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dalbirsinghbanja2284
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Dalbir Singh Banjara

Sr Branch Head PNB, Mumbai

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Dalbir Singh Banjara

बंजारा ए दिल की बहार है तू











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©Dalbir Singh Banjara #ishq
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Dalbir Singh Banjara

सपने तेरे गुलाम कर दिए
नींदों चैन सब निलाम कर दिए 








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©Dalbir Singh Banjara #Drown
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Dalbir Singh Banjara

फटी पोटली में सपनों का ज़िंदा रह पाना मुश्किल है
आसमां छू लेंगे इक दिन इन्हे पंख लगाना सीख ले









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©Dalbir Singh Banjara #chains
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Dalbir Singh Banjara

मुश्किलों के दौर में, मुस्कुराना सीख ले 
छोटी छोटी खुशियों से भी, मन बहलाना सीख ले
नमक है मुट्ठी में दुनिया की,मरहम की ले की तू आस ना कर
अपने गहरे ज़ख्मों को, दिल में दफनाना सीख ले 
छोटी छोटी 
कंकड़ पत्थर तो सदियों से इन राहों का हिस्सा थे
अपने कदमों की ताकत को आजमाना सीख ले
छोटी छोटी
फटी पोटली में सपनों का, ज़िंदा रह पाना मुश्किल है
आसमां छू लेंगे इक दिन इन्हे पंख लगाना सीख ले
छोटी छोटी 
तन्हाई बस हमसफ़र है इन बंजारा सी राहों
भूली बिसरी इन राहों पर महफ़िल सजाना सीख ले







.                                            .                               ................... Dalbir Singh Banjara














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©Dalbir Singh Banjara मुश्किलें तो आनी जानी हैं

मुश्किलें तो आनी जानी हैं #कविता

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Dalbir Singh Banjara

गुज़र गए मयकशी के ज़माने
रात तन्हा ख़ामोश मयखाने
ख़ाली है जाम उदास है शाम 
बड़े याद आते हैं दोस्त पुराने






                                      दलबीर सिंह बंजारा 
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©Dalbir Singh Banjara
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Dalbir Singh Banjara

वो जो रूठा है, मुझसे, जताता भी नहीं
मेरे शिकवों को, गिलों को मनाता भी नहीं
वो जो रूठा है.........
मेरे हर ज़ख्म की हर मर्ज की मरहम है वो
गम तो ये है के कोई दर्द बताता भी नहीं
वो जो रूठा है..........
मेरा हमराज़ भी बन एहसान ना कर रूह पे मेरी
हमसाया है वो मगर हाथ में आता भी नहीं
वो जो रूठा है...........
छोड़कर साथ, तेरा हाथ है, चलना मुश्किल
मंज़िल-ए-मुकाम तक मेरा साथ निभाता भी नहीं
वो जो रूठा है............
मेरे होठों के तबस्सुम की हर लकीर है वो
कैसा बंजारा-ए-दिल है रुलाता भी नहीं
वो जो रूठा है............








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©Dalbir Singh Banjara रुलाता भी नहीं

रुलाता भी नहीं #शायरी

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Dalbir Singh Banjara

तेरा क़तरा सा ख़्याल हूं मैं
मेरे ख्वाबों का अंबार है तू
ज़रा इश्क़-ए-नगमा बिखेर दे
मेरे दिल का हरेक तार है तू


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©Dalbir Singh Banjara
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Dalbir Singh Banjara

किनारों पे ना मिलेगी
हुनरबाजी मुहब्बत की
दरिया ए इश्क में उतरो
 तो सब कुछ जान जाओगे



दलबीर सिंह
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©Dalbir Singh Banjara
  मुहब्बत

मुहब्बत #शायरी

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Dalbir Singh Banjara

तेरे अंदाज़ में कुछ तो खास है
बंजारा ए दिल
जो तेरा हो गया
वो किसी का ना रहा









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©Dalbir Singh Banjara shayari

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Dalbir Singh Banjara

बेगुनाह था बे-ख़ता था
फिर अश्क, सदमें, अज़ाब क्यूं
ये नसीब ही बस बदनसीब है
वरना दर्द बेहिसाब क्यूं





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©Dalbir Singh Banjara बदनसीब

बदनसीब #शायरी

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