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Nisha Jha
कोई दर्द से कहेगा क्या कुछ कम करें ये फलज़फा कुछ वक्त में मिट जायेगा ये ज़िंदगी का सिलसिला क्या है सुकून ये बता मुझे मुझको भी खुशियों से मिला। #दरखास्त#
J P Lodhi.
Suno Chaand नाआसमां से चांद तारों की ख्वाहिश है ना जुगनुओं की तलाश है, मेरी तो रब के दरबार में बस एक सच्चे हमसफ़र की दरखास्त है। JP lodhi #दरखास्त
CalmKazi
हमारे मरने पर जश्न मना लो, रोते तो सारे ज़िंदगी भर हैं । दरखास्त #CalmKaziShorts Series #CalmKaziWrites #YQDidi #Hindi #Shorts
Ashhar Ali
तेरी परछाई।। किस बात से यूं तू रूठ के बैठा है, बस कुछ हालात से यूं तू टूट के बैठा है। अपने-पराए,वफाई- बेवफाई, के किस्से तू उस दिन सुनाना जिस दिन अँधेरे में भी तेरी परछाई तेरे साथ खड़ी हो और तूने खुद से खुद की लड़ाई लड़ी हो। झोंक दे खुद को ये वक़्त खुद ही सम्भल जाएगा, एक पत्थर तो मार के देख पूरा समंदर हिल जाएगा।। -ALY तेरी परछाई।। #दुवाओं की दरखास्त।। #poetry #nojoto #nojotohindi
maihar rankaj chaurasia
तकलीफ में हूँ कोई उनको बता दे दुआ न करे वो मेरे ख़ैरियत की खुदा से खुद दरखास्त है मेरी कब्र खोद कर वो बेवफा खुद दफना दे #तकलीफ में हूँ कोई उनको बता दे #दुआ न करे वो मेरे #ख़ैरियत की खुदा से खुद #दरखास्त है मेरी #कब्र खोद कर वो #बेवफा खुद #दफना दे
VATSA
घर के सामानों की फ़ेहरिस्त बढ़ा के चल दिए वो मेरी आख़िरी दरखास्त भी ठुकरा के चल दिए कई रातें जाग कर जो हमने सपने साथ देखे थे उसी बात पर वो कल रात मुस्कुरा के चल दिए #घर #dsvatsa #vatsa #yqbaba #yqdidi #hindishayari घर के सामानों की फ़ेहरिस्त बढ़ा के चल दिए वो मेरी आख़िरी दरखास्त भी ठुकरा के चल दिए कई
राज सिद्धि
तो समझ लेना खुद के मुजरिम हो तुम।। ---------------------------------------------------- जब रूह खुद से रिहाई की दरख्वास्त देने लगे। ........तो समझ लेना खुद के मुजरिम हो तुम।। गुनाह जब दिखने लगे धुओं मे बनती एक तस्वीर की तरह। आदते फिर रिहाई की दरखास्त देने लगे। रूह अपनी आजादी को मचलने लगे। तो समझ लेना खुद के मुजरिमं हो तुम। ...................दिल के मुजरिमं हो तुम।। पन्ने कोरे कागज के, जब लकीरो के ऊँलझन में खुद को पाये। लाख धड़कने तुम्हारी फिर वही बातें दोहराये ..। किनारों की चाह हो पर हर बार भंवर मे ऊलझ जायें। तो समझ लेना खुद के मुजरीमं हो तुम। ....................दिल के मुजरिमं हो तुम।। गर दिल की बाते दिल में रह जाये। सपने में सपनों के ख्वाब सताये। कहना हो किसी से कई सारे किस्से। पर सुनने वाला कोई मकान ना रह जाये।। तो समझ लेना खुद के मुजरिमं हो तुम। ....................दिल के मुजरिमं हो तुम।। ✒️सिद्धि तो समझ लेना खुद के मुजरिम हो तुम।। ---------------------------------------------------- जब रूह खुद से रिहाई की दरख्वास्त देने लगे। ......
Kh_Nazim
तुम्हरा कनीज़ हर बार तेरे साथ लम्हा ये यू ही गुजर जाता है कितना भी रोकू, रेत की तरह फिसल जाता है। कितनी बार तुमसे मिनाते करते है रुक जाने की... पर शायद तुम भी अपने रवैये पे हो की बिन पानी मछली की तरह, छोड़ हमे निकल जाया करती हो। कभी थोड़ी इखलाश-ए-मुश्करहट का नज़राना हमे भी दे दो ताउम्र याद रखेगें उसको, बस एक बार अपना हाथ मेरे हाथ में दे दो। तुम्हारा कनीज़ बनकर रहा लेगा यह नाज़िम बस एक बार मुस्कुराकर हाँ तो कह दो। अपने दिमाग की जिंजीरो पे यक़ीद न मत करना अगर मर गए हम कॅरोना से शायद तो इस पे भी मिलने की दरखास्त न करना। तुम शायद अनदेखा कर मेरे मोहब्बत का दरया, किसी कोने में बे-हतासा उदास लगती हो बिखरना मत तुम न बोलकर भी... तुम्हारी कसम वह शायद मैं परेशां लगता हु हर बार तेरे साथ वक्त-बेवक़्त निकल जाता है मोहब्बत तो करता हु तुझसे बे-इन्तेहा बस समय हाथ से पानी की तरह निकल जाता है।। तुम्हारा कनीज़ ....! हर बार तेरे साथ लम्हा ये यू ही गुजर जाता है कितना भी रोकू, रेत की तरह फिसल जाता है। कितनी बार तुमसे मिनाते करते है रुक