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Arora PR
तुम्हारी ये लम्बी चुप्पी मौन सन्देश दें रही कि तुम्हे मेरी बात मान लेने मे कोई एतराज़ नहीं हैँ फिर भी मै चाहुँगा कि तुम्हारे इस मौन का भावार्थ समझने की चेष्टा अवश्य करके देखु कि कही तुम इस धैर्य धारण के कवच से अपने ह्रदय को आहत तो नहीं कर रहे हो? ©Arora PR मौन का भावार्थ
Rj Prashant
हम दीवानों की क्या हस्ती है... आज यहाँ तो कल वहाँ चले....!! कभी हँसते, कभी गाते तो कभी मुस्कुराते चले... हम दीवानों की क्या हस्ती है... आज यहाँ तो कल वहाँ चले....!! कभी ग़मों को लूटते तो कभी खुशियाँ लुटाते चले... हम दीवानों की क्या हस्ती है... आज यहाँ तो कल वहाँ चले....!! Rj Prashant हम दीवानों की क्या हस्ती है... आज यहाँ तो कल वहाँ चले....
Parasram Arora
मेरे मौन शब्दों का अर्थ जानना निरर्थक सिद्ध हो सकता है यधपि उनका भावार्थ समझा जा सकता है.... क्योंकि भाव की कोई भाषा नहीं होती वहा तो केवल अनुभूति का अस्तित्व होता है वो तो वैसा ही है जैसे चन्द्रमा की मौन चांदनी की स्निग्धता का सुखद अहसास जैसे वक्ष की ऊँची शाखाओं पर हवाओं क़ि हलचल से उपजि..हुई खड़खड़ाहट और सरसराहट पत्तों की ©Parasram Arora मौन शब्दों का भावार्थ.......
Azeem Khan
इस तरह सारी कायनात बनाई गई । पहले दिन बना फ़िर रात बनाई गई । अलग अलग मिट्टी से बनाए गए दिल। अलग अलग दीवानों की ज़ात बनाई गई। ©Azeem Khan #दीवानों की azeem khan#