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Stories related to लिखता हूं खून से

Poet Kuldeep Singh Ruhela

#traveling में मुर्शद तू मुर्शद ये सारा जहां मुर्शद हो गया प्यार के तराने लिखता लिखता में तो खुद बेगाना हो गया

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Unsplash में मुर्शद तू मुर्शद 
ये सारा जहां मुर्शद हो गया
प्यार के तराने लिखता लिखता
 में तो खुद बेगाना हो गया

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #traveling में मुर्शद तू मुर्शद 
ये सारा जहां मुर्शद हो गया
प्यार के तराने लिखता लिखता
 में तो खुद बेगाना हो गया

M.K Meet

दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂

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दिल को पत्थर बनाने की कशमकश में हूं!
के वह बार-बार तोड़े,और मुझे दर्द भी न हो






.

©M.K Meet दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं 
पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 
😂😂😂😂😂😂😂😂

priyanka pilibanga

मेरे पापा लिखते

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White   
मेरे पापा लिखते 

मेरा मुकद्दर,
अगर मेरे पापा  लिखते।
ना दौलत, ना शोहरत,
की कमी  लिखते।
जहां जहां गम लिखें है,
वहां वहां वो सुख लिखते।
मेरा मुकद्दर,
अगर मेरे पापा  लिखते।
धुधली सी खुशियों को 
वह साफ़ साफ़ लिखते।
मेरी ज़िन्दगी में दुःख नाम के,
शब्द ही ना होते।
मेरा मुक़द्दर,
अगर मेरे पापा लिखते।

©Priyanka Poetry मेरे पापा लिखते

डॉ.अजय कुमार मिश्र

डरता हूं

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White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं,
जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं।

हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की,
आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं।
धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।।

 कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से ,
आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं।

कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार।
आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं

Anjali Bisht

मैं खुद से जुदा होकर आई हूं अच्छे विचारों

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Ajay Tanwar Mehrana

मैं आजाद हूं

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ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब
                ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब
                 मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ 
                 कोई कह तो दे कि मैं  बर्बाद  हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में 
                 मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं ,
                  कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा 
                तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने
                  ना समाज की रिवाजों के भरम ने ,
                 झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 
                'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं !

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

©Ajay Tanwar Mehrana मैं आजाद हूं

BS NEGI

व्यस्त हूं

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White स्वयं की खोज में हूँ, 
शांत एवं मौन मैं हूँ,
पथिक हूँ सत्यपथ का, 
मैं स्वयं में ही व्यस्त हूँ!

©BS NEGI व्यस्त हूं

Manjeet

अभी कहां रुका हूं, अभी कहां थका हूं! संघर्षों से लड़ने का आदी हूं मंजिल पाने की ठान चुका हूं!! ❣️Ⓜαทʝεεt❣️ #manjeetpoonia #yourquote yourqu

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White अभी कहां रुका हूं,
अभी कहां थका हूं!
संघर्षों से लड़ने का आदी हूं
मंजिल पाने की ठान चुका हूं!!
❣️Ⓜαทʝεεt❣️

©Manjeet अभी कहां रुका हूं,
अभी कहां थका हूं!
संघर्षों से लड़ने का आदी हूं
मंजिल पाने की ठान चुका हूं!!
❣️Ⓜαทʝεεt❣️
#manjeetpoonia #yourquote #yourqu

Devendra Sahis

नशा से दूर रहता हूं 🤣😅

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chahat

मुस्करा देती हूं

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White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat मुस्करा देती हूं
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