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Anuradha T Gautam 6280

उम्र 19 साल की आई 18 साल बीताई पहचान #अम्मा का किरदार दे गई खुद दो बच्चों की मां होके अपने आप को #लडकई बता गई..🖊️

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नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर

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दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे,
अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है।

मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे,
अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है।

कभी जो  जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत,
अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है।

मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में,
अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे,
अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है।

मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर

Poet Kuldeep Singh Ruhela

#lovelife में बेरोजगार होके तेरी महफिल में आया हूं कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ

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Unsplash में बेरोजगार होके 
 तेरी महफिल में आया हूं 
कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना
 में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #lovelife में बेरोजगार होके 
 तेरी महफिल में आया हूं 
कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना
 में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ

Banarasi..

#lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क

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Unsplash गर तू मेरी जमीं होती 
तो आसमां मैं तेरा होता।
जहां जहां तेरे पैर ठहरते
वो चमन गुलिस्तां होता।
सूरज की तपिश मुझसे होके
सुनहरी धूप का आशियां होता।
गर तू मेरी जमीं होती 
तो आसमां मैं तेरा होता।

©Banarasi.. #lovelife गर तू मेरी जमीं होती 
तो आसमां मैं तेरा होता।
जहां जहां तेरे पैर ठहरते
वो चमन गुलिस्तां होता।
सूरज की तपिश मुझसे होके
सुनहरी धूप क

Anjali Bisht

मैं खुद से जुदा होकर आई हूं अच्छे विचारों

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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा- जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा -ए-खुदा न समझ

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White इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,
अपने ही घर मे हर अफराद जुदा-जुदा सा मुझे दिखा//१

खल्क की सदा को नक्कारा-ए-खुदा न समझा,उमीदे-अदल थी
जिनसे,वो बाप विरासत देने मे गूंगा-बहरा सा मुझे दिखा//२

जो दबाते है सरमाया अपने हमशीरी का,वो रोजे
      मह्शर अल्लाह-रसूल् से शर्मिंदा खड़ा सा मुझे दिखा//३

वो एहसासे कमतरी का शिकार न दिखा,हाँ आज
    उसके मन मे जहरीला गुबार उड़ता सा मुझे दिखा//४

नफरत की अफीम बोई है,जिस हासिद ने,अब ईद दिवाली
 स्नेह मिलन पर,वो नफरते फसल काटता सा मुझे दिखा//५

हाशिये पर पसमन्दो को निशाना बनते मुझे दिखा,
       इस मानिंद नशेमन रिआया का गिरता सा मुझे दिखा//६

जो अना और किना परस्त बड़े लोग है,मुझको तो
ऐसे लोगो का किरदार अदना सा मुझे दिखा//६

जाइए मत आप"शमा"की बेबाकी पर,मै खामखाह,
सुर्ख़रू हुआ,जो ये हयात शनासा सा मुझे दिखा//७
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा-
जुदा सा मुझे दिखा//१

खल्क की सदा को नक्कारा
-ए-खुदा न समझ

आधुनिक कवयित्री

जुदा.......

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जुदा हुए इस कदर,
दुबारा नजरे न मिला सके।
अजनबी है अवारा शहर में,
पहचान अपनी न छुपा सके।
आंसू पोंछते रहे अकेले,
किसी को दिखा न सके।
पूछा सबने उदास चेहरा देखकर,
हम कारण उदासी का बता न सके।
कहानी बहुत छोटी सी थी हमारी,
फिर भी किसे सुना न सके।
दुनियां ने बहुत कुछ सीखा दिया,
हम खुद को समझा न सके।
साथ चाहा हर किसी ने हमारा,
पर हम किसी ओर को अपना न सके।
समझ लिया सबने अपने अपने नज़रिए से ,
हम झूठ पर भी ऊंगली उठा न सके।
स्तब्ध होकर भूल गए दुनियां को,
पर उन यादों को न भूला सके।
जुदा हुए इस कदर,
दुबारा नजरे न मिला सके।

©आधुनिक कवयित्री जुदा.......

नवनीत ठाकुर

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग

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White 

भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है,
हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है।
हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं,
हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं।
जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं,
हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं।

©नवनीत ठाकुर 
भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है,
हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है।
हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं,
हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग

नवनीत ठाकुर

अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।

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कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई,
हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई।
हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान,
उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।।
अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान,
भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान।
जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ,
अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।।

©नवनीत ठाकुर अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान,
भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान।
जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ,
अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।

Shivam Pandey

#तुझसे जुदा करने की हिम्मत न खुदा में है, तू मेरे दिल का हक है, इसे कोई छीन नहीं सकता। 😍💞😍😘

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White तुझसे जुदा करने की हिम्मत न खुदा में है,
तू मेरे दिल का हक है, इसे कोई छीन नहीं सकता।
😍💞😍😘

©Shivam Pandey #तुझसे जुदा करने की हिम्मत न खुदा में है,
तू मेरे दिल का हक है, इसे कोई छीन नहीं सकता।
😍💞😍😘
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