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sureshbunkarbari3050
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Suresh Bunkar "Barisadri"

"खुद को क्या लिखूं मैं, सीधा साधा सा सरल हूं। सबके दिल बस जाऊं, प्रेम रीत सा तरल हूं।।" ✍️सुरेश बुनकर बड़ीसादड़ी

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Suresh Bunkar "Barisadri"

सफ़रनामा.....💕

अभी तो सिलसिला, शुरू हुआ है हमारा।
कितने दिन हो गए, पहचान  बनाते बनाते।।

एक तुम हो कि, सहमे सहमे से रहते हो।
कितने दिन हो गए, बातें बनाते बनाते।।

अब तो आंखें, आंखों से बातें करने लगी है।
कितने दिन हो गए, नज़रें मिलाते मिलाते।।

तुमको फुर्सत कहां हैं, कि कुछ बोलों।
कितने दिन हो गए, सफ़र में आते आते।।

कहने को कह दी, दिल की बातें सुरेश।
कितने दिन हो गए, इकरार करते करते।

तुम्हारे बिना सफ़र, अधुरा अधुरा रहता है।
कितने दिन हो गए, इन्तजार करते करते।।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #shaadi
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Suresh Bunkar "Barisadri"

संग संग बैठें हम, एक नगर से चलें।
नज़रों से नज़रें मिली बातें करते चलें।।
घर तुम्हारा आ गया तुम ठहर गए।
हम सफ़र में रहें बस सफ़र में रहें।।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #standAlone
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Suresh Bunkar "Barisadri"

घर आंगन में दीप जले, उजियारे की लाली है।
लक्ष्मी पूजन करें हम हाथों में पूजा की थाली हैं।।
खिलें हैं चैहरे ऐसे जैसे फूलों से महकी क्यारी है।
तेरी, मेरी, उसकी आज हम सब की दिवाली हैं।।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #Diwali
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Suresh Bunkar "Barisadri"

अब मुझ में एक, अक्स झलकता है।
आइना भी वहीं, चेहरा दिखाता है।।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #प्यार #इश्क़ 💕💕
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Suresh Bunkar "Barisadri"

मिलीं नज़रों से नज़रें, 
न जाने क्यों सिहर गई।
पहली पहली नज़रों में, 
नज़रें कैसे ठहर गई।

ये कैसी उलझन है, 
दिल में कैसी हलचल हैं।
छोड़ के गांव की गलियां, 
जब से शहर गईं।।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #Love
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Suresh Bunkar "Barisadri"

ये कैसा हम साथी है, बिच राह मे छोड़ गया।
मुझे जरूरत थी उसकी, तन्हाई मे छोड़ गया।।

©Suresh Bunkar "Barisadri"
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Suresh Bunkar "Barisadri"

एक फूल तुमने क्या भेजा, इज़हार-ए-मोहब्बत।
कुबूल हो गई बरसों पहले, लगाई एक इबादत।।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #Love
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Suresh Bunkar "Barisadri"

स्त्रियां भी न जाने कब, किस रंग में रंग जाती हैं।
समर्पित हो सफ़र में, ख़ुद ही खुद में ढ़ल जाती हैं।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #Her #महिला #समर्पण
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Suresh Bunkar "Barisadri"

उलझी उलझी है बातें, सुलझाऊं कैसे पहेलियां।
मिलने आतीं हैं जब, संग लातीं अपनी सहेलियां।।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #Dil #Dil_ki_bate
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Suresh Bunkar "Barisadri"

हंसता हुआ चेहरा, 
नज़रों से नज़रें 
मिल जाना 
सुकून देता है।

क्या फर्क पड़ता है 
वो मेरा है, तेरा है या 
किसी ओर का है।।

©Suresh Bunkar "Barisadri" #चेहरे
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