दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी
मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी
वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं
हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी
वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी
मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी #कविता
ये सर्द रात और हल्की बूंदाबांदी
आसमान पर लगा
बादलों का जमघट
घर की दीवारों पर
तुम्हारी यादों-सी
चढ़ आयी ये सीलन
दूर कहीं पार्श्व में बजता
90 के दशक का गीत #कविता#rainfall
Gourav (iamkumargourav)
छत पे कमरा है मेरा
कमरा भी कोने वाला
काम आसानी से
हो जाता है रोने वाला
~उमैर नज़्मी #शायरी
किसी दिन यूँ भी हो
कि घर पहुँचूँ थका-हारा
और आ जाए अचानक फ़ोन तुम्हारा
कौतूहल जग जाए मन में
बिजली-सी लग जाए तन में
झंकृत हो उठे सारा बदन
तरंगित हो उठे अंतर्मन
स्वांसों की गति तीव्र हो जाए #कविता#grey
Gourav (iamkumargourav)
अंतर्मन के संबंधों को
कलुषित मत होने देना
वियोग अवस्था है केवल
इससे स्वयं को विकारग्रसित मत होने देना
होने देना पुष्प विकसित
विनाश मत होने देना
धरा गोल है, पुनः मिलना है
संयम मत खोने देना #कविता#walkingalone