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Himanshu Prajapati
ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! ©Himanshu Prajapati #BhaagChalo ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! #36gyan #hpstrange
#BhaagChalo ज्यादा बोलता हूं तो क्या हुआ, आगर सोच कर ही बोलना होता तो फिर क्या ही बोलता...! #36gyan #hpstrange
read moregaTTubaba
Unsplash वाकई में तुम बेमिसाल हो ? या फिर ये गलतफहमी हैं क्या सच में भगवान मिल गया हैं या फिर ये गलतफहमी हैं ? यकीन को यकीन पर इतना यकीन क्यों हैं या फिर ये गलतफहमी हैं कितनी खूबसूरत हैं चाहे फिर भी अगर ये गलतफहमी हैं ©gaTTubaba #lovelife वाकई में तुम बेमिसाल हो ? या फिर ये गलतफहमी हैं क्या सच में भगवान मिल गया हैं या फिर ये गलतफहमी हैं ?
#lovelife वाकई में तुम बेमिसाल हो ? या फिर ये गलतफहमी हैं क्या सच में भगवान मिल गया हैं या फिर ये गलतफहमी हैं ?
read moreनवनीत ठाकुर
कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब खुद को समझ लिया, तो फिर ताल्लुुक़ में क्या है। ज़िंदगी के मोड़ों पे, ग़म और खुशी की छाँव मिली, मगर जब हकीकत सामने आई, तो फिर ख्वाबों में क्या है। तोड़ने चले थे हर तारा, अपने आसमान से, मगर जब खुदा मिला, तो फिर इस तलाश में क्या है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब
#नवनीतठाकुर कभी खो जाने का डर था, फिर भी ढूंढते रहे, जब रौशनी मिली, तो फिर अंधेरों की सजा क्या है। हम नहीं चाहते थे कोई इनाम या शोर, पर जब
read moreMayuri Bhosale
नाटक.... जीवन आहे एक न संपणार नाटक, सगळे लोक असतात याचे पात्र आणि घटक. नाटक असते एक रंगभूमी, पण कलाकारांची असते ती कर्मभूमी. इथे सादर करतात अनेक कला, प्रश्न व उत्तर यांची मोजली जाते मग तुला. कलाकार मंडळी करतात अनेक वेशभूषा, सादरीकरण असे जणू की न संपणाऱ्या वेड्या आशा. पडद्यामागच्या लोकांची इथे गोष्ट असते वेगळी, पडदा उघडताच समोर येतात रोज नव्या खेळी. नाटक आहे सुंदर आयुष्याचे गीत, शेवटी लोक पाहतात यामध्ये सत्याचीच जीत. असे हे नाटक कधीही न उलगडणारी कथा, सगळ्यांच्याच आयुष्याची असते ही व्यथा. ©Mayuri Bhosale नाटक
नाटक
read moreMayuri Bhosale
नाटक.... जीवन आहे एक न संपणार नाटक, सगळे लोक असतात याचे पात्र आणि घटक. नाटक असते एक रंगभूमी, पण कलाकारांची असते ती कर्मभूमी. इथे सादर करतात अनेक कला, प्रश्न व उत्तर यांची मोजली जाते मग तुला. कलाकार मंडळी करतात अनेक वेशभूषा, सादरीकरण असे जणू की न संपणाऱ्या वेड्या आशा. पडद्यामागच्या लोकांची इथे गोष्ट असते वेगळी, पडदा उघडताच समोर येतात रोज नव्या खेळी. नाटक आहे सुंदर आयुष्याचे गीत, शेवटी लोक पाहतात यामध्ये सत्याचीच जीत. असे हे नाटक कधीही न उलगडणारी कथा, सगळ्यांच्याच आयुष्याची असते ही व्यथा. ©Mayuri Bhosale नाटक
नाटक
read moreKulvant Kumar
"जब खुद का ही मस्तिक अपने पंख काट दे तो, फिर सपने उड़ान भरने के भी आय तो क्या हो"
read moreAsraf Husain
वो लहू क्या है रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है। -मिर्जा ग़ालिब
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White क्या ग़ज़ब वाक़या हुआ वो क़ैद रहे अपनी ख़ुदी में हम अपना करम करते रहे वो मोहब्बत निभा न सके हम मुसलसल इश्क़ करते रहे ©हिमांशु Kulshreshtha क्या ग़ज़ब....
क्या ग़ज़ब....
read moreneelu
White अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..क्या मोटा आप किस बात का फर्क मिटाना चाहते हैं?, ©neelu #GoodMorning #अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या #मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..
#GoodMorning #अगर हम फर्क करना भूल जाएंगे कुछ बातों में तो ......क्या होगा क्या हिंदू.. क्या #मुस्लिम क्या गोरा ...क्या काला क्या पतला ..
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