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dilkibaatwithamit
लिख लिख के तेरा नाम मिटाना पड़ा मुझे इक राज था जो सबसे छुपाना पड़ा मुझे मेरी ग़ज़ल में यार की पहचान थी कोई हर एक शेर यूँ ही घुमाना पड़ा मुझे ये बात आप उसके ख्यालो से पुछिए कल रात क्यूँ ही खुद को जगाना पड़ा मूझे लगने लगा था जब मुझे नाकामियों से डर इक शेर फिर खुद ही सुनाना पड़ा मुझे अपनो ने मुझमे खूब निकाली थी खामियां गैरों से यूँ ही हाथ मिलाना पड़ा मुझे अनवर से जिसने अन्नु रखां था मेरा नाम अनवर उसी का नाम बताना पड़ा मुझे ....अनवर क़ुरैशी ©dilkibaatwithamit लिख लिख के तेरा नाम मिटाना पड़ा मुझे इक राज था जो सबसे छुपाना पड़ा मुझे मेरी ग़ज़ल में यार की पहचान थी कोई हर एक शेर यूँ ही घुमाना
लिख लिख के तेरा नाम मिटाना पड़ा मुझे इक राज था जो सबसे छुपाना पड़ा मुझे मेरी ग़ज़ल में यार की पहचान थी कोई हर एक शेर यूँ ही घुमाना
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो, इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो। सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम, बग़ैर ज़ख्मों वाला इश्क़ चाहते हो। सुना है इश्क़ ने बहुत दीवारें गिराई हैं, इश्क़ के सरहदों को मिटाना चाहते हो। कितने फना हुए इश्क़ के इम्तिहान में, दर्द बग़ैर इश्क़ का गुलज़ार चाहते हो। बिन आवाज़ दिए बुला रहे हो उसको, बग़ैर जज़्बात इश्क़ का जुनून चाहते हो। इश्क़ के खेल में लोग छोड़ देते हैं पसीने, बग़ैर बहाए खून इश्क़ का हार चाहते हो। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो, इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो। सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम, बग़ैर ज़ख्मों वाला
#love_shayari इश्क़ में बग़ैर डूबे पनाह चाहते हो, इश्क़ में बग़ैर डूबे जवाब चाहते हो। सुना है गुनाहगार बहुतों के हो तुम, बग़ैर ज़ख्मों वाला
read moreनवनीत ठाकुर
जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ, हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता। न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का, हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता। परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी, हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता। अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के, हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता। तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस, हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ
#नवनीतठाकुर जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ
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