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shayrana baba
एक् मुह्बब्त् मे लाचार् लडका अपना अन्तिम् सन्स्कार् करवा बैठा ©shayrana baba आशिकी का हारा
आशिकी का हारा #SAD
read moreHimaani
White इतनी मोहब्बत भी क्या करनी किसी से जो रातों को भी सो ना सके आराम से ©Himaani #sad_shayari ऐसी मोहब्बत भी क्या करने
#sad_shayari ऐसी मोहब्बत भी क्या करने #शायरी
read moreKuldeep kushwaha
White हंसते हुए चैहरे पर आजाती है अचानक बेखैयाली । मोहब्बत के शहर में हर किसी का गुजारा थोड़ई है।। ©Kuldeep kushwaha आशिकी
आशिकी #शायरी
read moreSharif Shaikh
White मै हुं आशिक, मेरा हर अंदाज है निराला. जिन हादसो से, लोग डरते है. ऊन्ही हादसोने, मुझे है पाला. ©Sharif Shaikh #love_shayari आशिकी
#love_shayari आशिकी #शायरी
read moreHarvinder Ahuja
White मौत आती नहीं , आती तो है मगर ख़ामोश रहती, वो हाथों से क्यों छूट जाता है, जो कभी मिला ही नहीं, जब जिंदगी से कुछ गिला ही नहीं, फिर हर खुशी क्यों उदास रहती है, किस से पूछू मैं अपनी सब उलझनें, कोई हमसफ़र साथ अपने है भी तो नहीं। ©Harvinder Ahuja # क्या यह भी कोई ज़िन्दगी है
# क्या यह भी कोई ज़िन्दगी है #विचार
read moreSantosh Verma
White तू रंग गई मेरे रंग में, मैं रंगा तेरे रंग में। तू ढल गई मेरे ढंग में,मैं ढला तेरे ढंग में। प्रणाम 🙏🏻 ✍🏻संतोष ©Santosh Verma रंग
रंग #शायरी
read moreVivek
रंग दीवाने हो गए दिशाएं भी बहुत खुश दिखें पलकों में तुम जगह तो दो हम भी उनमें सुख बन बिछें...!!! ©Vivek #रंग
K L MAHOBIA
सुन तिहारे रोज़ झांसे में नहीं आएंगे। मत पुकारों लोग फांसे में नहीं आएंगे। नार रखते और होंगे द्यूत क्रीड़ा खेलने, हम बिसातों और पांसे में नहीं आएंगे। गम बुरा है रोग का छुपता नहीं छुपाने से, दिल बुझा रम जान रासे में नहीं आएंगे। उड़ गई रंगत बुझा चहरा तिरी चाहत में, इश्क में मर कर दिलासे में नहीं आएंगे। ओढ़ चादर सो गया वो आप गुमनामी में। छुप गया फिर हम जगाने नहीं आएंगे। ✍️के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #आशिकी में :- के एल महोबिया
K L MAHOBIA
मेरी महकती सांसों में तुझको बसा लूंगा। कितना भी बचो खुद से मैं अपना बना लूंगा। मुझसे छुपा ओ कितना मैं तुझको चुरा लूंगा। तेरी महक उड़ती नभ में अपना खुदा लूंगा। देखो तड़प मेरी सपनों में आ मिलो खुद ही तेरी कसम से मैं खुद से सपना भुना लूंगा। तोड़ेंगे कसम फिर वो हम आके मिले दिल से मेरी धडकनों में फिर मैं तुझको सज़ा लूंगा। मौके की नजाकत को तुम समझो अभी जाने तेरी महक खुशबू को इक सपना बना लूंगा। वैसे सबक देना तुमको चढ़ता नशा दिन का मेरे सनम तुमको दिल से अपना दुआ लूंगा। तेरी चमक होगी महफ़िल में फिर नज़ारे की तेरी महक को दिल में ले नगमा सज़ा लूंगा। के एल महोबिया ©K L MAHOBIA #आशिकी :- के एल महोबिया