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vikashkr9841
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vikashkr

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vikashkr

तेरे जैसा यार कहाँ, मेरे हर दिन को चार चांद लगाना ,तुझे बड़ी खूब आता हैं।
कभी-कभी मस्तीं कर मुझे चिढा़ना ,तुझे बहुत खूब आता हैं।
जब-जब कोई सवाल हो मेरा ,कबूल करना उसे तुझे भरपूर आता हैं।
अंजाम देकर मेरे हर उलझे कामों में ,निभाना तुझे जरूर आता हैं।
चमकीलें सितारों में मुश्किल हैं ढूँढना ,एक बेहतर तारा।
मिसाल होगा दोस्ताना हमारा ,याद रखेंगा जमाना सारा।
कहता हैं दिल हर बार इसीलिए , कि तेरे जैसा यार कहाँ।
निकलेगी दिल से दुआ ,जो भी तेरा मजिल हैं पांव तेरे होगें वहाँ। #मेरायार
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चलते-चलते नींद में जब ,
मुझे सोने को बिस्तर देता हैं।
हंसाकर मुझे खुद हंसता तब ,
वो गुदगुदाने का काम करता हैं।
अगर मायुस होता हैं वो मेरे आने से पहले ,
छूपाता हैं गम अपना तब।
मेरे पूछने पर पहले हंसता हैं ,
फिर कहता हैं कुछ नहीं ठीक है सब।
क्या अनमोल रिश्ता हैं हमारा ,
मेरे लिए जान देने की बात करता हैं।
सह जाता हैं कितने तकलीफ़े अगर होती हैं उसकी अपनी,
चोट लगा मुझे अगर तो , मेरे लिए बवाल करता हैं।
उसका जगह दिल को भी पता जो इज्जत देता हूँ।
मिले मुझे हर जन्मों में वह ,प्यारा है साथी मेरा बार बार कहता हूँ।
पक कर आम जब मीठा सा फल देता हैं।
अनमोल से इस रिश्तें को दुनिया ,दोस्त ही तो कहता हैं। #Friend  #Friendship
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मेरे हाथ में तेरा हाथ हो, हर घड़ी याद हो ,बस तेरा साथ हो,
दिल कहें प्यार कर ,आंखों में बात हो,
टूटकर सीने में आ गयें ,सांसों की बात हो,
छूटे ना कोई पल जरा ,हर लम्हों की बात हो,
मौंसमी रंग में छाया हैं ,जैसें की बरसात हो,
चाह की डो़र में , मेरे हाथों में तेरा हाथ हो,
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रास्ता आ गयें कब यहाँ ,हमें पता ना चला,
मन बनाया उन्होनें की हमें छोड़ दे ,ऐसा इशारा मिला,
तोड़ कर के जब ,उन्हें दिल ना भरा, 
दे गयें रास्ता था ,बस मौंत से भरा, #रास्ता
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करलें जतन तू जितना ,बस एक माटी का हैं पुतला।
होगा पता तुझे ना , तेरा प्राण कब हैं निकला।।
बड़ा धर्मवीर बनता हैं  तू , कहें इस मुल्क का सिकन्दर।
कब्र तेरा मंजिल बस , जाना उसके अंदर।।
बन गया हैं सेठ अब , महलों  में लेट ले।
ना होगा मौंका ऐसा , कि तू कुछ भी समेट ले।। 
हाथों में चाभी होगी , भरी अलमारी होगी।
धरें रह जाएंगे सब यहीं,
जानें वाली बस , चार कंधों की सवारी होगी।।
प्राण लेने तेरा यमदूत आएगें।
बाधेंगे जंजीर मौत की , खींच तुझे ले जाएगें।।
ना तेरे चमचें सुनेगें , ना दिखेगा पैसा। 
जो कमाया है धन ,धरा रह जाएगा यहीं जैसें का तैसा।।
पैसों से प्यार मिला , वाह क्या आराम मिला। 
जेवर तो हार मिला , लो घर भी और कार मिला।।
बे मौसम बरसात तब भी , पानी का सूखाड़ मिला।
आज हाथों में सबकी , तेज धार वाली हथियार मिला।।
खाने को जहर और पीने को शराब मिला।
कृत्रिम बगान मिला , झुठा संसार मिला।।
स्त्रीयों की निलाम लगा , बंद दिवारों में रहने को घर बार मिला।
पुरूषों की मार मिला , तोहफे में उपवास मिला।।
बच्चा नादान मिला , योवन बलवान मिला।।
बुढ़ापा लाचार मिला , तब जिदंगी का सार मिला।
पाना था खुशियाँ पर , पैसों की बुखार में सिर का तार हिला।।
कुछ हिम्मत का काम करलें , अब लाचारों पर उपकार करदें।
नेकी कर खुद में सुकून देख , सोयीं हुई आंखों को जलती प्रकाश दे।।
मकसद सबका यहीं हैं रे बन्दें, 
रोतें को मुस्कान दे , अब भर-भर के प्यार दे।
हाथ बढ़ा अब साथ दे , अच्छी हैं दुनिया , हम सब में विश्वास दे।। #OpenPoetry
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प्यार दीवाना होता है, हर मौसम का ,एक अलग फसाना होता हैं,
उनसे मिलने का अब , कई बहाना होता हैं,
ऐसा नहीं हैं राहें मुश्किल नहीं थीं ,बस देख उसे सम्भल जाना होता हैं,
गम तो आते ही हैं ,भुलकर तब मुस्काना होता हैं,
सच कहते हैं लोग ,चाहत जब ऊंची हो ,तब आंखों से जताना होता हैं,
पहले अंजाना बनकर ,फिर मस्ताना लगता हैं,
 प्यार दिवाना होता हैं ,दिल से दिल के प्रीत को निभाना होता हैं,
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झुमका पसंद हैं मुझे तेरे जुल्फों का सवारना,
यकीनन उन्हें भी चमकने का मौंका था मिलना,
नूर चेहरे पर उनकी तेजी से झलका,
तोहफे में प्यार से पहनाया हैं झुमका,
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दीवाना    जिक्र हैं तेरी फिक्र हैं ,जरा पत्तों को फूलों से हटाना,
खुबसूरत कली हो तुम ,बस एक ख्वाहिश था बताना,
हटाकर कपडों को चेहरें से ,आज अपनी सूरत तो दिखाना,
याद हैं हवाओं की शरारत में ,जुल्फें उनकी खोलना,
आंखो ही आंखो में ,मोहब्बत के कई रंग छप गयें,
बडा़ अच्छा लगा उनका ,मुझे अब दिवाना बोलना, #Diwana
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vikashkr

अंजान सा राहें कहाँ भटकतें चलूँ मैं,
छोटा सा पैर मेरा कितना बढूं मैं,
बाजी हर जीत की लगाते चलूँ मैं,
आंखों में डर नहीं बेख़ौफ़ फिरूं मैं, #believe
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vikashkr

खुबसूरती आंखों में जब-जब दिखें,
दिल धड़का हमारा ,तब-तब हाथों ने जज्बात लिखें,
डरता हूँ खुद से ,एक वजह ना बन जायें,
कि मैं टूट कर रह जाऊँ और वो मुस्कुरायें, #fear
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