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Kamlesh Kandpal

https://youtube.com/@KK-Opinion?si=N_1vAdm45WaJVBX-

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Kamlesh Kandpal

New Year 2025 साल पर साल बदलते हुए 
लो आ गया दो हजार पचीस 
बचपन बीता, जवानी बीती 
पर ना मिटी मन की टीस.
बेहतर हो जीवन प्रतिदिन 
सबकी होती हैं यही कामना,
निष्काम बनो, निर्विकार बनो 
ऎसी हैं मेरी शुभकामना।

©Kamlesh Kandpal #Newyear2025
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Kamlesh Kandpal

जश्न कैसा ये,नये साल का
बेहोश पड़े हैं पीकर जाम 
बदजुबानी पर उतरे इतना 
कि हो गये जमाने में बदनाम

©Kamlesh Kandpal #Jshn
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Kamlesh Kandpal

New Year 2024-25 वक़्त किसी रोके, न रुकेगा 
छोड़ दो, वक़्त को रोकने का गुरूर
दौलत, शोहरत वाले भी कमलेश 
वक़्त के आगे हो जाते है मजबूर।

©Kamlesh Kandpal #NewYear2024-25
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Kamlesh Kandpal

खुद से परास्त होकर, 
जग जीतना कोई कमाल नहीं 
कुदरत के साथ चलने में 
नेक को होता कोई मलाल नहीं

©Kamlesh Kandpal #kudrat
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Kamlesh Kandpal

New Year Resolutions उमींद है खुद से मुलाक़ात होगी 
खुद के बेहतरी की बात होगी
कम होंगी जरूरतें जब कमलेश 
खुशियों की तय बरसात होगी

©Kamlesh Kandpal #newyearresolutions
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Kamlesh Kandpal

अँधेरे को चीरने की महारत सीख ली है अब,
निशाचरों बेखौफी से विचरना भूल जाओ अब

©Kamlesh Kandpal #bekhauf
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Kamlesh Kandpal

Unsplash प्रकृति का खेल अजब है 
यहाँ बदल जाता सब है 
पानी उठ सागर से बर्फ बना 
माया का भी रूप गजब है 
पल पल रूप बदल जाये 
क्या नहीं यह भी एक सबब है

©Kamlesh Kandpal #snow
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Kamlesh Kandpal

दौलत की दौड़ से , वक्त निकाल सको तो अगर ?
एक दौड़  इंसानियत की भी दौड़ लेना कभी !

©Kamlesh Kandpal #daur
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Kamlesh Kandpal

गुम जाऊँ कमलेश,किसी घने जंगल में 
मन बेचैन ही रहा सदा जग के दल दल में 

कबीर ने जुलाहे के घर में वह सब पाया 
जो बुद्ध ना पाये थे,अपने पिता के महल में

हीरा मिलता है, कोयले के खदानों में 
दुनियाँ फिर भी क्यों पागल है जाने शकल में

©Kamlesh Kandpal #Shkl
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Kamlesh Kandpal

वक्त आने पर छंट जाता है अन्धेरा, हो जाये चाहे कितना ही  घना,
उम्मीद का दिया जला रहा तो ,रोशन कर ही देगा, एक दिन तेरा अंगना

©Kamlesh Kandpal #roshni
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