Nojoto: Largest Storytelling Platform
parikshitjaiswal5405
  • 48Stories
  • 154Followers
  • 536Love
    417Views

Parikshit Jaiswal

*खुशियों के लिए क्यों* *किसी का इंतज़ार,* *आप ही तो हैं अपने* *जीवन के शिल्पकार !* *चलो आज मुश्किलों को हराते हैं* *और दिन भर मुस्कुराते हैं !!*

  • Popular
  • Latest
  • Video
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

#मन_का_पन्ना komal sindhe reshma Monika Goswami mohabbate navodaya ,❤️vimal gupta Sanjita Ghosh

#मन_का_पन्ना komal sindhe reshma Monika Goswami mohabbate navodaya ,❤️vimal gupta Sanjita Ghosh

f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

ज़िन्दगी तुम कभी उधारी न करना,
अहंकार की कभी सवारी न करना।

सामने संकट महोदय आये फ़क़ीरा,
हिन्दुस्तान से कभी ग़द्दारी न करना।

#लफ़्ज़ों_के_मोती #NationalChaiDay
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

लफ़्ज़ों के मोती

लफ़्ज़ों के मोती पिरोना,
अच्छा लगता है।

अच्छा लगता है जब, 
ये गले में सजता है।

सजते हैं जज़्बात जब,
लफ्ज़ धड़कन बनते हैं।

बनतीं हैं और भी हसीन ये जब,
लब इन लफ़्ज़ों को छूते हैं।

छू लेते हैं दिलों को ये लफ्ज़ जब,
इन से यादें महकने लगती हैं।

महक उठता है तन बदन जब,
ये लफ्ज़ मीठा सा कुछ गुनगुनाते हैं।

©परीक्षित जायसवाल #raindrops
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

"काश"

काश कि जो जैसा है
उसे उसी रूप स्वीकार कर पाते
तो अच्छा होता
बहुत कुछ खो देते हैं हम
दूसरों को अपने जैसा बनाने में
और शायद
प्रकृति की व्यवस्था में
विकृति फैला देते हैं...

 #teachersday2020
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

"काश"

काश कि जो जैसा है
उसे उसी रूप स्वीकार कर पाते
तो अच्छा होता
बहुत कुछ खो देते हैं हम
दूसरों को अपने जैसा बनाने में
और शायद
प्रकृति की व्यवस्था में
विकृति फैला देते हैं... #teachersday2020
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

#प्रेम
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

आंखो के ख्वाबों को सच करने का
हौसला लाजवाब रखो
जख्म देने की आदत है दुनिया की 
हर एक जख्म का खुद भी 
हिसाब रखो
बहुत सवाल करता है हर शख्स यहाँ पर
जरूरी नहीं कि हर सवाल का जवाब रखो..😊 #reading
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

ज़बां है कैद तेरे लफ्ज़ दोहराने से रोकती है

तेरी शोहरत तुझे अपना बताने से रोकती है

जुस्तजू में तेरे लिए पलकें बिछाए बैठे होंगे कई लोग

सर्द-ए -शब नम कालीनों पे, हमें कदम बढ़ाने से रोकती है

बेचैन है चांद भी हलक में उतर जाने को मगर, 
चाँदनी लब से कोई पैमान लगाने से रोकती है.. 
वादा है मेरा खुदा से अब की ना देखूंगा तेरी ओर 
पर पलकों में बसी इबादत हर वादा निभाने से रोकती है... 

©परीक्षित #ShiningInDark
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

मुझे मालूम भी है
और पक्का यक़ीन भी 

कि
ब्रह्मांड की शुरुआत,
बिग बैंग से न होकर,
गुलज़ार की पहली नज़्म से हुई थी।।

#HappyBirthdayGulzar #happybirthdaygulzar
f0a2ca9b5af95714ccf0c476ade42041

Parikshit Jaiswal

भूले  हुए  सभी  ज़ख्मों  को 
ताज़ा  करने लगता  हूँ


जब कुछ नहीं लिख पाता मैं
खुद को पढ़ने लगता हूँ..... #CalmingNature
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile