आखिर कौन है वी इंसान
ना बेटी ना बहन ना दिखती
है मासूमियत वो इंसान है या हैवान
आखिर कौन है वो इंसान
तीन साल की बच्ची देखता है
ना देखता है साठ साल की औरत
बस हवस का पुजारी है वो
ना देखता है बच्ची और जवान #poem#vdquotes#vipin_dilwarya
Vipin Dilwarya
बेखौफ घूम रहे है
इस समाज में ऐसे दरिंदे
देश को हुक्मरानों को ये बताना है
नहीं घूम सकती आज भी
बहन , बेटियां जैसे
आसमान में खुले परिंदे
देश के हुक्मरानों को जगाना है
जैसे जलाया है #Quote#vdquotes#vipin_dilwarya
ना खाने की चिंता थी ना कमाने की चिंता थी
आजाद पंछी की तरह उड़ता था
ना घोंसले की चिंता थी ना डाल की चिंता थी
ना जाने कहां खो गए वो दिन
ये कहानी हमारे बचपन की थी #Quote