Nojoto: Largest Storytelling Platform

New चिल्लाकर गाऊंगा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about चिल्लाकर गाऊंगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चिल्लाकर गाऊंगा.

    PopularLatestVideo

दीपक पंडित

गीत नया गाऊंगा,गीत नया गाऊंगा

read more
तेरी आन रहे तेरी शान रहे जीवित तेरा सम्मान रहे
मैं रहूं चार दिन या न रहूं जिंदा मेरा हिंदुस्तान रहे गीत नया गाऊंगा,गीत नया गाऊंगा

Satish Sharma

#धन्यवाद के साथ स्तूति गाऊंगा! #nojotovideo

read more
mute video

kumaarkikalamse

ख़ामोश रहने की सलाह देते हैं अक्सर वो लोग,
जिन्हें चिल्लाकर लोगो को चुप कराने की आदत है!  #कड़वा_सच #चिल्लाकर #चिल्लाना #kumaarsthought #ख़ामोश

हिंदू धर्म का बेटा हूं हिंदू धर्म ही गाऊंगा #विचार

read more
mute video

Balwant Kumar

राम चिल्लाकर के इंशा रावण पाल रहा ।

read more
mute video

Kenpi K.P.

गाऊंगा कैसे? #sayri #gjl #Singing #write #writer #writing #Writen #शायरी

read more
mute video

Abhishek Singh Rathore

"मेरा हर जिक्र उसकी फ़िक्र से जुदा होगा मैं उसका नाम किसी गीत में न गाऊंगा" ~ @DrKumarVishwas

read more
"मेरा हर जिक्र उसकी फ़िक्र से जुदा होगा
मैं उसका नाम किसी गीत में न गाऊंगा" "मेरा हर जिक्र उसकी फ़िक्र से जुदा होगा
मैं उसका नाम किसी गीत में न गाऊंगा"

 ~ @DrKumarVishwas

#maxicandragon

घुन खुद परेशान आखिर गया कहाँ मेरा अनाज चिल्ला चिल्लाकर चिखता रहा कितना बेरहम हो गया समाज #Sadharanmanushya

read more
घुन खुद परेशान आखिर गया कहाँ मेरा अनाज

चिल्ला चिल्लाकर चिखता रहा कितना बेरहम हो गया समाज
#Sadharanmanushya

©#maxicandragon घुन खुद परेशान आखिर गया कहाँ मेरा अनाज

चिल्ला चिल्लाकर चिखता रहा कितना बेरहम हो गया समाज
#Sadharanmanushya

रजनीश "स्वच्छंद"

मैं पतझड़ गाऊंगा।। आज मैँ पतझड़ गाऊंगा, उमड़ घुमड़ मैं गाऊंगा। जो आस की जननी रही सदा, मैं अमर उसे कर जाऊंगा।, धरती बंजर ये बोल रही, #Poetry #kavita

read more
मैं पतझड़ गाऊंगा।।

आज मैँ पतझड़ गाऊंगा,
उमड़ घुमड़ मैं गाऊंगा।
जो आस की जननी रही सदा,
मैं अमर उसे कर जाऊंगा।,

धरती बंजर ये बोल रही,
चिड़िया भी मुख है खोल रही।
वीरान पड़े हैं बाग ये देखो,
डाली बिन पत्ते डोल रही।
मन मे आस लिए डोले,
अन्तर्मन भी खुल खुल बोले।
नवजीवन का संचार लिए,
बीज उड़े हौले हौले।
बगिया भी मन्द मुस्काती है,
श्रृंगारोत्सव की बेला है।
संग झूमेंगे उसके सहोदर भी, 
पता झूम रहा जो अकेला है।
दुख की बदली जब जब छाये,
आशाएं तभी पनपतीं हैं।
घना अंधेरा जो दिख जाए,
दीप-लौ तभी दमकतीं हैं।
जन्मोत्सव है आज आस की,
आज मैं जी भर गाऊंगा।
आज मैँ पतझड़ गाऊंगा,
उमड़ घुमड़ मैं गाऊंगा।
जो आस की जननी रही सदा,
मैं अमर उसे कर जाऊंगा।,

पतझड़ कहती, अवसान मेरा,
एक सुखद लाभ पहुंचाएगा।
जब भी होगी मेरी विदाई,
बादल भी घिर घिर छायेगा।
शुष्क धरा जल की बूदें,
भीनी महक जगाएगी।
निर्जीव पड़ी ये पत्ती भी,
यौवन पा कर शर्माएगी।
परम् सत्य है, गांठ बांध लो,
हर सुबह रात के बाद हुई।
मेरा चर्चा तो आम रहा,
जब नवजीवन की बात हुई।
एक सत्य पतझड़ बोली,
अवसान सुखद भी होता है।
सुबह तेरी होगी एक दिन,
क्यूँ पकड़ माथ तू रोता है।
इस परमसत्य की आभा में,
चमक चमक मैं गाऊंगा।
आज मैँ पतझड़ गाऊंगा,
उमड़ घुमड़ मैं गाऊंगा।
जो आस की जननी रही सदा,
मैं अमर उसे कर जाऊंगा।,

©रजनीश "स्वछंद" मैं पतझड़ गाऊंगा।।

आज मैँ पतझड़ गाऊंगा,
उमड़ घुमड़ मैं गाऊंगा।
जो आस की जननी रही सदा,
मैं अमर उसे कर जाऊंगा।,

धरती बंजर ये बोल रही,

Adarsh Bajpai

के शब भर चीख चिल्लाकर जो वो पैसे कमाती है… उसी पैसे से उसकी बेटी प्रातः स्कूल जाती है… #आदर्श #themodernpoets #Poetry

read more
के शब भर चीख चिल्लाकर जो वो पैसे कमाती है…
उसी पैसे से उसकी बेटी प्रातः स्कूल जाती है…

#आदर्श

#themodernpoets
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile