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    PopularLatestVideo

नेहा झा मणि

#रिश्तों की धूप छाँव मे..

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Parasram Arora

ममता की छाँव .......

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शायद  ढूंढ  रही हो  अपने  उन दिनों की 
यादें
जो   इन सूनी  पग्दंडियों  पर कभी  आबाद
दिखती  थी
दूरदराज़  की वे शुष्क   बावडिया  तब
लबालब  भरी   रहती थी  और  चूल्हे  मे जलाने
वाली  लकड़ियों का  भंडार   रसोई घर  की 
शोभा  बढ़ाते  थे...... भले  लगते  थे   वे  ठूंठ
 और  बीहड़  भी जो   आज न जाने   कही खो गए है
या  फिर  सीमेंट  की  सडके उन्हें निगल गई
अब  कहाँ   आता  है वो पहले जैसा लुत्फ़     इन
 घी   की  चुपड़ी हुई  रोटियों मे  जो कभी  
आता था  उन रूखी  सूखी   रोटियों  मे  जो
मिलती थी   ममता  की  छाँव  मे  बैठ कर

©Parasram Arora ममता   की  छाँव .......

अजय 'निलय'

...जुल्फों की छाँव...

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...जिनकी जुल्फों की छाँव में,लाखो सावन बरस गये...
...उनकी एक नजर की खातिर,नजराने खुद तरस गये...








                ...अजय 'निलय'... ...जुल्फों की छाँव...

Manish Kumar Savita

जुल्फों की छाँव #विचार

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 जुल्फों की छाँव

Shashi Bhushan Mishra

#ममता की छाँव देखे# #कविता

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लड़खड़ाते पाँव देखे, 
            ममता की छाँव देखे,
डगमगाते कदमों तले,
               उम्र के पड़ाव देखे, 

शहर के इस शोर में, 
              छटपटाते गाँव देखे,
राह की पेचीदगी में, 
            कसमसाते दाँव देखे, 

चमचमाती गाड़ियों में,
           श्वान के भी  ठाँव देखे,
झिलमिलाती चाँदनी में,
           दिलजलों के घाव देखे,

कन्हैया के दिल में गुंजन,
              सुदामा के भाव देखे, 
लड़खड़ाते पाँव देखे,
              ममता की छाँव देखे,     
   --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
          चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #ममता की छाँव देखे#

ankit saraswat

#छाँव की तलाश में #शायरी #अंकित

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किसी रोज़ छॉंव की तलाश में जाना पडेगा आसमान में, 
धरती पर जब पेड़ ही ना होंगे, 
छाँव कहा से लाओगे।।

#अंकित सारस्वत# #छाँव की तलाश में

Parasram Arora

छाँव छाँव.....

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मैं  छाँव  छाँव  चला था  अपना बदन बचा कर
ताकि  रूह को एकखूबसूरत  सा जिस्म दे सकू
न कोई सिल्वट न दाग़  कोई
न धूप झूलसाऐ न येचोट खाये
न जखम  छुए न दर्द पहुचे

©Parasram Arora छाँव छाँव.....

विकाश वर्धन मिश्र

खड़ा अमराइयों की छाँव में #कविता

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Vikas Sharma Shivaaya'

एक घने वृक्ष की छाँव #समाज

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✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की व्यक्ति जब असफलता का सामना करता है तो मंदिर -मस्जिद -चर्च -गुरूद्वारे भागता है -माथा टेकता है -सजदा करता है ,जैसे ही सफलता प्राप्त करता है उसे ये गुमान हो जाता है की ये तो मेरी निति -योजना और मेहनत का परिणाम है और यही उसका सबसे बड़ा भरम होता है ...,
 
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जरुरी नहीं की अगर आप किसी से शिद्दत से प्यार करते हैं तो वो भी आपको उसी दीवानगी से प्यार करे क्यूंकि आपके लिए प्यार हर परिस्तिथि में एक सा है और उसके लिए प्यार हालातों के हिसाब से ...,आपका प्रेम बेवकूफी भरा दिल से है और उसका प्यार समझदारी से भरपूर प्रैक्टिकल है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब वृक्ष पर पतझड़ की छाया आती है तो वृक्ष पत्तों को भी गिरा देता है वो उसे बोझ लगते हैं ,कुछ यही हाल जिंदगी का है जब आपके जीवन में गलत समय -असफलता आती है तो आपको भी अलग कर दिया जाता है -छिटका दिया जाता है क्यूंकि अब आप भी बोझ ...,

आखिर में एक ही बात समझ आई की क्यों ना हम वृद्धाश्रम एवं अनाथालयों को एक जगह ही कर दें जिससे बुजुर्गों को बच्चे और उनका साथ मिल जाये और बच्चों को एक घने वृक्ष की छाँव ...!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...!
🌹सुप्रभात🙏 
 🔯🔱 विकास शर्मा "शिवाया"🔱    
                     🌈🚩🔯                
        ⚛️🔯☸️🪔🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' एक घने वृक्ष की छाँव

Pooja Udeshi

जीवन की धूप छाँव #findsomeone

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जीवन की धूप छाँव
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जीवन की धूप छाँव मे निकल जाते हैं जीवन के पल
जो याद आते हैं और कभी हँसाते हैं कभी रुलाते हैं
ये धरती किराये का घर हैं हम तो भाड़ा दिए बगैर जाते हैं
इसी का खाते हैं और इसी क़ो गन्दा कर परलोक चले जाते हैं
कितने मतलबी हैं हम इस धरती क़ो सुन्दर, स्वच्छ नहीं रख पाते हैं
इसके जानवरो क़ो खाते हैं,ख़ुटो मे बाधते हैं, इनके शरीर की
बोटी बोटी नोच डालते हैं, मधु मखी अपने लिए शहद बनाती हैं
वो भी हम छीन लेते हैं, हम हैवान हैं, मतलबी इंसान हैं, हम
अपने कर्मो की सजा यही भोगते हैं और अंत मे दुख भोग
कर बुड़ासकाल मे धरती क़ो छोड जाते हैं, जीते जी इज्जत करे
इस पावन धरती की जाने कहाँ हैं स्वर्ग कहाँ हैं नर्क इस
भूल भुलईया मे हम जीवन जिए जाते हैं 🙏🏼

©POOJA UDESHI जीवन की धूप छाँव 

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