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Kiran Chaudhary
वक़्त की भी रजा है, न जाने क्या ही करती है, ज़िन्दगी मुझसे खफा है औऱ मैं ज़िन्दगी से।। ©Kiran Chaudhary वक़्त की भी रजा है।।
वक़्त की भी रजा है।।
read moreनवनीत ठाकुर
"तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी दिल दर्द से भर गया, हर बार तुमसे जो उम्मीदें थीं, इस बार भी ख्वाबों की तरह बिखरा। "तेरी कसमों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
#नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
read moreनवनीत ठाकुर
कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब खुद को समझ लिया, तो फिर ताल्लुुक़ में क्या है। ज़िंदगी के मोड़ों पे, ग़म और खुशी की छाँव मिली, मगर जब हकीकत सामने आई, तो फिर ख्वाबों में क्या है। तोड़ने चले थे हर तारा, अपने आसमान से, मगर जब खुदा मिला, तो फिर इस तलाश में क्या है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब
#नवनीतठाकुर कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब
read moreRabindra Kumar Ram
" मैं अपने ख़सारे की बात कब तक करें कि जाये , इस दफा भी दिल को फिर बात की दुहाई दी जाये , आलम तेरे एहसासों अब भी जीने को बैठे ऐसे की , तेरी तलब अब भी ऐसी है जैसे की अभी अभी मुतमास हो ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " मैं अपने ख़सारे की बात कब तक करें कि जाये , इस दफा भी दिल को फिर बात की दुहाई दी जाये , आलम तेरे एहसासों अब भी जीने को बैठे ऐसे की , तेरी
" मैं अपने ख़सारे की बात कब तक करें कि जाये , इस दफा भी दिल को फिर बात की दुहाई दी जाये , आलम तेरे एहसासों अब भी जीने को बैठे ऐसे की , तेरी
read moreनवनीत ठाकुर
बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी। कभी गिरकर, फिर उठते हम, दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी। राहों में तूफ़ान हों या अंधेरे, खुद से लड़कर ही जीतना ज़रूरी। हर मुश्किल को ताकत में बदलकर, मंजिल तक पहुंचना ज़रूरी। ©नवनीत ठाकुर #बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी। कभी गिरकर, फिर उठते हम, दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी। राहों में तूफ़ान ह
#बेताब दिल को संभालना मुश्किल, फिर भी इस राह पर चलना ज़रूरी। कभी गिरकर, फिर उठते हम, दर्द में जीने की, एक वजह भी जरूरी। राहों में तूफ़ान ह
read moreAbeer Singh
लाख पतन हो जाए फिर भी हार नहीं मानूंगा मैं ! हो समय भले विपरीत किंतु तकरार नहीं ठानूंगा मैं ! मैं ताने सुनकर भी सह लूंगा, मैं गाली सुनकर भी रह लूंगा, हर तानों से लड़ जाऊंगा पर भीख नहीं मांगूंगा मैं !! माना है, कठिन डगर लेकिन हर मुश्किल पर चल जाऊंगा ! हो ऊंचा पर्वत कितना भी मैं मेहनत से चढ़ जाऊंगा !! द्वंद्व छिड़ा है अंतर्मन में तो खुद से संवाद करूंगा मैं, हर मुश्किल से लड़ जाऊंगा पर खुद को आबाद करूंगा मैं !! by Ram ©Abeer Singh लाख पतन हो जाए फिर भी हार नहीं मानूंगा मैं ! Extraterrestrial life
लाख पतन हो जाए फिर भी हार नहीं मानूंगा मैं ! Extraterrestrial life
read moreRakesh frnds4ever
White जब जब भी या जब कभी भी जरूरत थी मुझे ,, तब तो किसी ने कुछ भी मेरे लिए जरूरी समझा नहीं!!!!:::: अब जब की कुछ भी जरूरी नहीं रहा मेरे लिए ,,तो,,फिर किसी की भी या कुछ भी जरूरी क्या है मेरे लिए!!???!!! _________ ©Rakesh frnds4ever #जब जब भी या जब #कभी भी #जरूरत थी #मुझे ,, तब तो किसी ने कुछ भी मेरे लिए #जरूरी समझा नहीं!!!!:::::: अब जब की #कुछ_भी जरूरी नहीं रहा #मे