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theABHAYSINGH_BIPIN
White इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब में नहीं, कोई और ब्याहकर ले जाएगा। जब तक डूबे हो इश्क़ में, डूबे ही रहना, होश में आने पर सब कुछ तबाह हो जाएगा। इश्क़ करना और मुकद्दर उसे जिंदगी बना दे, अच्छा स्वप्न है, ये तो गहरी नींद में ही आएगा। ये सब लोग जो मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं, ये इश्क़ का बुखार है, सबको ही आएगा। ख्याल इश्क़ का अच्छा है जनाब, दरिया में उतरने का ख्याल गर्त ले जाएगा। यहाँ की हवा में इत्र, इश्क़ की बिखरी है, भंवर है, जाल है, सब कुछ डूब ही जाएगा, वो समझता है इश्क़ उसके काबू में है, खूबसूरत हादसे का शिकार खुद हो जाएगा। जाम-ए-इश्क़ के नशे में डूब रहे सभी, इश्क़ के जाल से जाने कौन बच पाएगा, मिलता कुछ ना गहरे ज़ख्मों के सिवा, इश्क़ में फना होना ही नसीब में आएगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब
#Sad_Status इश्क़ का सबके हिस्से में अंजाम यही आएगा, ये दर्द एक मंजिल है, नसीब सबको आएगा। हाथों पर लकीरे खींचने से मुकद्दर नहीं बदलता, नसीब
read moreParastish
White कितनी प्यारी कितनी सुन्दर कितनी अजमल वो आँखें देखे जो भी कर देती हैं उस को घायल वो आँखें दिल में पसरे सन्नाटे को बाँध के अपने पोरों से बन के धड़कन छम-छम करती जैसे पायल वो आँखें शाम सवेरे डोले ऐसे मन के वीराँ आँगन में दूर गगन में गोया कोई उड़ता झाँकल वो आँखें बचने को मुश्ताक़ जहां से मस्त रुपहली क़ामत पे शर्म हया का पैराहन या कह लो आँचल वो आँखें उन की शोख़-निगाही के अफ़्सूँ का भी है क्या कहना आलम सारा कर दे आबी बरखा, बादल वो आँखें तीर-ए-मिज़्गाँ ऐसे कितने अहल-ए-दिल नख़चीर हुए कितने बिखरे कितने तड़पे कलवल कलवल वो आँखें ©Parastish अजमल- रूपवान,अत्यधिक सुंदर गोया - मानो, जैसे । झाँकल- परिंदों का झुंड मुश्ताक़ - शौक रखने वाला, अभिलाषी रुपहली - चाँदी जैसी । क़ामत - शरीर
अजमल- रूपवान,अत्यधिक सुंदर गोया - मानो, जैसे । झाँकल- परिंदों का झुंड मुश्ताक़ - शौक रखने वाला, अभिलाषी रुपहली - चाँदी जैसी । क़ामत - शरीर
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा, अपने ही घर मे हर अफराद जुदा-जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा-ए-खुदा न समझा,उमीदे-अदल थी जिनसे,वो बाप विरासत देने मे गूंगा-बहरा सा मुझे दिखा//२ जो दबाते है सरमाया अपने हमशीरी का,वो रोजे मह्शर अल्लाह-रसूल् से शर्मिंदा खड़ा सा मुझे दिखा//३ वो एहसासे कमतरी का शिकार न दिखा,हाँ आज उसके मन मे जहरीला गुबार उड़ता सा मुझे दिखा//४ नफरत की अफीम बोई है,जिस हासिद ने,अब ईद दिवाली स्नेह मिलन पर,वो नफरते फसल काटता सा मुझे दिखा//५ हाशिये पर पसमन्दो को निशाना बनते मुझे दिखा, इस मानिंद नशेमन रिआया का गिरता सा मुझे दिखा//६ जो अना और किना परस्त बड़े लोग है,मुझको तो ऐसे लोगो का किरदार अदना सा मुझे दिखा//६ जाइए मत आप"शमा"की बेबाकी पर,मै खामखाह, सुर्ख़रू हुआ,जो ये हयात शनासा सा मुझे दिखा//७ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा- जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा -ए-खुदा न समझ
#sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा- जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा -ए-खुदा न समझ
read moreRam Prakash
White कई कई पीढ़ियाँ अभिशप्त होती है जब अपनों का शिकार करके इच्छाऐं तृप्त होती हैं ©Ram Prakash #sad_qoute शिकार
#sad_qoute शिकार
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ठहरे हुये जज्बात है जमा समय खर्च रहा है कातिल कोई तो है जो बहाव का रुख बदल रहा है यकीनन हम शिकार राजनीत के है मगर व्यवस्थाओ को घुन की तरह पीस रहा है अगर आबाद नही होगी आबादी तो खतरों से खेलने के लिये आमदा हर वर्ग होगा संघर्षों में तब्दील होगी बस्तियां अराजकता का माहौल होगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_shayri यकीनन हम शिकार राजनीति के है
#Sad_shayri यकीनन हम शिकार राजनीति के है
read moreवैभव जैन
White 🌷शिकार 🌷 ना तुम शिकार करो ना तुम शिकार बनो अपने प्राणों की तरह ही जीवो से प्यार करो अपने जीवन से सभी प्यार करें महान वह है जो औरों को जीवन दान करें जीव हत्या से बड़ा कोई पाप नहीं जीव रक्षा से बड़ा कोई पुण्य नहीं पाप छोड़ो सभी पुण्य काम करो ना तुम शिकार करो ना तुम शिकार बनो ©वैभव जैन #शिकार
बेजुबान शायर shivkumar
एक्न्यासिकर् ©बेजुबान शायर shivkumar एक नया #शिकार हम न जाने ये कैसी #शिकायतों का हम हो गए.. हमने जितना #दिल साफ रखा उतने ही #गुनेहगार हो गए.. .!❤️ #बेजुबानशायर143 #बेजुब
एक नया शिकार हम न जाने ये कैसी शिकायतों का हम हो गए.. हमने जितना दिल साफ रखा उतने ही गुनेहगार हो गए.. .!❤️ बेजुबानशायर143 बेजुब
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी शिकार पर निकला है शिकारी भरम का जाल फैलाता है जीत ना सका दिल जनता का बटोगे तो कटोगे का डर जनता को दिखाता है उन्माद फैलाकर सत्ता को चूमना चाहता है गायब हो गया राष्ट्रवाद ख़ौप का प्रयोग करके चुनावी वैतरणी पार करना चाहता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #life_quotes शिकार पर निकला है शिकारी
#life_quotes शिकार पर निकला है शिकारी
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