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न जाने आँखों में कितने ख़्वाब लेकर निकल पड़ा हूं मैं हाथ में गुलाब लेकर... शायरी कहने के लिए अच्छा बनना जरूरी है शायर नही बन सकते दो चार किताब लेकर
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