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Ek villain
किसी बात के प्रति लगन उस पर लगातार काम करने को प्रोत्साहित करती है उस काम में बताया गया है हम धीरे-धीरे कौशल में बदलता जाता है और जब क्वेश्चन निकल जाता है तो उसके परिणाम में सर्वश्रेष्ठ होते हैं असाधारण काम करने की लगन और कौशल यही गुणात्मक चक्कर है जितनी अधिक लगन और उत्साह होगा कौशल उतना अधिक निकलता चला जाएगा इसी प्रकार कोई भी कार्य व्यवसाय या नौकरी असफलता का बिंदु तब बनती है जब उनमें लगन को झोंक दिया जाता है ©Ek villain #Hindidiwas सफलता का दिन तो तब बनते हैं जब उसमें लगन को झोंक दिया जाता है
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat विश्वास को मिनटों में खूबसूरत लम्हों से आग में झोंक दिया, जिसके साथ जन्मों कर वादा कर वफा की कसमें खाई थी #respect #relationship #feelings #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat विश्वास को मिनटों में खूबसूरत लम्हों से आग मे
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मन के आसरे को कर दिया प्रहस्त निकले शब्द वो कर दिखाया एकांत मां होकर भी बेबस सी ज़िन्दगी कठिनाइयो में ख़ुद को झोंक दिया सात फेरों के वचन को निभाती सब सुख को त्याग तपस्या सी ज़िन्दगी जीने निकाल पड़ी भाई के वचन का पालन करता वो राम का प्रतिपालन करता जीवन साथी भ्राता लक्ष्मण निकाल पड़े वो जंगल के बीच सच का एहसास पालन ख़ुद के भी उसूलों पर काटो का सिलसिला शुरू हुआ। महलों को त्याग कुटिया का जीवनकाल का चयन किया #respect #reality #god #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मन के आसरे को कर दिया प्रहस्त निकले शब्द वो कर
Poonam Suyal
फिर एक रोज (अनुशीर्षक में पढ़ें) फिर एक रोज फिर एक रोज हम भी बड़े हो गए इतने बड़े कि माँ की गोद में, सर रखके सोने को तरसने लगे अपनी जिम्मेदारियों में ऐसे मशगूल हुए हम
Rohan Mishra
गलती क्या थी मेरी जो, दिखाकर उजालो का सफर मुझे अंधेरी राहो मे छोड़ दिया सजाकर इन आँखों मे हजारो सपने, क्यों कांच की तरह उन सपनो को तोड़ दिया कहा था बनाओगी स्वर्ग से सुंदर जहाँ हमारा, तो क्यों मुझे इस बेदर्द दुनिया मे अकेला छोड़ दिया दिखाकर कर मन को ख़ुशियों की गुनगुनी धूप, क्यों ग़मो की बरसातो मे छोड़ दिया, आये ही थे दिन बेपरवाही के मेरे, क्यों फिक्र देकर सारी यूँ अलविदा कह दिया अब तुम्ही बताओ कैसे कटेगा जीवन मेरा, जो तुमने मुझे विरह की अग्नि मे झोंक दिया। ©Rohan Mishra गलती क्या थी मेरी जो, दिखाकर उजालो का सफर मुझे अंधेरी राहो मे छोड़ दिया सजाकर इन आँखों मे हजारो सपने, क्यों कांच की तरह उन सपनो को तोड़ दिय
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज़ादी किस बात की आज़ादी? आवाम आज़ाद हुआ पुरानी बात हुई, क्यों दिलों के जंगलों में बसेरा बना कर फिर भी आग लगा कर ,हाथ सेका गया, आज़ादी पर तिरंगा लहराने से ही आज़ाद कहां हुआ? भ्रष्टाचार से मुक्ति का आंदोलन कर फिर भी सर्वनाश हुआ। जुआ खेल का प्रदर्शन करने का प्रयास करें गे लोगों की भीड़ में लाशों का कारोबार हुआ। मशाले जलाकर भस्म करते रिवायतों को अरमानों का तिरस्कार हुआ। आज़ादी अभी औरत को दबाने में ही मर्दानगी समझी जाती है। ये कारोबार तो पुराणों में भी शामिल है, कभी द्रोपदी को जुए में दांव लगाया गया। कभी सीता को अग्नि परीक्षा के लिए दबाया गया उसके जिस्मों क कारोबार की पहचान , अपने सपनों को उड़ान भरने में ही साजाया गया। छोटी बच्चियों के बचपन को हवस किया भट्टी में झोंक दिया गया। आज़ाद अभी सोच को सकारात्मक होना बाक़ी है आज़ाद अभी औरत को होना बाक़ी है। #Letter_To_Republic_India #Nojoto #Deepthoughts #feelings #Hurt Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज़ादी किस बात की आज़ादी? आवाम आज़ाद हुआ
mukesh verma
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज़ादी किस बात की आज़ादी? आवाम आज़ाद हुआ पुरानी बात हुई, क्यों दिलों के जंगलों में बसेरा बना कर फिर भी आग लगा कर ,हाथ सेका गया, आज़ादी पर तिरंगा लहराने से ही आज़ाद कहां हुआ? भ्रष्टाचार से मुक्ति का आंदोलन कर फिर भी सर्वनाश हुआ। जुआ खेल का प्रदर्शन करने का प्रयास करें गे लोगों की भीड़ में लाशों का कारोबार हुआ। मशाले जलाकर भस्म करते रिवायतों को अरमानों का तिरस्कार हुआ। आज़ादी अभी औरत को दबाने में ही मर्दानगी समझी जाती है। ये कारोबार तो पुराणों में भी शामिल है, कभी द्रोपदी को जुए में दांव लगाया गया। कभी सीता को अग्नि परीक्षा के लिए दबाया गया उसके जिस्मों क कारोबार की पहचान , अपने सपनों को उड़ान भरने में ही साजाया गया। छोटी बच्चियों के बचपन को हवस किया भट्टी में झोंक दिया गया। आज़ाद अभी सोच को सकारात्मक होना बाक़ी है आज़ाद अभी औरत को होना बाक़ी है। #deep #feelings #respect #women #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज़ादी किस बात की आज़ादी? आवाम आज़ाद हुआ पुरानी बात हुई,
vibrant.writer
{ अब वह पहले वाली बात नहीं } कुछ सालों से ना बात हुई, ना दिन हुआ, ना रात हुई, तेरे जेसी ढुढी गली गली पर तुझ जैसी ना बात कोई । अचानक यूं आकर तुने मुझे अपने सपनों में झोंक दिया , भूल गया मैं आज को मुझको भूतकाल में रोक दिया । कुछ रात चली, कुछ बात चली, मीठी बातों की सौगात चली , फिर जाकर वह बात कही जो दिल को अंदर से काट गई । वह दिन गए वो रात गई, पर अब वह पहले वाली बात नहीं, मिलना तो अब भी होता है पर अब वह पहले वाली बात नहीं । यह कह कर तुमने मुझको फिर वर्तमान से जोड़ दिया, भूतकाल की बातों से तुमने मुझ को नया मोड़ दिया । भूतकाल के चक्कर में वर्तमान को गड़बड़ नहीं करना है , अपनी अपनी सोच का अब हमें सम्मान करना है । अब इतना बड़ा में हो गया हूं ,तुम को विदा कर सकता हूं , तुम वहा खुश रहना मैं यहा खुश रह सकता हूं । खुशियां तुम बांटना सबसे तुम्हारे गम हम बांट लेंगे, बस कुछ इसी तरह से हम एक दूसरे का साथ देंगे । शायद यही सच्चाई है, यह अब मुझे स्वीकार करना होगा, कुछ इसी तरह से मुझे, जिंदगी के इस दरिया को पार करना होगा । सालों बाद जब पुराने प्रेमी मिलते हैं तो कहते हैं #अब_वह_पहले_वाली_बात_नहीं कुछ सालों से ना बात हुई, ना दिन हुआ, ना रात हुई, तेरे जेसी ढुढी