ता,
एक दिन,
हम,
वो भी,
नहीं,
रह जाते
जो, 
               असल में होते है............।।

©tribhu1 #standAlone
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Tribhuwan parihar

बचपन में पिताजी कहा करते थे, रहने दे तुझसे नहीं होगा,
और मैं स्वाभिमान से कहता था, 
आखिर कैसे नहीं होगा,
मैं करूंगा ये सब,
और फिर देखता था मां की तरफ,
मां कुछ नहीं कहती थी,
 मौन रहकर, दोनों की तरफ देख मुस्कुरा देती थी,
शायद मां के पास,
इससे बेहतर और कोई रास्ता नहीं होता था,
हम दोनों के साथ,
            सहमत होने का...............।।

©tribhu1 मौन सहमति

मौन सहमति

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