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HintsOfHeart.
लड़कों के पास जितना दिमाग़ है ना उतना तो हम लड़कियों का ख़राब पड़ा रहता है।😂😂 ©HintsOfHeart. #Women are better at big picture thinking.
MADHUKANT THAKUR
लोग कहते हैं स्त्री को मानसिक हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है जरा सोचिए वास्तविक कारण कहां छिपा पड़ा है वास्तविकता यह है कि इस्त्री ही इस्त्री का अप्रत्यक्ष रुप से दुश्मन बना हुआ है ✍️ मधुकान्त . . . . . . ©MADHUKANT THAKUR #Women
Tania Aggarwal
मेरा यूं हंस हंस के बोलना ही तकलीफ दे गया मुझको ही।। ©Tania Aggarwal #Women
roopali purohit
She closed her eyes with tears one hand wiped it, one hand held her chin, one hand made her wobbly steps stable. all the hands came together Just to make her personality commendable.. ©roopali purohit #Friend #Women #womenempowerment All the women out there who are breaking generational trauma who are challenging the cycle. And all the wo
Rakhi Saroj
आसान नहीं होता उस स्त्री के साथ चलना जिसका प्रेम आपकी नजरों में चुबन बन जाएं ©Rakhi Saroj #Women
Anil Ray
हिंदी से इतिहास समझा औरत का पर अनिल कुछ तो भूगोल अधुरा है अभी.. 🤔 ©Anil Ray #Women
sabr
छोटे बालों वाली लड़कियाँ एक शाम जब समंदर सूरज निगल रहा था, हम दोनों रेत पे नज़रें गड़ाए चल रहे थे, तब वो मेरे बालों को देखते हुए कहता, ‘मैंने सुना था छोटे बाल वाली लड़कियाँ होती हैं उद्धंड, बदतमीज़ और आवारा।’ मैं एक उँगली से भवों पे आ रहे बालों को समेट कर बोली, ‘मैंने तो जिया है छोटे बालों वाली लड़की को, और मुझे पसंद है उद्दंड, बेबाक़ और आवारा होना।’ एक गहरी साँस भरी मैंने और कहा ,’लेकिन एक उमर में मैंने भी सवारे थे अपने लंबे बाल, बचपन में एक बार मैं अपने खुले लंबे बाल ले कर खेलने गई थी पड़ोस में, लेकिन पड़ोस के अंकल ने दे दिया था एक अनजाना सा डर। मैंने घर में कहा, तो सबने मेरे बालों का दोष बताया और डाँट के कह दिया मुझे, ‘उद्दंड लड़की’।’ ‘स्कूल जाती थी मैं कंधे पे चोटियों को सजा कर, लेकिन सर की उँगलियाँ नापने लगी मेरी चोटियों को, मैंने दूसरे सर से बताया तो उन्होंने मेरे बालों का दोष बताया और नाम दिया मुझे ‘आवारा’।’ ‘मुझे अच्छा लगता था बालों में फूल लगाना, उन्हें सजाना, फूल दिलाने के बहाने कज़िन ले गया कहीं दूर, बीच रास्ते से भाग आई किसी तरह, घर आ कर जब उसकी बुराई की तो दोष मिला मेरे बालों को और मुझे नाम मिला ‘बदतमीज़’।’ मैंने फीकी मुस्कान पहन कर उसको देखा और कहा, ‘सुनो, ज़रूरी नहीं तुम मुझे पसंद करो, लेकिन मुझे पसंद है उद्दंड, बदतमीज़ और आवारा होना।’ नहीं पता कि उसे पसंद आया था ये सच सुनना, नहीं पता कि उसके निःशब्द जवाब में हाँ थी या ना, नहीं पता कि वो अब से मेरे बारे में क्या राय रखेगा, बस पता था कि, बालों की लंबाई कुछ भी हो, लड़कियाँ तो लड़कियाँ ही होती हैं। ©sabr #Women