दे दो अंधेरा चाहे चारों ओर लेकिन सुबह की उम्मीद न छूटे बस इतनी सी रोशनी रहने देना भर देना चाहे गमों से संसार लेकिन जिंदगी जिंदगी से न रूठे बस इतनी सी खुशी रहने देना छीन लेना चाहे चैन सुकून लेकिन कोई अंदर ही अंदर न टूटे बस इतनी सी हिम्मत रहने देना लेना इम्तिहान चाहे हर डगर पर लेकिन वक्त गुजरता सिर्फ आस न लूटे बस इतनी सी आशा का दीप जलने देना सारिका जोशी नौटियाल" सारा "
Sarika Joshi Nautiyal
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