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govindmeena8628
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Govind Meena

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Govind Meena

apne goal pe foukas karo#motivation. #viral_video #Trading

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Govind Meena

ijjat kisi insan ki nahi hoti jarurat ki hoti hai #motavitonal  #motevational udass Afzal Khan suresh anjaan Lalit Saxena pinky masrani Bhardwaj Only Budana

ijjat kisi insan ki nahi hoti jarurat ki hoti hai #motavitonal #motevational udass Afzal Khan suresh anjaan Lalit Saxena pinky masrani Bhardwaj Only Budana #ज़िन्दगी

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Govind Meena

1990 का दूरदर्शन और हम 
*बचपन वाला वो रविवार अब नहीं आता*

1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना और
"रामायण" "महाभारत" और "कृष्णा" के वक्त पर सड़क का वीरान होना

2."रंगोली"में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना

3."जंगल-बुक"देखने के लिए जिन दोस्तों के पास टीवी नहीं था उनका घर पर आना

4."चंद्रकांता"की कास्टिंग से ले कर अंत तक देखना

5.हर बार सस्पेंस बना कर छोड़ना चंद्रकांता में और हमारा अगले हफ्ते तक सोचना

6.शनिवार और रविवार की शाम को फिल्मों का इंतजार करना

7.किसी नेता के मरने पर कोई सीरियल ना आए तो उस नेता को और गालियाँ देना

8.सचिन के आउट होते ही टीवी बंद कर के खुद बैट-बॉल ले कर खेलने निकल जाना

9."मूक-बधिर"समाचार में टीवी एंकर के इशारों की नक़ल करना

10.कभी हवा से ऐन्टेना घूम जाये तो छत पर जा कर ठीक करना

बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता,
दोस्त पर अब वो प्यार नहीं आता।

जब वो कहता था तो निकल पड़ते थे बिना घडी देखे,

अब घडी में वो समय वो वार नहीं आता।

बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।

वो साईकिल अब भी मुझे बहुत याद आती है, जिसपे मैं उसके पीछे बैठ कर खुश हो जाया करता था। अब कार में भी वो आराम नहीं आता...।।।

जीवन की राहों में कुछ ऐसी उलझी है गुथियाँ, उसके घर के सामने से गुजर कर भी मिलना नहीं हो पाता...।।।

वो 'मोगली' वो 'अंकल Scrooz', 'ये जो है जिंदगी' 'सुरभि' 'रंगोली' और 'चित्रहार' अब नहीं आता...।।।

रामायण, महाभारत, चाणक्य का वो चाव अब नहीं आता, बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।

वो एक रुपये किराए की साईकिल लेके,
दोस्तों के साथ गलियों में रेस लगाना!

अब हर वार 'सोमवार' है
काम, ऑफिस, बॉस, बीवी, बच्चे;
बस ये जिंदगी है। दोस्त से दिल की बात का इज़हार नहीं हो पाता।
बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।
बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।

©Govind Meena #1990 का दूरदर्शन और हम 
*बचपन वाला वो रविवार अब नहीं आता*

1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना और
"रामायण" "महाभारत" और "कृष्णा" के वक्त पर सड़क का वीरान होना

2."रंगोली"में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना

1990 का दूरदर्शन और हम *बचपन वाला वो रविवार अब नहीं आता* 1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना और "रामायण" "महाभारत" और "कृष्णा" के वक्त पर सड़क का वीरान होना 2."रंगोली"में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना #लव

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Govind Meena

jindagi ke vasool

jindagi ke vasool #लव

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Govind Meena

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©Govind Meena #rain
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Govind Meena

रीमा अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी, वह इसी साल एमबीबीएस , एमएस की पढ़ाई पूरी करके डॉक्टर बनी थी।

उसकी मां मीरा जी और पिता मदन जी चाहते थे कि उनकी बेटी अब शादी कर ले।

मदन जी ने रीमा से पूछा भी अगर उसको कोई पसंद हो तो वह बता दे ?

ले किन रीमा ने कहा पापा मैंने आपसे वादा किया था, आप मुझे डॉक्टर बनने दें तो मैं आपकी पसंद से शादी करूंगी। इसलिए मैंने किसी को नहीं पसंद किया है, अब आप ही पसंद करिए।

मदन जी ने अपने रिश्तेदारों से कहा वह रीमा के लिए कहीं अच्छा सा रिश्ता बताएं, और वह खुद भी रीमा के लिए लड़का ढूंढने लगे।

मदन जी मध्यम वर्गीय थे इसीलिए उन्होंने एक रिश्ता भी उसी कैटेगरी में खोजा।

कुछ दिनों बाद रीमा को देखने के लिए लड़के वाले आए, लड़की के साथ उसकी मां , पिताजी बहन और उसके जीजा जी थे।

समीर अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था, उसके घर वाले उसको डॉक्टर बनाए थे, इसीलिए वह चाहते थे हमको अच्छा खासा दहेज मिले।

समीर भी एक डॉक्टर था, वह भी दहेज का लालच था । उसकी सोच रीमा से बिल्कुल अलग थी, जहां रीमा आज के जमाने को अपना रही थी ,वही समीर रूढ़िवादी था ,और दहेज को अपना हक समझता था।

दोनों परिवारों से कुछ औपचारिक बातें हुई ,और समीर रीमा को एक कमरे में बात करने के लिए भेज दिया गया।

समीर और रीमा ने एक दूसरे से बातें करने लगे, रीमा ने कहा देखिए मैं भी डॉक्टर हूं और आप भी, जितना आपके घर वालों ने आपकी पढ़ाई लिखाई का खर्चा किया है ,उतना ही मेरे घर वालों ने, फिर दहेज की तो कोई बात ही नहीं होनी चाहिए।

रही बात शादी के खर्चे की तो आप भी आज के जमाने के हैं, और हम भी तो दोनों परिवार मिलकर उठा लेंगे।

आप भी अपने माता पिता के अकेले हैं, और मैं भी, तो जैसे मैं आपके परिवार को अपनाऊंगी वैसे ही आप मेरे परिवार को।



इतना सुनते ही समीर भड़क गया और बोला, मेरी मां पापा ने मुझे इसीलिए डॉक्टर नहीं बनाया है कि मैं सड़क छाप लड़की से शादी कर लूं।

इतना खर्चा किया है उन्होंने मेरी पढ़ाई पर इतना भी ना मिले तो फिर बेकार है शादी करना।

मैं तुमसे शादी नहीं करूंगा।

रीमा ने कहा शुक्रिया आपका समीर जी, अच्छा हुआ आपकी असलियत अभी ही सामने आ गई। वरना बाद में मेरा क्या होता।

रही बात डॉक्टर कि तो यह मत भूलिए मैं भी एक डॉक्टर हूं। और मेरी पढ़ाई पर भी उतना ही खर्चा लग रहा है। मिस्टर समीर आप क्या तोडेंगे इस शादी को, मैं खुद ही आपसे शादी नहीं करना चाहती।

रीमा ने कहा "दहेज लोगे क्या घर भरोगे"

©Govind Meena
  agriculture is the same

agriculture is the same #समाज

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Govind Meena

https://ekaro.in/enkr20230121s20026399

https://ekaro.in/enkr20230121s20026399 #सस्पेंस

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Govind Meena

कोई वजह इतनी बड़ी नहीं कि जिंदगी अर्थहीन हो जाए, खुद को संभाले रखने का दायित्व ख़ुद का ही होता है,

किसी के भरोसे मत बैठो कि तुम्हारे सपनों के टुकड़े वो आकर समेटेगा, ऐसा नहीं होगा

तुम्हे खुद ही खुद को संभालना सीखना होगा, नहीं सीखोगे तो ऊंचाइयों पे नहीं नीचे पड़े हुए ही दिखोगे 

✅✅✅

©Govind Meena #Rishta कोई वजह इतनी बड़ी नहीं कि जिंदगी अर्थहीन हो जाए, खुद को संभाले रखने का दायित्व ख़ुद का ही होता है,

किसी के भरोसे मत बैठो कि तुम्हारे सपनों के टुकड़े वो आकर समेटेगा, ऐसा नहीं होगा

तुम्हे खुद ही खुद को संभालना सीखना होगा, नहीं सीखोगे तो ऊंचाइयों पे नहीं नीचे पड़े हुए ही दिखोगे 

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#Rishta कोई वजह इतनी बड़ी नहीं कि जिंदगी अर्थहीन हो जाए, खुद को संभाले रखने का दायित्व ख़ुद का ही होता है, किसी के भरोसे मत बैठो कि तुम्हारे सपनों के टुकड़े वो आकर समेटेगा, ऐसा नहीं होगा तुम्हे खुद ही खुद को संभालना सीखना होगा, नहीं सीखोगे तो ऊंचाइयों पे नहीं नीचे पड़े हुए ही दिखोगे ✅✅✅ #लव

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Govind Meena

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Govind Meena

pesa hai to sab kush hai gudiya Nidhi Sharma nayan Kumar Jain Gujarat Junagarh Jay Jinendra naveen thakur Khorsed Sk

pesa hai to sab kush hai gudiya Nidhi Sharma nayan Kumar Jain Gujarat Junagarh Jay Jinendra naveen thakur Khorsed Sk #ज़िन्दगी

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