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kavivikassingh5724
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Kavi Vikas Singh

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Kavi Vikas Singh

भोजपुरी फिल्मों के स्टारों से एक मुलाकात दिनेश लाल यादव,निरहुआ, व उनके भाई,विजय लाल यादव,सुपर स्टार नीतू सिंह।

©Kavi Vikas Singh भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार, दिनेश लाल ,निरहुआ, व उनके छोटे भाई ,विजय लाल,स्टार नीतू सिंह, से एक मुलाकात।

भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार, दिनेश लाल ,निरहुआ, व उनके छोटे भाई ,विजय लाल,स्टार नीतू सिंह, से एक मुलाकात। #ज़िन्दगी

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Kavi Vikas Singh

मन से तुम सब चाहों तो, हर  लक्ष्य  को पा सकते हो,
गहरे सागर से लेकर तुम ,अम्बर  तक  जा  सकते हो।
खुद को साधारण मत समझो,तुम सिंहों  कि फौज हो,
आर्यावर्त के वीर जवानों,तुम भगत सिंह,और बोस हो।
विकास शाहजहाँपुरी

©Kavi Vikas Singh #IndianAirforceday
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Kavi Vikas Singh

मन से तुम सब चाहों तो, हर  लक्ष्य  को पा सकते हो,
गहरे सागर से लेकर तुम ,अम्बर  तक  जा  सकते हो।
खुद को साधारण मत समझो,तुम सिंहों  कि फौज हो,
आर्यावर्त के वीर जवानों,तुम भगत सिंह,और बोस हो।
विकास शाहजहाँपुरी

©Kavi Vikas Singh
  विचार

#IndianAirforceday

विचार #IndianAirforceday

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Kavi Vikas Singh

【आर्यावर्त के वीर】
माँ   भारती   को  अपने , पुत्रों  से  स्नहे  अपार  है,
क्यों  भूलते  हो  तुम  पर , सम्पूर्ण  देश  का भार है।

याद करो अपने बल को, क्यों मोह  माया में मस्त हो,
पवन  पुत्र  हनुमान  के , तुम  सबसे  प्यारे  भक्त  हो।

मन से तुम सब चाहों तो, हर  लक्ष्य  को पा सकते हो,
गहरे सागर से लेकर तुम ,अम्बर  तक  जा  सकते हो।

खुद को साधारण मत समझो,तुम सिंहों  कि फौज हो,
आर्यावर्त के वीर जवानों,तुम भगत सिंह,और बोस हो।


                       विकास शाहजहाँपुरी

©Kavi Vikas Singh kavita

kavita

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Kavi Vikas Singh

【तुम आते हो】

मैं  खुद  को  भूल  बैठा हूँ,

मगर  तुम  याद   आते  है।

ख़्वाबों    में    सताते   हो,

रातों     में    रुलाते    हो।

जब  मुझसे दूर जाना  था,

क्यों  मेरे पास तुम  आये।

मेरी   पलकों   पर  अपने

ख़्वाब क्यों तुमने सजाये।

जुगनुओं   को   पकड़कर,

मैं  तेरी  तस्वीर  को  देखूं।

जो कभी थी नहीं हाथों में,

मैं   उस  लकीर  को  देखूं।

मेरी  आँखों  में अश्कों का,

तुम बनके सैलाब आते हो।

मैं  खुद  को  भूल  बैठा  हूँ,

मगर   तुम  याद  आते  हो।

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'विकास शाहजहाँपुरी'

©Kavi Vikas Singh कविता

#TEARSGIF

कविता #TEARSGIF

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Kavi Vikas Singh

    【आदमी हो तुम】
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आदमी   हो  तुम  ,आदमी   ही  रहोगे,
 विधाता  तो   तुम  ,बन   सकते  नहीं।
चाँद से तुम जलन  कितनी  भी  करलो,
नूर  उसका   कभी   छीन  सकते  नहीं।
कद  भले  हो तुम्हारा, पर्वतों  की  तरह,
आसमां को  कभी , तुम छू सकते नहीं।
चाहें  लाख  दीपक  जला  लो धरा  तुम,
तारों  जैसी   नुमाइश   कर सकते नहीं।
पथ  नदियों   का  तुम   भले   मोड़  लो,
लहर  सागर  की तुम  रोक सकते  नहीं।
ज्ञान चाहें तुम कितना भी अर्चित करलो,
विधाता का लिखा,तुम  पढ़ सकते  नहीं।
काम करने का तरीका उसका निराला है,
उसकी तरह तुम कुछ  कर  सकते  नहीं।
इंद्रधनुष, फूल ,तितलियों,  पेड़ पौधों  में,
उसकी  तरह  तुम  रंग  भर  सकते  नहीं।
जो वो चाहेगा इस जहाँ में  ,होगा  वो ही,
उसके आगे कुछ ,तुम  कर  सकते नहीं।
आदमी   हो    तुम , आदमी   ही  रहोगे,
विधाता   तो   तुम  , बन   सकते   नहीं।
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           'विकास शाहजहाँपुरी'

©Kavi Vikas Singh मेरी कलम से

मेरी कलम से

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Kavi Vikas Singh

【चंचल मन】

पास  तुम्हारे  चंचल मन है,
पास  तुम्हारे  बृन्दावन   है।
पास  तुम्हारे  बहती  धारा,
प्रभु तुम ही हो एक सहारा।
बीच भवँर मे भटक रही है,
नाव  हमारी , छूट  गया है।
हाथों   से   पतवार  हमारा,
प्रभु तुम ही हो एक सहारा।
गीत  प्रीत  के  तुमने  गाकर,
मुरली की धुन सुना सुनाकर।
सबको  बस  में  कर  डाला,
प्रभु तुम ही हो एक सहारा।
श्यामली सूरत ने प्रभु आप,
की  ऐसा  जादू  कर  डाला।
नींद   चुराई  राधा  जी  की,
सबके  मन  को  हर  डाला।
मैं तो   प्रेम से  दूर  बहुत था,
प्रेम आप ने  ही  सिखलाया।
अन्धकार   में,  मैं  डूबा  था,
सत्य आप  ने ही  दिखलाया।
छोड़के मुझको कभी न जाना,
कृपा मुझपर अपनी बरसाना।
कोई  नहीं  है, जहाँ मे हमारा,
प्रभु  तुम  ही  हो एक सहारा।
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युवा रचनाकार :-विकास सिंह,

©Kavi Vikas Singh vikas kavi
#Morning

vikas kavi #Morning

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Kavi Vikas Singh

#Motivation जिंदगी में अगर आप सफल  होना चाहते हो , तो  रात  को सुला दो,
और अपने लक्ष्य पर लग जाओ,याद रखना रात आपको न सुला पाए।
विकास शाहजहाँपुरी

©Kavi Vikas Singh अनुभव

#Motivation

अनुभव #Motivation

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Kavi Vikas Singh

मुझे मालूम नहीं था,वो मुझे अपनी पलकों में कैद कर लेगी,
वरना "विकास,,इस  रात  के  साये में उसके घर नहीं जाता।

©Kavi Vikas Singh शायरी

शायरी

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Kavi Vikas Singh

इश्क़ में अश्कों के  सिवा ,कुछ नहीं  मिलता है,
प्यार  में भी  आजकल  मीठा जहर  मिलता है,
मोहब्बत  में  बर्बाद हो  जाते  हैं जो   आशिक़,
न उन्हें गांव मिलता है, न उन्हें शहर मिलता है।
विकास शाहजहाँपुरी

©Kavi Vikas Singh
  मेरी डायरी से ,,🖋️

मेरी डायरी से ,,🖋️ #शायरी

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