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Sarfraj Alam Shayri
White रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है, "रिश्तो को निचोड कर खा जाता है !! ©Sarfraj Alam Shayri #love_shayari रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है, "रिश्तो को निचोड कर खा जाता है !! Islam
#love_shayari रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है, "रिश्तो को निचोड कर खा जाता है !! Islam
read moreSarfraj Alam Shayri
White रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है, "रिश्तो को निचोड कर खा जाता है ! ©Sarfraj Alam Shayri #good_night रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है, "रिश्तो को निचोड कर खा जाता है ! shayari love
#good_night रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है, "रिश्तो को निचोड कर खा जाता है ! shayari love
read moreRadhika Verma
आज मुझे ये कहना है, मैं प्रेम तुम्हीं से करता हूं, तुम मेरे सपनों में आती हों, मैं रात रात भर जगता हूं, क्योंकि, मैं प्रेम तुम्हीं से करता हूं।। ©Radhika Verma Happy prapose day मैं प्रेम तुम्हीं से करता हूं,#love #Prem #Pyar
gaTTubaba
White शौक से लिखता हूँ कागज़ पर कुछ बातें शौकीन भी कागज़ का हूं ©gaTTubaba #Thinking शौक से लिखता हूँ कागज़ पर कुछ बातें शौकीन भी कागज़ का हूं
#Thinking शौक से लिखता हूँ कागज़ पर कुछ बातें शौकीन भी कागज़ का हूं
read moreAshok Verma "Hamdard"
White अभी मिट्टी से जुदा हुआ नहीं हूँ, थका हूँ पर कहीं रुका नहीं हूँ। गिराया वक्त ने, संभलता गया मैं, हारा जरूर हूँ, मगर झुका नहीं हूँ। तेरी राहों का राही बनूं कैसे, मैं कारवां हूँ, मगर रास्ता नहीं हूँ। बिखरने की सज़ा वक्त ने दी है, मगर ख़ुद में मैं अब तक मिटा नहीं हूँ। पिता का अक्स हूँ, पहचान यही है, पर अब तक खुद को तराशा नहीं हूँ। मंजिल मेरी भी होगी एक दिन, सफ़र में हूँ, पर अभी ठहरा नहीं हूँ। भूखा हूँ पर गैर का लूटूं ये मुमकिन नहीं, मैं मेहनत का हूँ, सौदा सस्ता नहीं हूँ। तुम संग हूँ, पर दिल से दूर हूँ शायद, खुद का भी हूँ, तेरा भी पूरा नहीं हूँ। अशोक वर्मा "हमदर्द " ©Ashok Verma "Hamdard" मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
read moregaTTubaba
Unsplash पेंसिल से ही लिखता हूं इश्क तेरे लिए अब की बार मिटाने की नौबत आएं तो आसान हो....! ©gaTTubaba #Book पेंसिल से ही लिखता हूं इश्क तेरे लिए अब की बार मिटाने की नौबत आएं तो आसान हो....!
#Book पेंसिल से ही लिखता हूं इश्क तेरे लिए अब की बार मिटाने की नौबत आएं तो आसान हो....!
read moreM.K Meet
दिल को पत्थर बनाने की कशमकश में हूं! के वह बार-बार तोड़े,और मुझे दर्द भी न हो . ©M.K Meet दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂
दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂
read morepriyanka pilibanga
White मेरे पापा लिखते मेरा मुकद्दर, अगर मेरे पापा लिखते। ना दौलत, ना शोहरत, की कमी लिखते। जहां जहां गम लिखें है, वहां वहां वो सुख लिखते। मेरा मुकद्दर, अगर मेरे पापा लिखते। धुधली सी खुशियों को वह साफ़ साफ़ लिखते। मेरी ज़िन्दगी में दुःख नाम के, शब्द ही ना होते। मेरा मुक़द्दर, अगर मेरे पापा लिखते। ©Priyanka Poetry मेरे पापा लिखते
मेरे पापा लिखते
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं, जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं। हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की, आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं। धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।। कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से , आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं। कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार। आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं
डरता हूं
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