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nojotouser1094964579
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दीपंकर

घूमना , खाना और सोना इन सभी के अलावे मैं लिख भी लेता हू. एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो कोडिंग के साथ साथ कविताएं भी टाइप करता है . मेरी कवितायेँ अभी बचपन के दौर में हैँ . शब्दों में परिपक्वाता तो नहीं पर भावनाएं बहुत परिपक्व हैं . बस भावनाओ को शब्द चाहिये और मुझे वो .........वो जिसने मेरे अंदर के शायर को कलम थमाया .... अब तो बस शब्दों की कूचियों से उसकी ही तस्वीर बनाने में लगा हूँ....

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दीपंकर

aadmi
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दीपंकर

tum door ho magar

tum door ho magar #कविता

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दीपंकर

आदमी कितना मजबूर है।
#currentsituation
#alone

आदमी कितना मजबूर है। #currentsituation #alone #अनुभव

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दीपंकर

मशहूर  अब तो ये दुनिया के दस्तूर हो गए ,
मशहूर क्या हुए कि वो हमसे दूर हो गए ,
बेनाम रहकर वो कितने पास थे मेरे,
अब तन्हा रहने को मजबूर हो गए ।

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दीपंकर

मन और  तन का आत्मा से , तू संयोग कर,
योग कर.
जीयो खुश हो अपना जीवन, ना व्यसन ना भोग कर ,
योग कर.
सादा जीवन ,उच्च विचार से, अपना काया नीरोग कर ,
योग कर.
पतंजलि और धन्वंतरि के ज्ञान का उपयोग कर ,
योग कर .
इस ज्ञान से जन कल्याण कर, ना इसका उद्योग कर,
योग कर. योग कर 
#happyyogaday
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दीपंकर

आज रूठे रूठे से शब्द क्यों हैं ,
वही जो कागज़  से लिपट  के तेरे गीत गाते थे ,
वही जो तुम्हारे दिल को छू कर आ जाते थे ,
वही जो तुम्हे हसाते  और गुदगुदाते  थे ,
पर आज वही शब्द बेजान  क्यों हैं ?
तुमसे ही आज  अनजान  क्यों हैं?
क्यों मौन पड़ी है कविताई ,
क्यों गीत भी हो चली पराई,
￰छन्दों से  शब्दों की कैसी ये जुदाई 
खुद से टूटे टूटे से शब्द क्यों हैं ???? रूठे से शब्द

रूठे से शब्द #कविता

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दीपंकर

तुम हमारे मीत तरुवर,
तुम हमारे गीत तरुवर,
हारता जब प्राण बाजी,
तुम दिलाते जीत तरुवर,
तुम हमारे मीत तरुवर.
ग्रीष्म का जब ताप अविचल,
दे हरित तुम छाऊं शीतल,
कलांत मन को शांत करता,
मधु रसीली प्रीत तरुवर,
तुम हमारे मीत तरुवर.
देवता हो देवता तुम ,
तुम तो बस देते ही रहते,
खुद को जला कर शीत में भी,
ग्रीष्म का अहसास देते,
तुमसे हमारी सभ्यता है,
तुम हमारी रीत तरुवर,
तुम हमारे प्रीत तरुवर.. तुम हमारे मीत तरुवर
#पेड़_हमारे_साथी
#naturelove

तुम हमारे मीत तरुवर #पेड़_हमारे_साथी #NatureLove #कविता

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दीपंकर

पकड़कर आपकी उंगलियों को ,
दुनियां समझने निकला करता था ,
जब थक जाता तो कंधे आपके चढ़ जाता था,
 आपके होने से  पापा,
सुपरमैन भी बौना सा लगता है ,
पापा ! आपके होने से ,
प्यार है , दुलार है , मार है,
 माँ हैं ,  और परिवार है 
आइसरीम है , गोलगप्पे हैं, 
और ढेर सारे सपने हैं ,
पापा ! आपके होने से ,
दुकान के सारे चॉकलेट अपने हैं,
आपके होने से पापा,
रोज त्योहार है , रोज मेले है, 
ढेर सारी मिठाइयां है, और खिलौने है,
आपके होने से पापा,
जिन्दगी की धूप में भी ,
बरगद सा छांह है और जड़ों का सहारा है,
आपके  होने से पापा,
सोनपापड़ी वाले का पूरा डब्बा हमारा है.. पापा

पापा #FathersDay

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दीपंकर

दिल की वो बात जब जुबां पे न आ पाए  ,
आँख ही आँख बात जब शुरू हो जाये ,
एक पराया  जब अपना बनता  है,
जब जुबां भी उसी  के गीत  गुनगुनाए.

             रात के अंधेरे में कोई दीपक जैसा ,
             बागवां में फूलों के महक  जैसा ,
             जब से आयी है मेरी जिंदगी में ,
             हो गई है नगीने  में चमक जैसा .

इश्क है या कोई बीमारी  है ,
खुद को खो देने की लाचारी है,
ये इलज़ाम न डाले मुझपे कोई ,
अब तो पीने  की बस तैयारी है ... दिल की बात
#mywriting #mypoem

दिल की बात #mywriting #Mypoem

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दीपंकर

कुछ ऐसा कर के जाना है ,
छुप जाना या छप जाना है,
पंख फैला उड़ जाना है ,
क्षितिज के उस पार कहीं तक,
पहुँच सांस फिर भरना  है ,
कुछ काम बड़ा कर दुनिया को ,
कदमो  में अपने झुकाना  है ,
जीवन का कोई लक्ष्य बड़ा हो ,
मुश्किलों  का पहाड़  खड़ा हो,
हौसलों से उसे गिराना   है,
जिद तो  है तुमसे मिलने की,
बस अब तुमको  ही पाना  है ,
एक दिन हसते हसते हमको ,
मिट्टी में मिल जाना  है .
     कुछ ऐसा कर के जाना है ,
     छुप जाना या छप जाना है ... छुप जाना या छप जाना है

छुप जाना या छप जाना है #poem

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