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gouraviamkumargo5254
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Gourav (iamkumargourav)

अगर है, तो इज़हार कर तू भी मुझे मेरी ही तरह प्यार कर ©iamkumargourav 🎭 रंगमंच प्रेमी, अभिनेता 💕सूफ़ी संगीत ✍कवि,लेखक

https://www.instagram.com/iamkumargourav/?hl=en

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Gourav (iamkumargourav)

White दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी
मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी

वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं
हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी

वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी
मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी

ये नवम्बर का महीना और तपन ऐसी
मौसम तो अब तलक अकसीर चाहिए थी

तुम के यार रहते हो ख़ल्वत में "गौरव"
हुलिए से तो तुमको होना बे-पीर चाहिए थी
©️iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav) दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी
मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी

वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं
हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी

वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी
मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी

दिल को क़रार मिले ऐसी तक़दीर चाहिए थी मुझे तो यार बस उसकी एक तस्वीर चाहिए थी वो रहे अपनी दुनियाँ में मशगूल, मुझे कोई ग़म नहीं हो जाए कभी मुलाक़ात, क़िस्मत बे-नज़ीर चाहिए थी वो के सादा-दिल है उसपर मख़मली आवाज़ उसकी मिज़ाज़ को मेरे ऐसी ही कोई दिल-गीर चाहिए थी #कविता

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Gourav (iamkumargourav)

White तेरी एक आस है बस और कुछ भी मेरे पास नहीं
फ़क़त इसके कोई और एहसास नहीं
एक अरसे बाद हुई है हलचल इस दिल में
रूह कहती है ये खुराफ़ात नहीं
अब आईना देखता हूँ तो ये मंज़र है
शिकन है चेहरे पर और कोई बात नहीं
अब किस से कहें हाल-ए-दिल अपना 
होता हर कोई तो हमराज़ नहीं
उम्र कटी जा रही है "गौरव" तनहाई में
क़तरा-ए-आँसू निकले ऐसे हालात नहीं
©️iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav) #Sad_Status  प्यार पर कविता हिंदी कविता

#Sad_Status प्यार पर कविता हिंदी कविता

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Gourav (iamkumargourav)

White प्रिय मित्र

सादर आलिंगन। इस भौतिक जीवन में जब तुमसे पहली बार मिला तो लगा कि तुम मुझे मेरी शारीरिक संरचना, वस्त्र, स्थिति, जाति और संपत्ति के आधार पर नहीं परखोगे। मेरे हृदय के भाव समझोगे, मेरी आखों की स्याह पुतली में डूबकर मेरी पीड़ा, मेरी ख़ुशी,मेरा ग़म, मेरा दुःख समझने का प्रयास करोगे। मेरे गिरने पर तुम सहारा बनकर मुझे फिर खड़ा करने के लिए प्रोत्साहित करोगे। मेरे टूट जाने पर मेरे अस्तित्व के मोतियों को उठाकर पुनः उसकी माला बनाने में मेरी मदद करोगे। मेरे फूटकर रोने पर मुझे प्रगाढ़ आलिंगन करोगे,मेरी पीठ सहलाओगे। मेरी सफलता के समय मेरे साथ रहकर करतल ध्वनि से सभा को आभास करा  दोगे कि तुम मेरे सबसे प्रिय मित्र हो। मेरी जेब में कभी फूटी-कौड़ी न होने पर मुझसे अलग नहीं होंगे। जीवन के लक्ष्य की पूर्ति में मेरा आत्मविश्वास जागृत करोगे। 

मेरे मित्र तुमने वह सब किया जिसकी मित्र के रूप में मैं कल्पना करता था। मित्रता के कोमल धागे को बेहद संज़ीदगी से तुमने थामें रखा। प्रत्येक उस क्षण के लिए जिसमें तुमने मेरे साथ दिया उसके लिए मैं हृदय से तुम्हारा आभारी हूँ। 

मैं जीवन की उस राह पर चल पड़ा हूँ जहाँ एक दिन या तो सब कुछ प्राप्त कर लूँगा या कुछ भी हाथ नहीं लगेगा। पर हर परिस्थिति में मैं तुम्हारा मित्र ही रहूँगा।

तुम्हें बहुत याद करता हूँ। जीवन में किसी मोड़ पर,किसी शाम में तसल्ली से बैठकर बातें करेंगे,कुछ खाएँगे-खिलाएंगे।

अपना और अपनों का ख़्याल रखना और हमेशा मुस्कुराते रहना।

तुम्हारा
गौरव

#FriendshipDay 
सभी मित्रों को समर्पित

©Gourav (iamkumargourav)
  #friednshipvibes 
#FriendshipDay
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Gourav (iamkumargourav)

White हम मिले, ठहरे, फिर चले, अब चलते जाना है
परिंदों का भी भला कोई एक ठिकाना है

राह में फिर यकदम मिल जायेंगे किसी रोज़
ये गली जानी-पहचानी है हमेशा आना-जाना है

तुम बस ख्याल रखना अपना ए दोस्तों
जालसाजी, फरेबी और धोखाधड़ी का जमाना है

शिकस्त अपनों से हो तो फिर भी ठीक है
हाथ में खंज़र है और कोई गीत गुनगुनाना है

अब संभल जाओ "गौरव" के दिन बदल गए
किसी से मिलना-जुलना हो तो फिर मुस्कुराना है।
©️iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav)
  #Animals
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Gourav (iamkumargourav)

ये सर्द रात और हल्की बूंदाबांदी
आसमान पर लगा 
बादलों का जमघट
घर की दीवारों पर 
तुम्हारी यादों-सी 
चढ़ आयी ये सीलन
दूर कहीं पार्श्व में बजता
90 के दशक का गीत
और मैं...
अपने सीने से लगाए 
लेटा हूँ एक किताब
जिसमें भरी हैं कई यादें...
कुछ अनकही बातें...
कुछ अधूरे ख़त...
और आँखों के कोर से
ढुलकता हुआ एक मोती
©iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav) ये सर्द रात और हल्की बूंदाबांदी
आसमान पर लगा 
बादलों का जमघट
घर की दीवारों पर 
तुम्हारी यादों-सी 
चढ़ आयी ये सीलन
दूर कहीं पार्श्व में बजता
90 के दशक का गीत

ये सर्द रात और हल्की बूंदाबांदी आसमान पर लगा बादलों का जमघट घर की दीवारों पर तुम्हारी यादों-सी चढ़ आयी ये सीलन दूर कहीं पार्श्व में बजता 90 के दशक का गीत #कविता #rainfall

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Gourav (iamkumargourav)

छत पे कमरा है मेरा
कमरा भी कोने वाला
काम आसानी से 
हो जाता है रोने वाला
      ~उमैर नज़्मी

छत पे कमरा है मेरा कमरा भी कोने वाला काम आसानी से हो जाता है रोने वाला ~उमैर नज़्मी #शायरी

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Gourav (iamkumargourav)

फिर मिलूँगा किसी रोज़ तुमसे बिछड़ जाने के लिए
अभी बिछड़ जाने का गम मना लेने दो मुझे
©iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav) #2lineshayari 
@iamkumargourav


#Photos
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Gourav (iamkumargourav)

ये रात बहुत डरावनी लग रही है आज
सुनो... अपनी बाहों में छुपा लो मुझे
©iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav) #darkness
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Gourav (iamkumargourav)

किसी दिन यूँ भी हो
कि घर पहुँचूँ थका-हारा
और आ जाए अचानक फ़ोन तुम्हारा
कौतूहल जग जाए मन में
बिजली-सी लग जाए तन में
झंकृत हो उठे सारा बदन
तरंगित हो उठे अंतर्मन
स्वांसों की गति तीव्र हो जाए
मस्तिष्क मेरा कोलाहल मचाए
बह चले फिर कोई पुरवइया
जैसे पार लगी हो कोई नईया
फिर तुमसे बातें चार करूँ
विद्रोही मन पर अत्याचार करूँ
कभी...किसी दिन यूँ भी हो....
©iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav) किसी दिन यूँ भी हो
कि घर पहुँचूँ थका-हारा
और आ जाए अचानक फ़ोन तुम्हारा
कौतूहल जग जाए मन में
बिजली-सी लग जाए तन में
झंकृत हो उठे सारा बदन
तरंगित हो उठे अंतर्मन
स्वांसों की गति तीव्र हो जाए

किसी दिन यूँ भी हो कि घर पहुँचूँ थका-हारा और आ जाए अचानक फ़ोन तुम्हारा कौतूहल जग जाए मन में बिजली-सी लग जाए तन में झंकृत हो उठे सारा बदन तरंगित हो उठे अंतर्मन स्वांसों की गति तीव्र हो जाए #कविता #grey

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Gourav (iamkumargourav)

अंतर्मन के संबंधों को
कलुषित मत होने देना
वियोग अवस्था है केवल
इससे स्वयं को विकारग्रसित मत होने देना
होने देना पुष्प विकसित
विनाश मत होने देना
धरा गोल है, पुनः मिलना है
संयम मत खोने देना
©iamkumargourav

©Gourav (iamkumargourav) अंतर्मन के संबंधों को
कलुषित मत होने देना
वियोग अवस्था है केवल
इससे स्वयं को विकारग्रसित मत होने देना
होने देना पुष्प विकसित
विनाश मत होने देना
धरा गोल है, पुनः मिलना है
संयम मत खोने देना

अंतर्मन के संबंधों को कलुषित मत होने देना वियोग अवस्था है केवल इससे स्वयं को विकारग्रसित मत होने देना होने देना पुष्प विकसित विनाश मत होने देना धरा गोल है, पुनः मिलना है संयम मत खोने देना #कविता #walkingalone

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